
नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जमकर हिंसा हुई.इसके दो दिन बाद दिल्ली से सटे गाजीपुर बॉर्डर हलचल बढ़ गई. भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है और सड़क को खाली करने के लिए कहा गया है. इस बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने यूपी पुलिस पर आरोप लगाए हैं कि वह धरने पर गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है। मीडिया से अपनी बात कहते हुए राकेश टिकैत रो पडे। खबर में सबसे नीचे आप वीडियो देख सकते हैं।
उन्होंने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने भी शांतिपूर्ण तरीके से धरने को जायज ठहराया है. उत्तर प्रदेश गाजीपुर बॉर्डर पर कोई हिंसा नहीं हुई है. इसके बावजूद सरकार दमनकारी नीति अपना रही है. यह उत्तर प्रदेश सरकार का चेहरा है. हमारा आंदोलन जारी है और लाल किले पर हुए घटना की न्यायिक जांच होनी चाहिए. इसके अलावा घटना में शामिल दीप सिधु का सामाजिक बहिष्कार किया गया है। राकेश टिकैत ने कहा, ‘यहां कोई गिरफ्तारी नहीं देगा. बीजेपी सरकार का षड्यंत्र है. पुलिस हमारे लोगों को पीट रही है. यहीं रहकर गोली खाऊंगा. पुलिस गुंडागर्दी कर रही रही है. कोई भी किसान धरना छोड़कर नहीं जाने वाला है. अगर बीजेपी का कोई भी यहां आया तो उसे बंधक बना लिया जाएगा. घटनास्थल पर कुछ हुआ तो जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की होगी. आज रात में कोई बात नहीं होगी, जो भी बात होगी दिन में होगी. अगर प्रशासन ने जबरजस्ती की तो फांसी लगा लूंगा’ दरअसल, टिकैत से मिलने के लिए पुलिस और एडीएम मंच पर पहुंचे थे।
राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को ही किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान व्यापक हिंसा हुई थी. गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर परेड का लक्ष्य कृषि कानूनों को वापस लेने और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की मांग करना था. दिल्ली पुलिस ने राजपथ पर समारोह समाप्त होने के बाद तय रास्ते से ट्रैक्टर परेड निकालने की अनुमति दी थी, लेकिन हजारों की संख्या में किसान समय से पहले विभिन्न सीमाओं पर लगे अवरोधकों को तोड़ते हुए दिल्ली में प्रवेश कर गए. कई जगह पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई और पुलिस को लाठी चार्ज और आंसू गैस के गोलों का सहारा लेना पड़ा. प्रदर्शनकारी लाल किले में भी घुस गए और वहां ध्वज स्तंभ पर धार्मिक झंडा लगा दिया था. दिल्ली पुलिस ने ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा और तोड़-फोड़ की घटना के संबंध में 25 आपराधिक मामले दर्ज किए हैं. इस हिंसा में दिल्ली पुलिस के 394 कर्मी घायल हुए हैं।
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