मेरठ में हिंदूवादी नेता सचिन सिरोही को शनिवार को क्राइम ब्रांच की टीम ने मानसरोवर स्थित उसके घर से गिरफ्तार कर लिया। उस पर आठ महीने पहले हुए दीपक हत्याकांड के बाद जाम लगाने और आपराधिक षडयंत्र रचने का मामला परीक्षितगढ़ थाने में दर्ज था। गिरफ्तारी के बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट में सचिन के वकील की ओर से जमानत याचिका दायर की गई। कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज करते हुए आरोपी को जेल भेज दिया गया।
परीक्षितगढ़ थाना क्षेत्र के खजूरी गांव निवासी दीपक त्यागी की 26 सितंबर 2022 को गला काटकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में एक महिला समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस के मुताबिक हत्याकांड के बाद हिंदूवादी नेता सचिन सिरोही ने भीड़ को उकसाकर जाम लगाया था और मामले को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की थी। एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि सचिन सिरोही पर पूर्व के पांच मामले दर्ज हैं। इनमें परीक्षितगढ़ में दर्ज केस में गिरफ्तारी हुई।
शुक्रवार को महापौर और पार्षदों के शपथ समारोह में एआईएमआईएम के नेता एवं पार्षदों द्वारा वंदे मातरम् न गाने को लेकर हंगामा हुआ था। शनिवार दोपहर हिंदूवादी नेता सचिन सिरोही ने अपने कार्यकर्ताओं के साथ वंदे मातरम् के अपमान का आरोप लगाते हुए चौधरी चरण सिंह पार्क चौराहे पर एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद असदुददीन ओवैसी का पुतला फूंका। कहा कि राष्ट्रीय गीत नहीं गाने वाले पार्षदों को पुलिस ने वीआईपी सुविधा दी और एक पक्षीय कार्रवाई की।
इसके बाद वह सिविल लाइन थानाक्षेत्र के मानसरोवर स्थित अपने घर चला गया। मामले की भनक लगते ही आधे घंटे बाद ही क्राइम ब्रांच टीम ने घर में दबिश देकर सचिन सिरोही को गिरफ्तार कर लिया। आरोप है कि इस दौरान सचिन सिरोही ने भीड़ को जुटाने की कोशिश की, जिसे लेकर हंगामे की स्थिति भी बन गई। कोर्ट में ले जाते समय सचिन ने मीडिया से कहा कि हिंदूओं की आवाज उठाने पर पुलिस फंसाने की कोशिश कर रही है।