
मुजफ्फरनगर| यूपी के हर जिलों में तीर्थ स्थलों की भरमार है। ऐसा ही कुछ मुजफ्फरनगर में भी है। उतराखंड की सीमा से सटा ये शहर हिंदू और जैन दोनों धर्मों के लिए खास है। यहां एक ओर शुक्रतीर्थ-शुक्रताल है तो दूसरी ओर जैन धर्म के पवित्र स्थलों में से एक वहलना है। इन तीर्थ स्थलों पर रोजाना हजारों की संख्या में पर्यटक आते हैं। अगर आप भी मुजफ्फरनगर घूमने जाना चाहते हैं तो ये स्टोरी आपके लिए है। आज हम आपको इस शहर के बेहतरीन टूरिस्ट स्पॉट के बारे में बताने जा रहे हैं।
जैन धर्म के पवित्र स्थलों में से एक वहलना है। इस जैन मंदिर को 1008 पार्श्वनाथ दिंगबर जैन अतिशय क्षेत्र के नाम से भी जाना जाता है। इस स्थान की खास बात ये है कि मंदिर की दीवार एक ओर शिव मंदिर और दूसरी ओर मस्जिद से सटी हुई है। मंदिर परिसर में आपको भगवान पार्श्वनाथ की 31 फीट ऊंची खड्गासन प्रतिमा स्थापित है। वहीं 57 फीट मनस्थम, पांडुक शिला और महावीर बाल वाटिका भी है। देखने को मिल जाएगी। इसके अलावा यहा नौचुरोपैथी अस्पताल और रिसर्च सेंटर भी है। यहां घूमने आने वाले पर्यटकों की ठहरने की भी व्यवस्था है।
शुक्रताल कस्बे में हनुमत धाम मंदिर है। इसका निर्माण 1987 में हुआ था। यहां भगवान हनुमान की 72 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित है। जिसे सहडोल के केशव राम ने बनाई थी। मूर्ति के सामने एक खुला आंगन है जबकि दूसरी तरफ कथा मंच है। मूर्ति के पीछे भगवान राम, राधा-कृष्ण की प्रतिमा देखने को मिल जाएगी।
जिला मुख्यालय से 28 किलोमीटर दूर शुक्रतीर्थ-शुक्रताल है। इस स्थान का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इसी जगह पर 5 हजार साल पहले अभिमन्यु के बेटे परीक्षित को शुकदेव ने श्रीमद भगावद की कथा सुनाई थी। अब यहां शुकदेव और परीक्षित की प्रतिमाएं हैं। कार्तिक पूर्णिमा के दिन यहां हजारों की संख्या में हिंदू धर्म के लोग गंगा में डुबकी लगाने आते हैं।
शुक्रताल में ही अक्षय वट का पेड़ है। ऐसा माना जाता है कि ये 5100 साल पुराना है। 150 फीट से भी ऊंचे इस पेड़ की शाखाओं के पत्ते कभी नहीं सूखता है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक कलियुग के प्रारंभ में महर्षि शुकदेव के मुख से श्रीमद्भागवत कथा सुनक यह वटवृक्ष अमर हो गया। स्थानीय लोग इस पेड़ की परिक्रमा लगाते हैं और कामनाएं पूरी करने के लिए इसके चारो ओर लाल धागा बांधते हैं।
मुजफ्फरनगर सड़क और रेलमार्ग से जुड़ा हुआ है। बड़े शहरों के लिए सीधे बस या ट्रेन मिल जाएगी। इसके अलावा मुजफ्फरनगर से निकटतम हवाई अड्डा देहरादून एयरपोर्ट और दिल्ली एयरपोर्ट है। जहां से इसकी दूरी क्रमशः 126 किलोमीट रौ 133 किलोमीटर है।
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