बिजनौर। बिजनौर जनपद के सीजेएम कोर्ट में दिल्ली पुलिस की हिरासत में अपने साथी जब्बार के साथ आए शाहनवाज की ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर की गई हत्या के मामले में शामली निवासी सुमित को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इस बहुचर्चित मामले में अपर सत्र न्यायाधीश प्रकाश चंद शुक्ला ने उसे शाहनवाज की हत्या और जानलेवा हमले और अवैध शस्त्र रखने का दोषी माना है।

17 दिसंबर 2019 को दिल्ली पुलिस नजीबाबाद निवासी शाहनवाज एवं जब्बार को लेकर कोर्ट में पेश करने के लिए बिजनौर लाई थी। सीजेएम कोर्ट में दोपहर को अहसान हत्याकांड में दोनों को पेश किया गया था।


इस दौरान तीन लोगों ने कोर्ट में घुसकर ताबड़तोड़ गोलियां चला दी थीं। गोली लगने से शाहनवाज की मौके पर ही मौत हो गई। शाहनवाज के साथ आया जब्बार भगदड़ का फायदा उठाकर फरार हो गया था।

सीजेएम के गनर रवि, दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल, कोर्ट मोहर्रिर मनीष आदि पुलिस कर्मियों ने साहस का परिचय देते हुए तीनों हमलावरों साहिल पुत्र अहसान निवासी नजीबाबाद, अकराज निवासी किरतपुर और सुमित निवासी शामली को पकड़ लिया था। कोर्ट मोहर्रिर मनीष भी जबड़े में गोली लगने से घायल हो गया था।

शासकीय अधिवक्ता मुकेश चौहान के अनुसार इस केस में गिरफ्तार किए गए नाबालिग साहिल पुत्र एहसान और अकराज की सुनवाई पर हाई कोर्ट से स्टे है। बुधवार को बहराइच से कड़ी सुरक्षा के बीच सुमित को बिजनौर कोर्ट लाया गया था और कोर्ट ने उसे हत्या, जानलेवा हमला और अवैध शस्त्र रखने का दोषी माना था। आज कोर्ट ने सुमित का आजीवन कारावास की सजा सुनाई।