नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर वही गलती दोहराने जा रही है, जो उसने न्यूजीलैंड के खिलाफ की थी. न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत को अपने घर में पहली बार क्लीन स्वीप का सामना करना पड़ा. इसका कारण विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे स्टार बैटर्स का फेल होना रहा. इन बैटर्स के फेल होने का कारण यह माना गया कि उन्होंने बिना प्रैक्टिस मैच या डे मैच के सीधे टेस्ट मैच में एंट्री मारी. अगर उन्होंने दलीप ट्रॉफी या रणजी ट्रॉफी के कुछ मैच खेल लिए होते तो उनके पास डे क्रिकेट की मैच प्रैक्टिस जुड़ जाती. कुल मिलाकर कहें तो भारतीय बैटर्स के पास मैच प्रैक्टिस का अभाव था.

भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर यही गलती करने जा रही है, जिस पर दिग्गज क्रिकेटरों ने सवाल उठाए हैं. पहले के शेड्यूल के मुताबिक भारतीय टीम को पहला टेस्ट मैच खेलने से पहले इंडिया ‘ए’ से दो प्रैक्टिस गेम्स खेलने थे. इसके अलावा दूसरे टेस्ट मैच से पहले प्राइम मिनिस्टर इलेवन से मैच खेलना था. ऑस्ट्रेलिया ने तो प्राइम मिनिस्ट इलेवन का कप्तान तक तय कर दिया था. लेकिन बीसीसीआई ने अचानक भारत के दोनों प्रैक्टिस मैच और प्राइम मिनिस्टर इलेवन से होने वाले मुकाबले को कैंसल कर दिया है.

इसका मतलब यह है कि भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर सीधे टेस्ट मैच से शुरुआत करेगी. इस टेस्ट मैच की तैयारी वह नेट प्रैक्टिस से करेगी. पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर बोर्ड के इस फैसले पर सवाल उठाने से नहीं चूकते. गावस्कर मिड-डे में अपने कॉलम में लिखते हैं, ‘नेट प्रैक्टिस कभी भी मैच प्रैक्टिस का विकल्प नहीं हो सकता. टेस्ट मैच खेलने के लिए एक टैम्प्रामेंट की जरूरत होती है, जो सिर्फ मैदान के बीच (पिच) पर बैटिंग कर आती है. नेट प्रैक्टिस से ऐसा नहीं हो सकता. उम्मीद है कि जिन्होंने भी प्रैक्टिस मैच और प्राइम मिनिस्टर इलेवन से मुकाबला कैंसल किया है, वह इसे सही साबित करेंगे.’

सुनील गावस्कर कहते हैं, ‘बैटर्स जानते हैं कि प्रैक्टिस मैच में आउट हो जाने के बाद वे दोबारा बैटिंग नहीं कर सकते. इस कारण वॉर्म-अप या प्रैक्टिस मैच किसी भी बैटर के लिए नेट प्रैक्टिस के मुकाबले ज्यादा अहमियत रखते हैं. यह संभव है कि इंडिया ए के बॉलर प्रैक्टिस मैच में भारतीय बैटर्स के खिलाफ पूरी ताकत से गेंदबाजी नहीं करते कि कहीं किसी को चोट ना लग जाए. लेकिन चोट तो नेट्स में भी लग सकती है, जिसकी पिच उतनी अच्छी नहीं होती, जितनी मैच के लिए तैयार की जाती है.