बुढ़ाना। जिले की सबसे बड़ी सीट बुढ़ाना में आज तीसरा चुनाव होना है। परिसीमन के बाद हुए 2012 के चुनाव में सपा के टिकट पर पूर्व सांसद अमीर आलम खान के बेटे नवाजिश आलम खान विधायक चुने गए थे। 2017 में भाजपा के उमेश मलिक विधायक बने। सीट पर कुल मतदाता तीन लाख 75 हजार 73, इनमें पुरुष मतदाता 202786 और महिला मतदाता 172280 है।
भाजपा ने वर्तमान विधायक उमेश मलिक को ही टिकट दिया है। सवर्ण मतदाताओं के अलावा अति पिछड़े वोट बैंक भाजपा की मजबूती है। उमेश मलिक को पिछली बार जाट मत भी भारी संख्या में मिले थे, लेकिन देखने वाली बात यह होगी कि इस बार वह जाट मतों में कितनी सेंधमारी कर पाते हैं।
रालोद-सपा गठबंधन ने पूर्व विधायक राजपाल बालियान को मैदान में उतारा है। मुस्लिम-जाट प्लस अन्य के समीकरण से गठबंधन चुनाव लड़ रहा है। किसान आंदोलन के बाद बदले माहौल में राजपाल को उम्मीद है कि उन्हें किसानों का मत मिलेगा। बसपा प्रत्याशी अनीस दलित-मुस्लिम प्लस अति पिछड़े वोट बैंक का भरोसा है। कांग्रेस प्रत्याशी देवेंद्र कश्यप को सजातीय वोटों के अलावा अति पिछड़े वोट बैंक से उम्मीद हैं। मतदान के दौरान लोगों की नजर सिसौली और मुस्लिमों की 12 बस्ती पर भी रहेगी। सोरम भी बुढ़ाना विधानसभा में है। इस विधानसभा में ही खापों का सबसे ज्यादा प्रभाव है।
प्रत्याशी उमेश मलिक (56)
पार्टी भाजपा
शिक्षा बीएससी
मुकाबले में कहां : भाजपा के बेस वोट बैंक के अलावा हर बिरादरी में वोट।
प्रत्याशी राजपाल बालियान (70)
पार्टी रालोद-सपा गठबंधन
शिक्षा इंटर
मुकाबले में कहां : सर्वसमाज में वोट, जाट-मुस्लिम प्लस अन्य का समीकरण।
प्रत्याशी हाजी अनीस (53)
पार्टी बसपा
शिक्षा आठवीं पास
मुकाबले में कहां : बसपा का परंपरागत वोट बैंक और अन्य मतों के मिलने का भरोसा।
प्रत्याशी देवेंद्र कश्यप (34)
पार्टी कांग्रेस
शिक्षा बीटेक
मुकाबले में कहां : कांग्रेस का संकल्प पत्र, युवा और सभी वर्गों से वोटों का भरोसा।