दिल्ली। फिनटेक कंपनियों के उभार के साथ डिजिटल लोन का दायरा भी बढ़ता जा रहा है। यह क्षेत्र प्रौद्योगिकी के विकास और बैंकिंग के नए-नए प्रयोगों का लाभ उठा रहा है। इंटरनेट कनेक्टिविटी और डिजिटल साक्षरता ने उपभोक्ताओं को इस तरह के लोन की तरफ आकर्षित किया है। थोड़ी सी फॉर्मेलिटी के बाद मिलने वाला पैसा आखिर किसे अच्छा नहीं लगता !

बैंकिंग, वित्त और बीमा क्षेत्र इंस्टैंट और सेक्योर डिजिटल लेंडिंग की तकनीक को अपना रहे हैं। कोरोना महामारी के दौरान ऑनलाइन और डिजिटल लेंडिंग की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है।

बहुत दिन नहीं हुआ, जब कर्ज लेने के लिए कई बार बैंक जाना पड़ता था, लंबी कतारों में इंतजार करना पड़ता था और वेरिफिकेशन के लिए अलग-अलग प्रमाण सेर्टिफिकेट जमा करने पड़ते थे। इतना सब करने के बाद भी कर्ज मिलेगा या नहीं, इसकी पक्की गारंटी नहीं थी। नए जमाने के डिजिटल लेंडिंग प्लेटफॉर्म के उभरने के साथ लोन अब पेपरलेस हो गया है। आप स्मार्टफोन पर 15-20 मिनट के भीतर लोन एप्लिकेशन को पूरा कर सकते हैं। लेकिन डिजिटल लोन के लिए आवेदन करने से पहले कुछ महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखना चाहिए।

डिजिटल ऋण के लिए आवेदन करने से पहले ग्राहकों को पात्रता की जांच करनी चाहिए। हर डिजिटल लेंडिंग ऐप का अलग मानक है। एक ग्राहक जो 15000 प्रति माह एक कमाता है, डिजिटल लोन के लिए उसके कैटेगरी अलग होगी। जबकि 50000 हर महीने कमाने वाले व्यक्ति के लिए पात्रता की शर्त अलग होगी। अगर आप डिजिटल लेंडिंग ऐप पर आवेदन कर रहे हैं तो वहां अपलोड करने के लिए कई सभी आवश्यक दस्तावेज जैसे बैंक स्टेटमेंट, पता और आईडी प्रूफ आदि की जांच भी कर लें।

डिजिटल लोन मिलना आसान है, इस चक्कर में बहुत से लोग जरूरत न होने पर भी एक्सपेरिमेंट के लिए लोन लेते हैं। लेकिन ध्यान रहे कि आपको हर लोन की कीमत चुकानी पड़ेगी। लोन लेने से पहले उसको चुकाने के बारे में जरूर सोच लें। ग्राहकों को ऋण लेने से पहले और बाद में रीपेमेंट की योजना सोच-समझकर बनानी चाहिए। इससे ग्राहकों को बिना ईएमआई का बोझ बढ़ाए अपनी फाइनेंसियल प्लानिंग में मदद मिलती है ।

डिजिटल लेंडिंग में आप अपने महत्वपूर्ण दस्तावेजों को ऑनलाइन जमा करते हैं और डिजिटल माध्यम से ऋण प्राप्त करते हैं। एप्लिकेशन, उसके अप्रूवल और डिस्ट्रीब्यूशन से लेकर वसूली तक की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन की जाती है। इससे आपका गोपनीय डाटा बहुत से लोगों तक पहुंच जाता है। सरकार की सख्ती के बाद डिजिटल लेंडिंग प्लेटफॉर्म भी ग्राहकों की सुरक्षा के प्रति जागरूक हो रहे हैं और लगातार अपने सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने पर काम कर रहे हैं।

डिजिटल लेंडिंग में जो चीज सबसे जरूरी है, वह है लोन ऐप का सेफ होना। हाल ही में चीनी लेंडिंग ऐप के फर्जीवाड़े को देखते हुए लोन देने वाले ऐप की विश्वसनीयता की जांच बहुत जरूरी है। कई बोगस और फर्जी ऐप सस्ता लोन देने का लालच देकर ग्राहकों को ललचाते हैं, इनसे बचें। हमेशा भरोसेमंद ऐप से लोन के लिए अप्लाई करें।

एक अच्छे और संतुलित वित्तीय जीवन के लिए क्रेडिट स्कोर बहुत जरूरी है। एक अच्छा क्रेडिट स्कोर होने से कम ब्याज दरों पर ऋण प्राप्त करने में मदद मिलती है। आरबीआई के मानदंडों के अनुसार, प्रत्येक ऋणदाता लोन चाहने वालों की क्रेडिट योग्यता जानने के लिए उनके सिबिल स्कोर की जांच करता है। एक अच्छा स्कोर 650 से 900 तक होता है। यह ग्राहकों के वित्तीय रिकॉर्ड के बारे में बैंकों, वित्तीय संस्थानों और डिजिटल ऋण देने वाले ऐप्स की राय को दिखाता है।

डिजिटल लोन लेने से पहले दस्तावेजों और शुल्क को जानना आवश्यक है। इसके अलावा उधार लेने वालों को इस बात का भी पता लगाने की कोशिश करनी चाहिए कि कर्ज देने वाला डिजिटल ऐप कितना भरोसेमंद है। इसके लिए एनबीएफसी लाइसेंस के बारे में जानकारी इकट्ठा कर लें। यह लाइसेंस आरबीआई से हासिल किया जा सकता है।