अलीगढ। कनवरीगंज में जोशीमठ जैसे हालात हैं। यहां के मकानों में दरारें पड़ने से आसपास के इलाके दहशत का माहौल है। नगर निगम टीम ने बुधवार को यहां हालात का जायजा लिया। कनवरीगंज की बसावट प्राचीन टीला ऊपरकोट के ढलान पर है। ऊपरकोट और उससे सटे इलाके में भवनों में दरार पड़ना कोई नई बात नहीं। आए दिन इस इलाके में ऐसी घटनाएं देखने और सुनने को मिलती रहती हैं। वर्तमान में भी ऊपरकोट और उससे सटे शेखान मोहल्ले में कुछ मकान ऐसे हैं, जहां दरारें आई हुई हैं और लोगों ने मकानों में ताले डालकर दूसरी जगहों पर डेरा डाल रखा है।
ऊपरकोट पर स्थापित ऐतिहासिक जामा मस्जिद की दीवार में 2018 में दरारें आ गई थीं। यह मस्जिद सफेद गुंबद और नक्काशी खंभे, शिल्पकला का अद्भुत नमूना है। यहां शहीदों की कब्रें भी हैं। इसकी एक अलग पहचान है। मुगलकाल में मोहम्मद शाह के शासन काल में कोल के गवर्नर साबित खान ने वर्ष 1724 में मस्जिद की तामीर शुरू कराई थी। मस्जिद को मुकम्मल होने में चार साल लगे। वर्ष 1728 में तैयार मस्जिद में 17 गुंबद हैं, जिनमें करीब पांच हजार लोग नमाज पढ़ सकते हैं। मस्जिद में तीन बुलंद दरवाजे हैं। इन दरवाजों पर दो-दो गुंबद है। जिसकी दीवारों में दरारें आईं और जैसे तैसे उनकी मरम्मत कराई गई।
इसी तरह 2013 में टनटनपाड़ा में एक दर्जन से अधिक मकानों में दरार आ गई थीं। दो मंजिला मकानों की दीवारें फटने से दो से छह इंच तक का अंतर आ गया था। यहां के स्व. कालीचरन सराफ के मकान में दीवारें फटने से इतना अंतर हो गया था कि आरपार दिखाई देने लगा।
इसी तरह मोहम्मद उमर खां के किचन की दीवार तो बीच से अलग हो गई थी। फटी हुई दीवार से आरपार दिख रहा था। मो. शाहिद, साधना वार्ष्णेय, अखिलेश वार्ष्णेय, जुल्फिकार, नासिर, अब्दुल मलिक आदि के मकानों के यही हालात थे। इसी तरह आए दिन इस इलाके में मकान गिरने और बारिश के दिनों में हर वर्ष किसी न किसी मकान के गिरने की घटना सामने आती है।
शेखान मोहल्ले के अतहर व शफीक के मकानों में महीनों से ताला पड़ा है। यहां दिन में जरूर लोग कामकाज के लिए आते हैं। रात को सोने के लिए उन्होंने दूसरी जगहों पर इंतजाम कर रखे हैं। यहां मकानों में दरारें पड़ी हुई हैं। इसी तरह ऊपरकोट मस्जिद के सामने जफर के मकान में दीवार पड़ी हुई हैं। बारहसैनी मोहल्ले के पुराने भवन के भी यही हालात हैं। लोगों का कहना है कि यहां आए दिन की यह घटनाएं हैं।
महानगर के कनवरीगंज फर्श इलाके में मकानों में दरार आने के बाद इलाके के लोगों में दहशत कायम है। लोगों के कहे अनुसार यहां जोशीमठ जैसे हालात बन रहे हैं। लोग नगर निगम की लापरवाही के प्रति बेहद नाराज भी है। दर्जनभर मकानों की छत, दीवारें चटक गई हैं। कुछ मकान ढहने की स्थिति में हैं। बुधवार को यहां नगर निगम की टीम भी पहुंची और चौक पड़े नाले को कूड़ा निकलवाकर दुरुस्त कराया गया।
प्रसिद्ध संगीतकार, गीतकार पद्मश्री स्व.रवीद्र जैन के आवास के सामने गली में चार दिन पहले से मकानों में दरार आना शुरू हुई। इलाके के दिलशाद बताते हैं कि उनके मकान गहरी दरार पड़ गई है। पास ही स्थित सीमा कश्यप के मकान के कमरों की दीवारें चटक गई हैं। इसी तरह मुशीर, दयाशंकर, मोनिका वार्ष्णेय, अफसा मसरूर बताती हैं कि उनके मकानों में भी दरारें आ गई हैं। मुसाहिद, मसरूर खान भी मकान का हाल देखकर घबराए हुए हैं। इसके पीछे की मूल वजह सीवर लाइन चौक होने के कारण पानी रिसना बताया गया।
इस खबर पर नगर आयुक्त के निर्देश पर बुधवार को अपर नगर आयुक्त राकेश कुमार यादव के नेतृत्व में नगर स्वास्थ्य अधिकारी मनोज कुमार प्रभात, महाप्रबंधक जल अनवर ख्वाजा, मुख्य अभियंता सुरेश चंद, अधिशासी अभियंता जल निगम पंकज रंजन, जैडएसओ दलवीर सिंह की टीम मौके पर पहुंची। जहां नाला गैंग के 40 सफाई कर्मचारियों को लगाकर बंद पुलिया को खुलवाया गया। जल निकासी प्रभावी हो सकी।
पूर्व में जल निगम द्वारा इस क्षेत्र में सीवर लाइन डालने का कार्य किया गया था। ऊपर कोट से महावीरगंज की ओर सड़क के किनारे नाला आ रहा है, जो कनवरीगंज फर्श की सड़क को क्रास करता है। कूड़ा कचरा डाले जाने से पुलिया चोक हो गई थी जिसका पानी सम्भवत: सीवर लाइन में व उसके किनारे ट्रेन्च में चला गया। हालांकि सड़क क्षतिग्रस्त नहीं हुई। मगर 6 मकानों में क्रेक आ गए हैं। पुलिया को खोला गया है। अब जलनिकासी हो रही है। -राकेश यादव, अपर नगर आयुक्त
नगर निगम द्वारा पाइप लाइन खोदे जाने के कारण हाथरस अड्डा से महेंद्र नगर को जाने वाले रामगंज इलाके सीवर लाइन क्षतिग्रस्त हो गई है। पानी सड़कों पर बह रहा है। यहां भी कनवरीगंज जैसे हालात बन सकते हैं। मगर इस ओर नगर निगम का कोई ध्यान नहीं है। यहां भी लोग आक्रोशित हैं।
ये घटित हुआ
2013 में टनटनपाड़ा में एक दर्जन मकानों में आई थी दरार
2014 में बारिश में मस्जिद के पीछे एक मकान गिरा था
2015 में सराफा बाजार में दरारों के चलते मकान गिरा
2018 में जामा मस्जिद में दरार पड़ने के मुद्दे का शोर था