नई दिल्ली। गुरुनानक देवजी की 552 वीं जयंती पर तीनों कृषि कानून वापस लेने की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र में इन्हें वापस लेने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. देश के नाम अपने भावुक संदेश में प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने किसानों के हित में ही ये तीनों कृषि कानूनों को लेन का फैसला किया था, लेकिन हम ये बात कुछ किसान भाइयों को समझा नहीं पाए. साथ ही प्रधानमंत्री ने दिल्‍ली की सीमाओं पर किसानों से आंदोलन खत्‍म कर घर लौटने की अपील की.

केंद्र सरकार के कानून वापसी के फैसले का कांग्रेस समेत कई दलों ने स्वागत किया है, वहीं एक साल से ज्यादा समय से आंदोलनरत किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा. हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा. सरकार डैच् के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें.

नरेश टिकैत ने कहा कि किसान बारूद के ढेर पर बैठे हैं. आंदोलन से ही जिंदा रहेंगे. यह जिम्मेदारी सबको निभानी होगी. उन्होंने कहा कि जमीन से मोहभंग करना सरकार की साजिश है. जमीन कम हो रही है. किसान से जमीन बेचने और खरीदने का हक भी ये लोग छीन लेंगे. जाति और मजहब को भूलकर किसानों को एक होना होगा.

उधर मुजफ्फरनगर स्थित चौधरी राकेश टिकैत के आवास पर कृषि बिल वापसी पर आतिशबाजी की गई। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी भी की।