शामली। नगर पालिका परिषद शामली में चेयरमैन पद पर चुनाव लड़ने की तैयारी में लगे पूर्व चेयरमैन अरविंद संगल को बड़ा झटका लगा है। कैराना कोर्ट ने पूर्व चेयरमैन के खिलाफ गैर जमानती वारंट गैर-जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू ) जारी कर दिया है।

बता दें कि अरविंद संगल वर्ष 2012 में शामली नगर पालिका परिषद चेयरमैन पद के लिए निर्दलीय चुनाव लड़े थे। उनका कार्यकाल पांच साल का रहा था। उस समय उप्र में समाजवादी पार्टी की सरकार थी। वर्ष 2016 अप्रैल माह में तत्कालीन चेयरमैन अरविंद संगल का तत्कालीन अधिशासी अधिकारी अमिता वरुण के साथ अभद्रता करने एवं जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करने के साथ-साथ उत्पीड़न को लेकर विवाद हो गया था। उस दौरान विगत 20 अप्रैल 2016 को तत्कालीन ईओ अमिता वरुण ने शामली कोतवाली में एससी-एसटी सहित कई संगीन धाराओं में अरविंद संगल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। यह मामला एससी/एसटी कोर्ट कैराना में विचाराधीन था।

उधर, अरविंद संगल ने हाईकोर्ट से गिरफ्तारी न हो, इसके लिए स्टे लिया हुआ था। स्टे की अवधि खत्म होने के बाद कैराना कोर्ट से अब गैर जमानती वारंट जारी किया गया है। कोर्ट ने शामली कोतवाली प्रभारी निरीक्षक को अरविंद संगल को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं। इसकी पुष्टि कोतवाल प्रभारी निरीक्षक नेमचंद ने भी की है। उधर पूर्व चेयरमैन अरविंद संगल ने भी गैर जमानती वारंट जारी होने की पुष्टि करते हुए इसे विपक्षियों का साजिश होना बताया है। उन्होंने कहा कि उस समय प्रदेश में सपा की सरकार थी। अब निकाय चुनाव को देखते हुए विरोधियों ने वारंट जारी कराने का काम किया है। हालांकि उन्होंने कोर्ट से दोबारा स्टे लेने की बात कही है जबकि कोर्ट ने पूर्व चेयरमैन को शनिवार को ही कोर्ट में गिरफ्तार कर पेश करने का आदेश दिया है।