मुजफ्फरनगर। प्रदेश की जनता को निर्बाध विद्युत आपूर्ति हेतु 24 घण्टे कार्य कर रहे अभियन्ता एक घण्टे का कार्य बहिष्कार करने हेतु हुए विवश हो गये हैं। इसके लिए प्रबन्धन की हठधर्मिता के कारण अभियन्ताओं की ज्वलन्त समस्याओं निराकरण नहीं होना ही मुख्य कारण बना है। अभियंताओं ने राज्य विद्युत परिषद् अभियंता संघ के आह्नान पर प्रदेशव्यापी आंदोलन की कड़ी में एक घण्टे कार्य बहिष्कार कर विरोध प्रदर्शन किया। समस्याओं के समाधान एवं ऊर्जा निगमों में टकराव टालने के लिए ऊर्जा मंत्री और मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की अपील की गई है।
बिजली अभियन्ताओं की काफी समय से लम्बित ज्वलन्त समस्याओं के समाधान न होने एवं पावर कारपोरेशन प्रबन्धन द्वारा की जा रही उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों के विरोध में सरकार का ध्यानाकर्षण कराने के लिए 04 बजे से 05 बजे तक का एक घण्टे का कार्य बहिष्कार कर प्रदेश के सभी जनपद मुख्यालयों, परियोजनाओं सहित राजधानी लखनऊ में शक्तिभवन पर विरोध सभायें की गयी। 08 अक्टूबर तक यह कार्य बहिष्कार जारी रखा जायेगा। विद्युत अभियन्ता संघ के अध्यक्ष वीपी सिंह ने कहा कि ऊर्जा निगम शीर्ष प्रबन्धन के अनियोजन एवं ससमय कोल कम्पनियों को पैसे के भुगतान न किये जाने के कारण उत्पादन निगम की कई विद्युत उत्पादन इकाईयों से विद्युत उत्पादन बन्द है एवं अन्य इकाईयां कम क्षमता पर चलाई जा रही हैं जो आने वाले 2-3 दिनों में पूरी तरह बन्द होने वाली है। जो कि प्रबन्धन की विफलता का एक और उदाहरण है। बजट विगत 02 वर्षों से शून्य किये जाने से विद्युत आपूर्ति पूरी तरह सुनिश्चित करने में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है।
अभियन्ता संघ के महासचिव प्रभात सिंह ने बताया कि सभी बिजली अभियन्ता बेहतर उपभोक्ता सेवा प्रदान करने एवं राजस्व वसूली बढ़ाने, लाइन लास कम करके आत्मनिर्भर ऊर्जा निगम बनाने में जी-जान से जुटे हुए हैं परतु खेद का विषय है कि कारपोरेशन प्रबन्धन द्वारा वितरण क्षेत्रों एवं परियोजनाओं पर आवश्यक सामग्री एवं कोयला व मैन, मनी, मेटीरियल उपलब्ध न किये जाने से अभियन्ताओं को जहां एक ओर काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है वहीं दूसरी ओर उनकी लम्बित समस्याओं के समाधान न होने से एवं लगातार हो रही उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों से उनके मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, जिससे सभी अभियन्ताओं में काफी रोष व्याप्त है। विगत 01 वर्ष से अधिक समय से लम्बित समस्याओं के प्रति प्रबन्धन द्वारा उपेक्षात्मक रवैय्या अपनाते हुए समस्याओं का कोई ठोस निराकरण नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि 11 अक्टूबर से दो घण्टे का कार्य बहिष्कार कर विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन के सहारे संघ द्वारा सरकार से सभी ऊर्जा निगमों का एकीकरण कर यूपीएसईबी लि0 का पुनर्गठन करने, पदोन्नति के नियमों में किये गये प्रतिगामी परिवर्तन वापस लेने, अस्पतालों में कैशलेस मेडिकल की सुविधा देने, पुरानी पेंशन प्रणाली लागू कराने, समस्त उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियां वापस लेने और ग्रेटर नोएडा के निजीकरण व आगरा के फ्रेंचाइजीकरण रद्द करने की मांग की जा रही हैं।