नई दिल्ली। नवरात्रि का पावन पर्व आज से शुरू हो गया है. इस दौरान नौ दिनों तक मां दुर्गा की अराधना की जाती है. कुछ भक्त पूरे नौ दिनों तक फास्ट रखते हैं. कुछ लोग ऐसे भी हैं जो नौ दिनों में एक, दो या तीन दिन उपवास रखते हैं. पर नवरात्रि के दौरान अधिकांश ऐसे लोग होते हैं जो उपवास नहीं रखते, लेकिन लगातार नौ दिनों तक सिर्फ फ्रूट या फलाहार पर रहते हैं. चाहे घर हो या रेस्टोरेंट स्पेशल नवरात्रि खाने की इन दिनों काफी चर्चा रहती है. जो लोग नौ दिनों तक सिर्फ फलाहार पर रहते हैं वे अपनी मनपसंद का फल खाते हैं लेकिन इस दौरान वे कई गलतियां भी करते हैं जिसका खामियाजा उन्हें उठाना पड़ता है. दरअसल, अधिकांश लोग फलों को और ज्यादा टेस्टी बनाने के लिए इसमें खूब सारा चाट मसाला, नमक या सेंधा नमक मिला देते हैं. इतना ही नहीं कुछ लोग कटे हुए फलों के उपर चीनी भी छिड़क देते हैं. इन सबका शरीर पर बहुत बुरा असर पड़ता है.
मैक्स हेल्थकेयर साकेत दिल्ली में क्लिनिकल न्यूट्रिशन डिपार्टमेंट की डिप्टी हेड डॉ. रसिका माथुर कहती हैं जब हम कटे हुए फलों के उपर सेंधा नमक या काला नमक मिला देते हैं और इसका 9 दिनों तक सेवन करते हैं तो ये हमारे लिए उतने फायदेमंद नहीं होते. इसके उलट हार्ट के मरीजों को इससे नुकसान हो सकता है. वहीं डाइबिटीज के मरीजों को फलों के साथ चीनी का बिल्कुल सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि सभी फलों में पहले से ही शुगर मौजूद रहती है. डॉ. रसिका माथुर ने बताया कि सेंधा नमक, चाट मसाला, रॉक सॉल्ट, नोना सॉल्ट जैसे नमकों में आयोडीन नहीं होता है. इसे नॉन आयोडाइज्ड सॉल्ट कहा जाता है. नॉन-आयोडाइज्ड नमक हेल्दी नहीं होता है. इसमें पोटैशियम की मात्रा ज्यादा होती है जिसके शरीर में ज्यादा पहुंचने पर नुकसान होते हैं. ज्यादा पोटैशियम हार्ट के लिए अच्छा नहीं माना जाता है. इन नमकों का ज्यादा सेवन करने से डाइजेशन भी खराब हो जाता है. अगर आप फ्रूट के साथ नॉर्मल नमक मिलाते हैं और उसमें नींबू मिलाकर खाते हैं तो इससे नुकसान नहीं होता लेकिन अगर इसमें चाट मसाला या अन्य तरह के मसाले का इस्तेमाल करते हैं तो ये सब हमारे पेट के लिए अच्छे नहीं होते हैं. इससे गैस्ट्रिक प्रोब्लम हो सकती है.
डॉ. रसिका माथुर ने बताया कि एक तो डाइबिटीज के मरीजों को फास्ट रखना ही नहीं चाहिए. दूसरा यदि वे फास्ट रखते भी हैं तो फ्रूट का ज्यादा सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि सभी फ्रूट में शुगर पहले से मौजूद रहती है. उन्होंने बताया कि यदि आपको फ्रूट लेने ही हैं तो एक या दो मील से ज्यादा फ्रूट नहीं लीजिए. इसमें भी मूली, गाजर, नींबू का सलाद मिलाकर खाएं. फ्रूट में खटाई डालने से थोड़ा सा बैलेंस हो जाता है. लेकिन डाइबिटीज के मरीजों को दिन में एक बार जरूर खाना चाहिए. इस दौरान ट्रांस फैट को बिल्कुल नहीं खाना चाहिए. डाइबिटीज का मरीज जब भूखा रहेगा तो उस वक्त शुगर एकदम नीचे चली आएगी लेकिन जैसे ही खाना खाएगा शुगर तेजी से बढ़ जाएगी. इसलिए अगर डाइबिटीज के मरीज फास्ट रख रहे हैं तो उन्हें दिन में कम से कम एक बार जरूर खाना चाहिए. अगर आप अन्न नहीं खाते हैं तो दिन में एक बार साबूदाना की खिचड़ी जैसा कुछ खा सकते हैं. इसके अलावा बीच में पनीर भी खा सकते हैं. मूली, गाजर आदि का चिला खाना चाहिए
सामान्य व्यक्ति अगर फास्ट में हैं तो उन्हें फलों को हिसाब से खाना चाहिए. एक दिन में सामान्य व्यक्ति 150 से 200 ग्राम तक फ्रूट खा सकते हैं. लेकिन इस फ्रूट में सेंधा या काला नमक न डालें. नमक अगर डालना ही है तो 2 से 3 ग्राम से ज्यादा न हो. फ्रूट में नींबू और खीरा जरूर डालें. हां, खाने के बीच में बहुत ज्यादा गैप नहीं होना चाहिए. 3 से चार घंटे में एक बार कुछ न कुछ अवश्य खाना चाहिए. जो डाइबिटीज के मरीज हैं उन्हें तो हर हाल में तीन घंटे पर खाना चाहिए. सुबह में छाछ पी सकते हैं. इसके बाद कुछ बादाम खा सकते हैं. इसके बाद फ्रूट से फलाहार करें. खाने के बीच में ज्यादा गैप हो जाने से गैस की समस्या हो सकती है. इसलिए जल्दी-जल्दी हल्की चीजों का सेवन करना चाहिए. डिनर बहुत देर से नहीं करना चाहिए.
डॉ. रसिका माथुर ने बताया कि कटे हुए फलों को बाद में खाने के बहुत नुकसान हैं. इससे कई तरह के इंफेक्शन हो सकते हैं. उन्होंने बताया कि कुछ लोग फलों को काटकर रेफ्रिजेरेटर में रख देते हैं लेकिन यह और ज्यादा नुकसानदेह है. दरअसल, फ्रीज में सबसे ज्यादा इंफेक्शन का खतरा रहता है क्योंकि रेफ्रिजेरेटर में जब हम बचा हुआ भोजन और कच्ची सब्जियां रखते हैं तो इसमें कीटाणु मौजूद हो सकते हैं. इससे इंफेक्शन फैलने का खतरा रहता है. इसलिए उतना ही फ्रूट काटे जितना आप खा सके. फ्रूट को काटकर रेफ्रिजेरेटर में न रखें.