झांसी. मोबाइल कभी जरुरत हुआ करता था. लेकिन, अब यही मोबाइल लोगों के लिए नशा बनता जा रहा है. मोबाइल की लत का सबसे ज्यादा शिकार बच्चे हो रहे हैं. आए दिन ऐसे मामले सामने आते हैं जहां बच्चे मोबाइल की वजह से कई बीमारियों का शिकार होते जा रहे हैं. बच्चे गुस्से से भरते जा रहे हैं. कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जिसमें बच्चों ने अपने ही घरवालों पर हमला कर दिया. वह भी सिर्फ इसलिए क्योंकि बच्चों का मोबाइल छीन लिया गया था.

ऐसे बच्चों के ईलाज के लिए झांसी के जिला अस्पताल में मोबाइल नशामुक्ति केंद्र शुरू किया गया है. अगर आपको लगता है की आपके बच्चों को भी मोबाइल की लत लग चुकी है तो आप यहां आ सकते हैं. जिला अस्पताल की मनोचिकित्सक डॉ सिकाफा जाफरीन ने बताया कि सप्ताह में 5 से 6 मामले ऐसे आते हैं जिसमें माता पिता अपने बच्चों के मोबाइल की लत की शिकायत लेकर पहुंचते हैं. बच्चों को काउंसलिंग और अगर जरुरत पड़े तो दवाई के माध्यम से उनका इलाज किया जाता है.

डॉ. सिकाफा ने बताया कि बच्चों के साथ उनके माता पिता की काउंसलिंग भी की जाती है. उन्हें बताया जाता है कि मोबाइल की लत को पहचानने में कोई जल्दबाजी ना करें. अगर बच्चों को मोबाइल से दूर करना है तो सबसे पहले माता-पिता को इससे दूर होना पड़ेगा.

जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ पी के कटियार ने कहा कि लोगों से मोबाइल की लत दूर करने के लिए इस केंद्र की शुरुआत ही गई है. मरीज सोमवार से शुक्रवार को सुबह 8 से 1 बजे के बीच यहां आकर इलाज करवा सकते हैं.