ललितपुर। ऑनलाइन गेम खेलते-खेलते बच्चों ने ऐसा कारनामा कर डाला कि पुलिस के साथ-साथ अभिभावक भी हैरान हैं। बच्चों ने गेम खेलते-खेलते करीब 11.25 लाख रुपये के हथियार खरीद लिए। इतना ही नहीं करीब एक लाख रुपये के ऑनलाइन 5जी मोबाइल भी खरीदे। खाता खाली होने के बाद अभिभावकों के पैरों तले जमीन खिसक गई। झांसी में साइबर थाने में शिकायत के बाद बच्चों के कारनामे सुनकर परिजन हैरत में आ गए। यह तीनों मामले ललितपुर के साथ झांसी व जालौन में सामने आए हैं। साइबर थाने ने अपने स्तर से जांच भी शुरू कर दी है।
हालांकि, बच्चों के नाम सामने आने के बाद परिजन किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं चाहते हैं। अब शिकायती पत्र के आधार पर साइबर थाना पुलिस की जांच जारी है। साइबर थाना पुलिस की जांच में पता चला है कि ऑनलाइन खरीदारी के बाद बच्चे बैंक से आने वाले मेसेज डिलीट कर देते थे। बच्चे के माता-पिता ने जब खाते की स्टेटमेंट निकाले तो उनके होश उड़ गए। वह मेसेज की तरफ भी ध्यान नहीं देते थे जिस कारण बच्चे लगातार खरीदारी करते रहे। ऐसे में अभिभावकों की अनदेखी ज्यादा सामने आई है।
केस एक
ललितपुर कोतवाली क्षेत्र निवासी एक ठेकेदार ने पुत्र ने ऑनलाइन गेम खेलना शुरू किया। इसका चस्का ऐसा लगा कि उसने स्टेज पार करते-करते गेम में उपयोग किए जाने वाले हथियार व 5जी मोबाइल खरीदे। पिता के खाते से उसने करीब डेढ़ लाख रुपये उड़ा दिए। कुछ दिन बाद खाते की जानकारी करने पर रकम गायब मिलने पर पिता घबरा गए। बैंक से शिकायत के बाद उन्होंने झांसी जाकर साइबर थाना पुलिस से शिकायत की। अभी पुलिस मामले की जांच कर रही थी।
केस दो
झांसी के नवाबाद थाना क्षेत्र निवासी हेमा के भतीजे ने भी इस तरह का कारनामा किया। उसने भी ऑनलाइन फ्री फायर गेम खेलते-खेलते 7.55 लाख रुपये के हथियार के साथ एक 5जी का मोबाइल खरीद डाला। खाता खाली होने की जानकारी मिलने पर बुआ घबरा गईं। शिकायत पर साइबर थाना पुलिस ने जांच शुरू की। पता चला कि उसने एक नहीं दर्जनों गेम के हथियार खरीदकर अपनी पर्सनल आईडी भी बना ली।
केस तीन
जालौन क्षेत्र निवासी रामलखन के पुत्र ने भी दो लाख की खरीदारी कर ली। वह भी खाते से रकम गायब देखकर घबरा गए। साइबर थाना पुलिस की जांच के बाद बच्चों के कारनामे देखकर परिजन हैरान हैं। जांच के दौरान जो ऑनलाइन 5जी मोबाइल बच्चों ने खरीदे थे उसमें दो मोबाइलों को साइबर थाना पुलिस ने कंपनी के अधिकारियों से वार्ता के बाद वापस करा दिए।
डायमंड स्टेज खाली करा रही खाते, ऐसे लगता है ऑनलाइन गेम में शुल्क
वर्तमान में बच्चे फ्री फायर नामक गेम खेल रहे हैं। गेम खेलते हुए बच्चे इस कदर डूब जाते हैं कि वह गेम में आगे बढ़ऩे के लिए खेल मे दर्शाए दिशा-निर्देश के अनुसार डायमंड ड्रेसेज आदि की खरीद करते हैं, जिनकी कीमत तीन हजार, पांच हजार आदि होती है। इन सबके लिए वह चोरी छिपे अपने मां-बाप के एटीएम कार्ड का इस्तेमाल करते हैं।
पुलिस ने बच्चों से ऑनलाइन गेम खेलने की बारे में पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि कई गेम ऐसे हैं, जिन्हें प्ले स्टोर से डाउनलोड करने से पहले शुल्क जमा करना पड़ता है। इस गेम में एक या दो स्टेज फ्री हैं। अगली स्टेज खेलने के लिए पैसा जमा करना पड़ता है। जैसे गन, बंदूक, तोप और कारतूस खरीदने के लिए शुल्क जमा करना पड़ता है।
एसआई ने कराई काउंसलिंग, बच्चों की एक्टिविटी पर रखें नजर
बच्चों को अपनी गलती का अहसास था। उनके अंदर डर भी था कि घर में पापा की डांट या पिटाई हो सकती है। उसके बाद एसआई ने दोनों की काउंसलिंग भी कराई ताकि वे डर में न रहें। समझाया कि घर पर बेटे के साथ अच्छा व्यवहार करें। दोनों बच्चों का डर दूर करने के लिए अपना मोबाइल नंबर दिया। उधर, बताया गया कि मोबाइल और कंप्यूटर पर बच्चे क्या कर रहे हैं, इस बात पर अभिभावक नजर रखें। बच्चे ऑनलाइन किन लोगों से बात कर रहे हैं, कौन से गेम खेल रहे हैं? सोशल मीडिया पर बच्चों की फ्रेंड लिस्ट और चैटिंग पर नजर रखें ।
साइबर सेल एक्सपर्ट का कहना है कि जिस मोबाइल का इस्तेमाल बच्चे पढ़ाई के लिए करते हैं। उसमें पेटीएम या अन्य कोई ऐसा ऐप नहीं रखें। हो सके तो उस मोबाइल नंबर से किसी भी बैंक खाते को भी लिंक न रखें। वहीं, बच्चे अगर गेम खेल रहे हैं तो उनसे पता कर लें कि वह रुपये देकर गेम डाउनलोड कर रहे हैं या निशुल्क। समय-समय पर बच्चों को दिए गए मोबाइल की जांच करते रहें।
कार्ड की जानकारी डिलीट कर देनी चाहिए
साइबर एक्सपर्ट के मुताबिक आम तौर पर परिजन बच्चों के लिए ऑनलाइन गेम खरीदने के दौरान कार्ड की डिटेल डाल देते हैं। इसी कार्ड डिटेल से एप्लीकेशन अमाउंट डिटेक्ट करता रहता है। गेम खरीदने के बाद कार्ड की जानकारी डिलीट कर देना चाहिए। इससे बच्चे खरीददारी नहीं कर पाएंगे। जिन तीन मामलों की शिकायत मिली है। उन सभी मामलों में कार्ड की डिटेल फीड होने की वजह से पैसे डिटेक्ट हो गए हैं। प्राथमिक तौर पर ठगी की शिकायत लग रही थी। जांच की तो पता चला कि पैसे गेम से जुड़े प्रोडक्ट खरीदने के लिए किया गया है।
इन खेलों का है ट्रेंड
-फ्रंटलाइन कमांडो, कॉन्ट्रैक्ट किलर, 8 बॉल पूल, कैंडी क्रश, कोड ऑफ वार, रियल कमांडो शूटिंग, मिशन मॉडर्न स्ट्राइक, ट्रेन रेसिंग सिम्युलेटर चैलेंज, एस्फॉल्ट रेसिंग गेम, रियल रेसिंग, सीएसआर रेसिंग, शूटिंग आर्चरी आदि गेम ऐसे हैं, जो इन दिनों बच्चों के काफी पसंदीदा हैं।
इस तरह के तीनों मामले सामने आने के बाद साइबर थाना पुलिस जांच कर रही है। गेम अपग्रेड करने व हथियार के साथ ऑनलाइन शॉपिंग के लिए बच्चे अपने अभिभावकों के खाते से रुपये निकाल रहे हैं। अभिभावकों को अपने माता-पिता पर नजर रखनी चाहिए।
ब़च्चों के ऑनलाइन गेमिंग के दौरान खरीदी बिक्री की पूरी डिटेल प्ले स्टोर की हिस्ट्री से मिल जाती है। ऑनलाइन गेम के दौरान बच्चे अनजाने में स्टेज क्लियर करने के लिए खरीदी कर लेते हैं। कई बार बच्चे गेम खेलने के लिए प्ले कार्ड को रिचार्ज करवा लेते हैं। कार्ड से पैसे जमा होने की वजह से पता नहीं चल पाता है।