
मेरठ. मेरठ के रोहटा थानाक्षेत्र में महिला ज्योति और उसकी दो साल की बेटी भव्या की हत्या करने के बाद उनके शव गंगनहर में फेंके गए थे। पुलिस ने गंगनहर में डूबी दो साल की भव्या का शव तीसरे दिन जमीन से निकालकर पोस्टमार्टम हाउस भेजा, जिसका आज पोस्टमार्टम होगा। उधर हत्या का मुकदमा दर्ज होते नामजद पिता आशीष मां-पिता के साथ फरार हो गया। पुलिस ने बताया कि नामजद आरोपियों की तलाश में दबिश जारी है।
जानी थानाक्षेत्र के किठौली गांव निवासी आशीष सांगवान पत्नी ज्योति और दो साल की बेटी भव्या को लेकर पूठखास गंग नहर पुल पर पहुंचा था। उसने पुलिस को बताया था कि बेटे के लिए तांत्रिक के अनुसार पत्नी और बेटी पूजा करने के लिए गंग नहर के पास जा रही थी। पैर फिसलने से मां-बेटी गंगनहर में बह गई। पति की मनगढंत कहानी पुलिस के गले नहीं उतर रही थी, नतीजन गहनता से छानबीन की गई। ज्योति का शव बरामद होने के बाद पोस्टमार्टम कराया गया तो रिपोर्ट में बड़े खुलासे हो गया कि पैर फिसलने से मौत नहीं हुई थी। पुलिस ने बच्ची के शव को भी मंगलवार को जमीन से निकलवाया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। आज मासूम के शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा, जिसके बाद कई गहरे राज खुल सकते हैं।
पुलिस ने पीएसी के गोताखोरों की मदद से भव्या का शव कुछ मीटर दूर भोला झाल से बरामद कर लिया जबकि ज्योति का शव 8 घंटे बाद 20 किमी दूर बागपत के बालैनी थाने के पास हिंडन नदी में नग्नावस्था में मिला। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ज्योति के सिर में सात चोट के निशान और सिर में नुकीली चीज घुसी मिली। इसके बाद ज्योति के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया जबकि बेटी भव्या के शव को श्मशान में दफनाया गया।
ज्योति के पिता इकबाल निवासी जोहड़ी बागपत की तहरीर पर पति आशीष सांगवान, ससुर धनसिंह व सास अनीता के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ। पुलिस नामजद आरोपियों की तलाश में दबिश दे रही है। सीओ सरधना ब्रिजेश सिंह के मुताबिक मंगलवार को मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में रोहटा पुलिस ने भव्या का शव जमीन से निकालकर पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया गया। बुधवार को शव का पोस्टमार्टम होगा, जिसकी वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी।
रोहटा थाना क्षेत्र के किठौली गांव निवासी आशीष कुमार ज्योति और दो साल की बेटी भव्या के साथ रविवार सुबह चार बजे पूठखास स्थित गंगनगर पर आए थे। आशीष ने बताया था कि गंगनगर में पत्नी और बेटी का पैर फिसल गया था। दोनों डूब गई थीं। बाद में रोहटा पुलिस और गोताखोरों ने तलाश शुरू की थी। भव्या का शव भोला झाल पर मिल गया, जबकि ज्योति का शव करीब 20 किमी दूर बालैनी बाागपत स्थित हिंडन नदी में झाड़ी में फंसा मिला था।
पिता आशीष ने बेटी के शव का पोस्टमार्टम नहीं कराया था। आशीष ने उसके शव को दफना दिया था। वहीं, ज्योति के शव का बागपत पुलिस ने पोस्टमार्टम करा दिया। पुलिस के मुताबिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ज्योति के सिर में चोट के सात निशान और सिर में नुकीली चीज घुसी मिली है। ज्योति बागपत के जौहड़ी गांव की रहने वाली थी। उसके शव की पहचान भी मायके वालों से कराई गई थी। पोस्टमार्टम के बाद बागपत पुुलिस ने ज्योति का शव मायके वालों को सौंप दिया। जौहड़ी गांव में उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
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