मेरठ।  मेरठ के इंचौली में धनपुर गांव में छह साल के पुनीत का कत्ल इतनी बेरहमी से किया गया कि पुलिस अधिकारी भी सच्चाई जानकर विचलित हो गए। 10 हजार रुपये उधार नहीं देने पर यूपी पुलिस में हेड कांस्टेबल के छह साल के बेटे पुनीत यादव की अगवा कर बेरहमी से हत्या कर दी गई। आरोपी सुमन यादव ने पुलिस पूछताछ में बताया कि पुनीत सुबह खेलते हुए उसके घर पहुंच गया था। सुमन अपनी बहन पूजा के साथ पुनीत को टयूबवेल में नहलाने की बात कहकर खेत में ले गई। वहां उसने रस्सी से पुनीत के हाथ-पैर बांध दिए।

पुनीत चिल्लाने लगा तो गन्ना और पत्ती उसके मुंह में ठूंस दी। पुनीत तड़पता रहा, लेकिन सुमन के हाथ नहीं कांपे। गन्ने से एक आंख भी फोड़ दी। गला घोंटकर कत्ल कर दिया। इसके बाद अपने घर आ गई। पुनीत का शव जिसने भी देखा वो सोच भी नहीं सकता था कि सुमन इस तरह से खौफनाक वारदात को अंजाम दे सकती है। पूछताछ में सुमन ने पुलिस को बताया कि उनका परिवार लंबे समय से जय भगवान के खेतों में काम कर रहा है। कुछ दिन पहले सुमन ने बिजली का बिल जमा करने के लिए जयभगवान से दस हजार रुपये उधार मांगे थे।

सुमन शराब पीती है, इसलिए जयभगवान ने पैसे नहीं दिए थे। वहां पर गांव का एक और युवक था, उसको दस हजार रुपये उधार दे दिए थे। इसके बाद से सुमन के मन में नफरत भरी थी। उसने ठान ली कि इकलौते पोते को मारकर बदला लेगी। रविवार को उसने हत्याकांड को अंजाम दे दिया। पुलिस के मुताबिक जो फिरौती का पत्र लिखा गया यह उसने पुलिस को बताया। सुमन ने बताया कि शनिवार शाम को उसके घर के बाहर वह पड़ा था। फिरौती का पत्र स्कूल की नोटबुक से फाड़ा हुआ था। जब सुमन पर शक हुआ कि अपहरण से पहले कोई फिरौती का पत्र कैसे फेंक कर जा सकता है तो उसके घर तलाशी ली गई।

वहां घर में वह नोटबुक मिली, जहां से फिरौती के पत्र को लिखने के लिए पन्ना फाड़ा गया था। सुमन ने बताया कि उसकी बेटी टीना ने नौवीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी। ये पत्र उसने बेटी से लिखवाया था, ताकि किसी को उस पर शक न हो। रात में जब पुलिस ने पूछताछ की तो सामने आया कि यह पत्र खुद सुमन ने लिखा था। पुनीत के दादा जयभगवान का कहना है कि 10 हजार रुपये के लिए सुमन हत्या नहीं कर सकती है। जमीन की रंजिश में हत्या कराई गई है। जयभगवान के मुताबिक उनकी कई सालों से जमीन को लेकर अपने भाई चरण सिंह के बेटे मनोज यादव से रंजिश चल रही है। पैमाइश के दौरान भी विवाद हुए। पिछले दिनों झगड़ा भी हुआ था।
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पत्र में लिखा था कि अगर आप अपने बेटे को चाहते हैं तो 50 लाख रुपये दो, नहीं तो इसकी लाश मिलेगी। अगर आपने किसी को बताया तो अच्छा नहीं होगा और आपको बताया जाएगा कहां पैसा लाना है। आपको अपनी छत पर खत मिलेगा वहां पैसा लेकर आना होगा और कोई होशियारी नहीं। घर और घेर में और जहां पैसे लाने होंगे वहां कैमरे लगे होंगे तो काई होशियारी नहीं। अगला खत छत पर मिलेगा, इंतजार। अपनी करनी आपका पोता भरेगा, चाहे पैसे या उसकी लाश सोच लो।

गोपाल की पत्नी सुप्रभा अपने दोनों बच्चों 9 साल की बेटी कनक और 6 साल के पुनीत के साथ गंगानगर में किराए पर रह रही थी। पुनीत मवाना रोड स्थित एमआईईटी पब्लिक स्कूल में यूकेजी का छात्र था। मई में गर्मियों की छुट्टियां होने के बाद वह तीनों गांव आ गए थे। गांव वालों ने बताया कि टीटू यादव व राजू यादव की पत्नी सुमन व पूजा सगी बहनें हैं। दोनों की पहले शादी हाे चुकी है। एक की शादी दिल्ली में हुई थी और दूसरी की गांव में ही दीपक नाम के युवक से हुई थी। शादी के करीब डेढ़ माह बाद ही शादी टूट गई। टीटू व राजू को शराब की लत है। सुमन और पूजा को भी शराब की लत है। टीटू व राजू के पिता रामपाल यादव की मौत हो चुकी है।

उनके पांच बेटे थे इनमें पप्पू सोनीपत में रहता है, धर्मेन्द्र की मौत हो चुकी है, सुंदर कहीं अलग रहता है। टीटू और राजू गांव में ही रहते हैं। रामपाल यादव के पास अच्छी खासी खेती की जमीन थी, लेकिन बुरी लतों के चलते बेटों ने सारी जमीन बेच दी, अब बस चार बीघा जमीन बची है। जिसके कारण दोनों जयभगवान यादव के यहां पर मजदूरी करते हैं पुलिस के मुताबिक सुमन ने दस हजार रुपये नहीं देने पर पुनीत यादव की हत्या की बात कबूल की है, लेकिन परिजनों ने अपने परिवार के मनोज यादव द्वारा जमीन की रंजिश में सुमन द्वारा हत्या कराने की रिपोर्ट दर्ज कराई है।

एसएसपी रोहित सिंह सजवाण का कहना है कि परिजनों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। सुमन और मनोज दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। हत्या क्यों हुई? इसकी जांच की जा रही है। जो भी साक्ष्य सामने आएंगे, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।