मेरठ। सपा संरक्षक और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव अब नहीं रहे, मगर उनकी यादें मेरठवासियों के जहन में आज भी ताजा हैं। मेरठ से उनका गहरा नाता था। यहां के कई लोग हैं, जिनसे वह हमेशा संपर्क में रहे।
पिछले 48 साल से मुलायम सिंह से जुड़े रहे सपा के निवर्तमान जिलाध्यक्ष और वरिष्ठ सपा नेता राजपाल सिंह और महाराज सिंह भारती के पौत्र मनीष भारती बताते हैं कि मुलायम सिंह ने कई बार रैलियों और सार्वजनिक मंचों पर यह बात कही कि मेरठ समाजवादी नेता महाराज सिंह भारती ने 1967 में उनका विधानसभा चुनाव के लिए जसवंत नगर से टिकट कराया था। महाराज सिंह समाजवादी सोशलिस्ट पार्टी के ऑब्जर्वर बनाकर भेजे गए थे, जिन्होंने उनका टिकट फाइनल किया था।
राजपाल सिंह बताते हैं कि वैसे तो मुलायम सिंह यादव मेरठ में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के साथ आते रहते थे, लेकिन 5 दिसंबर 1989 को मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार वह 13 दिसंबर 1989 को मेरठ में रुड़की रोड पर आरवीसी में आए थे। यहां तत्कालीन राष्ट्रपति उस कार्यक्रम में आ रहे थे, उनके अगुवानी करने के लिए आए थे। कार्यक्रम के बाद वह लालकुर्ती थाने के सामने व्हाइट हाउस के नाम से बने कार्यालय में बैठे थे। बकौल राजपाल सिंह, वहां जिलाधिकारी से कहा कि राजपाल सिंह को बुलवाइए। वह हमारी पार्टी के जिलाध्यक्ष हैं। जिलाधिकारी ने एक गाड़ी हमारे गांव रजपुरा और दूसरी गाड़ी कचहरी भेजी। बाद में मैं उन्हें आरएस के नाम से एक रेस्टोररेंट था, उसमें मिला। इसके अलावा उनके मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान आरक्षण विरोधी आंदोलन चला तो वह उन्हें कार में बैठकर बागपत ले गए, जहां मीटिंग हुई और आंदोलन शांत कराया गया। बागपत के बरनावा में झगड़ा हो गया था, तो वहां भी गए थे।
सपा के निवर्तमान जिलाध्यक्ष बताते हैं कि बात 1977 की है। मुलायम सिंह यादव कॉपरेटिव मिनिस्टर थे। वह मोदीनगर में कॉपरेटिव शाखा का उद्घाटन करने के लिए आए थे। व्यस्त चल रहे थे, तो उनकी दाढ़ी बढ़ी हुई थी। मंत्री होते हुए भी कितने सरल थे, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि उन्होंने मोदीनगर में सड़क किनारे अपनी गाड़ी रुकवाई और वहीं कुर्सी और शीशा लगाकर बैठे एक हेयर ड्रेसर से शेविंग कराई।
बकौल राजपाल सिंह, 1987 में मेरठ में दंगा हुआ था। इस दौरान मुलायम सिंह यादव मेरठ आए थे। तब वह राजपाल सिंह, विधायक शाहिद मंजूर के पिता मंजूर अहमद, सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी आदि के साथ मलियाना गए थे और वहां पता चला कि कुएं में कुछ शव पड़े हैं तो वहां खड़े होकर शव निकलवाए थे। काफी बदबू थी, मगर वहीं खड़े रहे थे। बाद में लखनऊ में एक सम्मेलन में भी उन्होंने यह बात दोहराई थी।
बरनावा से विधायक भोपाल सिंह की 1991 में पीएल शर्मा जिला अस्पताल में हत्या कर गई थी। मुलायम सिंह सीडीए ऑफिस के बराबर में इनकी कोठी पर तेरहवीं में आए थे। इसकी सूचना पहले से किसी को नहीं दी गई थी। हेलिकॉप्टर से पुलिस लाइंस उतरे थे। संजय अग्रवाल ज्वाइंट सेक्रेटरी थे, जिनका फोन डीएम, एसएसपी और राजपाल सिंह के पास आया था कि मुख्यमंत्री आ रहे हैं, मगर किसी को बताना नहीं है।
साल 2010 में हुए विक्टोरिया पार्क अग्निकांड के बाद भी मुलायम सिंह यादव मेरठ आए थे। हालांकि इस दौरान कुछ लोगों ने उनके खिलाफ नारेबाजी कर दी थी। झगड़ा हुआ था, जिसमें पूर्व मंत्री अब्बास का कुर्ता फट गया था। इस कांड के बाद उन्होंने पीड़ितों को मुआवजा भी दिलवाया था।
वर्तमान में भाजपा एमएलसी डॉ. सरोजिनी अग्रवाल ने खरखौदा में एक मेडिकल कॉलेज बनवाया है, जिसका नाम पर मुलायम सिंह यादव मेडिकल कॉलेज था। 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इसका उद्घाटन किया था। उस समय डॉ. सरोजिनी अग्रवाल सपा में एमएलसी थीं। हालांकि बाद में उन्होंने भाजपा ज्वाइन कर ली और करीब तीन साल पहले उसका नाम बदलकर एनसीआर मेडिकल कॉलेज कर दिया गया।
पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने मुझे सीख दी थी कि हमेशा मुलायम रहो, लेकिन जो सही है, उसके लिए निर्णय कठोर लो। उनकी याददाश्त बहुत तेज थी। जो एक बार मिल जाता था, उसे भूलते नहीं थे। हर 15 दिन के भीतर हर जिले के जिलाध्यक्ष और पार्टी के अन्य लोगों से बात कर जिले का हालचाल लेते थे। – राजपाल सिंह, निवर्तमान जिलाध्यक्ष, सपा
भैसाली मैदान व्यापारियों का सम्मेलन हो रहा था। उस समय सिनेमा एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय गुप्ता ने मांग रखी कि सिनेमा पर जो टैक्स सरकार को जाता है उसमें से 50 पैसे अगर छोड़ दिए जाएं तो उसका उपयोग सिनेमा मालिक अपनी आय में कर सकेंगे। उस समय मुलायम सिंह मुख्यमंत्री थे। उन्होंने उसी समय कहा कि 50 पैसे नहीं एक रुपये हम माफ कर चुके हैं। लेकिन वादा करो कि प्रदेश के किसी भी सिनेमा हॉल में शौचालय बेकार और बदबूदार नहीं मिलेगा। इसके अलावा विपक्ष में रहते हुए मुलायम सिंह यादव ने मेरठ में सभा की और व्यापारियों से मिले।
पूर्व वरिष्ठ सपा नेता गोपाल अग्रवाल ने बताया कि मुलायम सिंह यादव जमीनी नेता थे। हेलिकाप्टर से चलते थे तो नीचे देखकर ये बता दिया करते थे कि कौन से गांव के ऊपर से उड़ रहे हैं। 2006 में मेरठ में 30-31 अक्तूबर और एक नवंबर को समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय सम्मलेन का आयोजन किया गया था। इस सम्मेलन की कमान मुलायम सिंह यादव ने उनको सौंपी थी। सम्मेलन के लिए मेरठ में किसी बड़े मैदान का चयन होना था। उन्होंने नेताजी को मेरठ के कई बड़े मैदानों के नाम सम्मेलन के लिए बताए, लेकिन हर मैदान की भौगोलिक स्थित और आम लोगों को होने वाली परेशानी को बताकर वे टाल देते थे। बाद में विक्टोरिया पार्क में रैली को सहमत हुए।