नई दिल्ली. जब अपने घरों को सजाने की बात आती है तो लोग विभिन्न तरह के प्रयोग करने से पीछे नहीं हटते. इसके लिए वे आर्टिफिशियल चीजें भी खरीदकर घर ले आते हैं. ऐसा करने के पीछे उनका तर्क होता है कि ओरिजनल चीजों के बजाय वे आर्टिफिशियल चीजें सालोंसाल चलती रहें. इनमें आर्टिफिशियल रंग-बिरंगे नकली फूल भी शामिल होता हैं. लेकिन वास्तु के हिसाब से क्या ऐसा करना सही है. क्या घर में सजावट के लिए नकली फूल खरीदकर लाना सही होता है. क्या ऐसा करने से घर में मां लक्ष्मी का प्रवेश होता है या अनजाने में दरिद्रता का आगमन हो जाता है. आज हम आपको इस बारे में विस्तार से बताएंगे.

अगर वास्तु शास्त्र की बात करें तो घर में भूलकर भी नकली फूल या आर्टिफिशियल चीजें नहीं लगानी चाहिए. इसकी वजह ये है कि आर्टिफिशियल चीजों से असली जैसी फीलिंग नहीं आती. इससे घर-परिवार की असली खुशियां भी नकली होने लगती हैं. परिवार के लोगों में क्लेश बढ़ता है और छोटी-छोटी बातों पर विवाद होने लगता है. जिससे घर में हमेशा अशांति पसरी रहती है.

ज्योतिष के मुताबिक आर्टिफिशियल यानी नकली फूल लाने से अनजाने में घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हो जाता है. यह नकारात्मक ऊर्जा जल्द ही घर-परिवार के सभी लोगों को अपनी गिरफ्त में ले लेती है, जिससे आपको बनते हुए काम भी बिगड़ने लगते हैं. इन नकली फूलों के प्रभाव से आप हमेसा चिड़चिड़े रहने लगते हैं. ला सकती हैं बल्कि इसके कारण घर में नकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिल सकते हैं.

घर में नकली फूल खरीदकर लाना न केवल नकारात्मक ऊर्जा को बुलावा देना होता है बल्कि इससे परिवार के लोगों की सेहत पर भी असर पड़ने लगता है. आर्टिफिशियल फूलों से सिर दर्द, माइग्रेन, मानसिक तनाव, चक्कर आना, बुखार, वहम होना जैसी दिक्कतें बढ़ जाती हैं. खासकर महिलाएं इन समस्याओं से जल्दी पीड़ित होती हैं, इसलिए जहां तक हो सके इन नकली फूलों से बचना चाहिए.

वास्तु के अनुसार घर में नकली फूल लगाने से परिवार के लोगों में झूठ बोलने और दिखावेपन की आदत बढ़ती है. इससे वे असली दुनिया से कटकर एक काल्पनिक और कृत्रिम दुनिया में रहने के आदी होने लगते हैं, जो आगे चलकर समाज से उनके अलगाव को बढ़ाता है. नकली फूल घर के लोगों में आपसी स्नेह को भी कम करते हैं और दुराव बढ़ाते हैं. यही वजह है कि घर में इन्हें लगाने की मनाही की जाती है.