
ऊना/नारी/जोल। जिले में धार्मिक आयोजनों के साथ खूब गुलाल उड़ा। कहीं झंडा रस्म अदा की गई तो कहीं डीजे के धुनों पर युवाओं ने धमाल मचाया। रंगों के साथ गर्मी के बीच पानी के साथ खूब होली खेली गई। होली पर्व के दिन धार्मिक स्थलों में श्रद्धालुओं की अच्छी खासी भीड़ लगी रही। एक साथ मिलकर होली खेलते हुए सभी ने एक दूसरे को होली की बधाई दी।
उत्तरी भारत के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल आश्रम डेरा बाबा रूद्रनंद नारी में होली का वार्षिक उत्सव दो सालों के बाद हुआ। यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु एकत्रित हुए। आश्रम के अधिष्ठाता 1008 श्री श्री सुग्रीव नंद जी महाराज ने ध्वज की विधिपूर्वक धूने पर पूजा की।
इस बीच श्रद्धालुओं ने ऊपर से गुलाल और पुष्प वर्षा की। ध्वजारोहण के बाद श्रद्धालुओं ने धूने पर महाराज श्री का आशीर्वाद लिया और प्रसाद ग्रहण किया। आश्रम के आचार्य एवं कथा वाचक सुरेंद्र शास्त्री ने बताया कि होली हमारा वैदिक उत्सव है। यह ध्वज धर्म की विजय का प्रतीक है।
जिले के विभिन्न भागों में भी होली पर्व को लेकर खूब जश्न हुआ। युवाओं ने एक-दूसरे को होली के रंग लगाए और डीजे के धुनों पर जश्न मनाया। बच्चों ने गुलाल लगाकर बड़ों का आशीर्वाद लिया। मंदिरों में जाकर देवी-देवताओं को भी होली रंग लगाया गया।
तलमेहड़ा बाजार में बडोआ, रौनखर के युवाओं और बच्चों का समूह एकजुट होकर होली खेलने निकला। इस मौके पर लक्की, राकेश, हर्ष, साहिल, सौरभ ने अपने साथियों के साथ परंपरागत तरीके से होली त्योहार मनाया। युवाओं ने तलमेहड़ा बाजार के दुकानदारों और घर-घर जाकर एक दूसरे को गुलाल लगाकर होली के पावन पर्व की शुभकामनाएं दी। दिनभर युवाओं की टोलियां मस्ती में घूमती नजर आईं।
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