मुजफ्फरनगर। बहसूमा के किसान सुरेंद्र की हत्या उसके पुत्र ने अपनी बुआ के पौत्र के साथ मिलकर बलकटी से की थी। खतौली पुलिस ने सुरेंद्र के पुत्र, बहन के पौत्र और हत्या की साजिश में मृतक भाई को जेल भेजा है। साथ ही हत्याकांड में नाजमद हरकेश और उसके पुत्रों लवकुश, लोकेश को निर्दोष होने पर छोड़ दिया।
सीओ आरके सिंह ने पत्रकार वार्ता में बताया कि 11 अप्रैल की सुबह भैंसी के जंगल में गंग नहर पटरी पर मेरठ जिले के बहसूमा थाना क्षेत्र के महमूदपुर गांव निवासी 64 वर्षीय सुरेंद्र का खून से लथपथ शव मिला था। इंस्पेक्टर संजीव कुमार ने सुरेंद्र के पुत्र रवि से सख्ती से पूछताछ की तो उसने पिता की हत्या करना स्वीकार किया। बताया कि उसने बुआ के पौत्र विकास पुत्र सुरेंद्र के साथ मिलकर पिता की हत्या की थी। विकास ने बलकटी से सिर पर, जबकि उसने सीने में चाकू से प्रहार किया। एक मिनट तक मुंह दबाए रखा। वह ताजपुर से दोबारा घटनास्थल पर आया था। हत्या की साजिश मृतक के भाई व हत्यारोपित के ताऊ मांगेराम ने रची थी। पिता के अपराधों से था परेशान
रवि ने बताया कि पिता के अपराधों और पुलिस दबिश से वह परेशान था। बुआ का पौत्र मोबाइल के लालच में उसके साथ शामिल हुआ, जबकि ताऊ ने हत्या के लिए उकसाया। पिता के विरुद्ध करीब दस मुकदमे दर्ज थे। मृतक सुरेद्र 1989 में लूट व 2008 में दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में जेल गया था।
पुलिस की हिरासत से छूटने के बाद हरकेश, उसके बेटों व पत्नी के चेहरे पर मुस्कुराहट थी। हरकेश ने बताया कि उन्हें पुलिस की जांच और ईश्वर पर भरोसा था। पुलिस की सूझबूझ और सहीं छानबीन से निर्दोष साबित हुए और असली हत्यारोपित जेल गए। बताया कि गांव में दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में वह गवाह था, लेकिन सुरेंद्र और उसके स्वजन की दहशत से उसने गवाही नहीं दी थी, जिससे वह जेल से रिहा हो गए। उसके बाद वह उनसे रंजिश रखते थे। इसकी कारण उनको हत्या के मामले में फंसाने का प्रयास किया गया था।