नई दिल्ली। आजकल की भागमभाग भरी जिंदगी में इंसान इतना व्यस्त हो गया है कि उसके सोने-जागने से लेकर तमाम कार्यों का समय एकदम बदल रहा है. इन्हीं कार्यों में कपड़े धोने का काम भी शामिल है. दिन में समय न मिल पाने की वजह से कई लोग अक्सर रात में कपड़े धोते हैं. क्या ऐसा करना शास्त्रों के हिसाब से ठीक है. इस बारे में वास्तु शास्त्र क्या कहता है. आज हम इस बारे में आपको विस्तार से बताते हैं.
वास्तु शास्त्र के मुताबिक हमें हमेशा दिन में ही कपड़े धोने चाहिए. दिन में कपड़े धोने पर उन्हें अच्छी तरह धूप और हवा लगती है, जिससे उनमें बचे रह गए कीटाणु पूरी तरह खत्म हो जाते हैं. वहीं रात में कपड़े धोने पर उल्टा होता है. पर्याप्त धूप और हवा न मिलने की वजह से रात में तमाम कीटाणु गीले कपड़ों पर चिपक जाते हैं, जो बाद में अपने साथ कई तरह की बीमारियां लेकर आते हैं.
धार्मिक विद्वानों के मुताबिक रात में कपड़े धोने पर कीटाणुओं के रूप में नकारात्मक ऊर्जा उनमें प्रवेश कर जाती है. सुबह उन कपड़ों को धारण करने पर वह नकारात्मक ऊर्जा इंसान में प्रवेश कर जाती है और इसके बाद उसके सारे कार्य उल्टे होने लग जाते हैं. जिस कार्य को भी वह करना चाहता है, उसमें रुकावट आ जाती है, जिससे इंसान निराश होने लगता है.
वास्तुविद कहते हैं कि जहां तक हो सके, रात में कपड़े धोने से बचना चाहिए. अगर किसी वजह से दिन में समय न मिले और रात में कपड़े धोने पड़ें तो उन्हें खुले में नहीं सुखाना चाहिए. ऐसा करने से उन पर तमाम प्रकार के छोटे-छोटे कीटाणु उन पर चिपक जाते हैं, जो बाद हमें मनुष्य के जीवन में बड़ी हानि लेकर आते हैं. इसके साथ ही घर की सुख-समृद्धि भी हमेशा के लिए चली जाती है.