मुजफ्फरनगर। किसानों से जुडी समस्याओं तथा अग्निपथ स्कीम के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर आज भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने जिले के दस स्थानों पर धरने के रूप में पंचायत आयोजित की। हालांकि पूर्व में भाकियू ने चक्काजाम का ऐलान किया था, मगर बाद में इसे धरने पंचायतों में तब्दील करने का ऐलान किया गया था। इस दौरान राकेश टिकैत ने कईं स्थानों पर खुद मोर्चा संभालते हुए बडे आंदोलन का ऐलान किया है।
उल्लेखनीय है कि संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 31 जुलाई को चक्का जाम का निर्णय लिया गया था, लेकिन हरियाली तीज और लेखपाल परीक्षा को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम में फेरबदल किया गया। आज चक्का जाम के बजाय निर्धारित प्वाइंट्स पर केवल धरना पंचायतों का आयोजन किया गया।
भाकियू ने एमएसपी पर गारंटी कानून बनाने की मांग, अग्निपथ स्कीम तथा किसानों की स्थानीय समस्याओं को लेकर पूर्व निर्धारित स्थानों पर सुबह 11 से अपराह्न तीन बजे तक पंचायतें की और प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन अधिकारियों को सौंपा। जनपद मुजफ्फरनगर के एनएच-58 पर नावला कोठी, शाहपुर ब्लाक में मंसूरपुर तिराहा, पानीपत-खटीमा राष्ट्रीय राजमार्ग पर लालूखेड़ी चौराहा, मुजफ्फरनगर- थानाभवन रोड पर चरथावल नहर की पुलिया, मुजफ्फरनगर-सहारनपुर स्टेट हाइवे पर रोहाना टोल प्लाजा, दिल्ली-देहरादून नेशनल हाइवे पर फलौदा कट बरला, मोरना में चौधरी चरण सिंह चौक, जानसठ में खतौली तिराहा, बुढ़ाना में बायवाला चौक तथा फुगाना में पंचायत का आयोजन किया गया। पंचायत सड़क के किनारे पर की गई। इस दौरान कोई भी मार्ग अवरुद्ध नहीं किया गया।
भाकियू नेता चौधरी राकेश टिकैत ने इस दौरान खुद भी मोर्चा संभाला। टिकैत जनपद में कईं पंचायत स्थलों पर गए। इस दौरान मीडिया से बातचीत में राकेश टिकैत ने कहा कि आज के आंदोलन में 10 साल पुरानी गाड़ियों तथा ट्रैक्टरों पर रोक मुख्य मुद्दा है। उन्होंने कहा कि स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू किए जाने, किसानों के बकाया भुगतान तथा बिजली अमेंडमेंट बिल सहित कई मुद्दों को आज के आंदोलन के जरिए आवाज दी गई है। उन्होंने अग्निपथ योजना को बढ़िया बताने वाले लोगों को सलाह दी कि वह अपनी 20-20 साल से चली आ रही नौकरी को छोड़कर अग्निपथ योजना के बारे में ज्ञान दें।
सरकारी यूनियन के गठन संबंधी चर्चाओं पर राकेश टिकैत ने कहा कि किसी ने बताया है कि सरकारी यूनियन बनी है, जिसे रिपोर्ट लखनऊ में देनी होती है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुराने मुकदमों को दोबारा खोलकर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सत्ता में आए तो उन्होंने सभी मुकदमे वापस लिए थे, अब अगर किसानों के खिलाफ दर्ज मुकदमे दोबारा खोले जाएंगे तो सभी मुकदमे दोबारा खोलने होंगे।
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इस मामले में कोई पक्षपात किया गया तो बड़ा आंदोलन होगा। उन्होंने कहा कि अगर मुकदमा और पक्षपात हुआ तो बड़ा आंदोलन होगा, उसकी तैयारी सरकार कर ले। उन्होंने कहा कि देश में एक और बड़े आंदोलन की आवश्यकता है। उन्होंने किसानों से अपने ट्रैक्टर तैयार रखने की अपील करते हुए कहा कि ट्रैक्टरों के बिना काम नहीं चलेगा।