मुजफ्फरनगर। भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि हम सरकार से टकराव नहीं चाहते। हमें जनता को भी बचाना है। भारतीय किसान यूनियन समुद्र है और अलग हुए दूसरे संगठन नदी नाले हैं। भाकियू किसानों के मुद्दे पर खरी उतर रही है। अनुशासन से भटककर लोग भाकियू छोड़ रहे हैं। हम विरोधी तो हो सकते हैं, लेकिन गद्दार नहीं।

किसान भवन पर आयोजित पंचायत में राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने कहा कि पंजाब, हरियाणा के किसानों के साथ हैं। हम हर तरह से सहयोग करेंगे। सभी को मिल जुलकर आंदोलन करना होगा। घर बैठकर काम नहीं चलेगा। किसानों से आह्वान किया कि 21 फरवरी को ट्रैक्टरों की लाइन लगा देना। आंदोलन के चक्रव्यूह में जाना आसान है, लेकिन निकलना मुश्किल हो जाता है। किसानों से फिजूल खर्ची रोकने का आह्वान करते हुए कहा शादी के खर्चों में कटौती करो। मैरिज होम के बजाए अपने घर में शादी करो।

भाकियू प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि आज जो पंजाब में हुआ है, वह यहां भी होगा। आजादी की लड़ाई 90 वर्ष तक चली थी। किसानों को भी लंबा संघर्ष करना होगा। सरकार छह हजार रुपये किसान सम्मान निधि दे रही है, कोई डॉलर नहीं दे रही।

भाकियू की मासिक पंचायत में बुजुर्ग कार्यकर्ता भी पहुंचे। साल 1987 से भाकियू के कोषाध्यक्ष दरियाव सिंह ने पंचायत में भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत को किसान भवन की चाबी सौंप दी। दरियाव सिंह ने कहा स्वास्थ्य कारणों से यह फैसला किया है। वह मूल रूप से अटाली गांव के रहने वाले हैं, लेकिन भाकियू के गठन के बाद से किसान भवन पर रहकर कोषाध्यक्ष का दायित्व निभा रहे थे। इसके अलावा पंचायत में आए 102 साल के बुजुर्ग किसान भी भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने सम्मानित किया।

अध्यक्षता राजपाल सिंह और संचालन राष्ट्रीय महासचिव ओमपाल मलिक ने किया। थांबेदार श्याम सिंह बहावड़ी, कालखंडे खाप के चौधरी संजय कालखंडे, भाकियू जिलाध्यक्ष योगेश शर्मा, घनश्याम वर्मा सरदार भूपेंद्र सिंह,बिजेंद्र सिंह यादव, चमन गुर्जर, बलदेव सिंह, रामपाल सिंह, मलखान सिंह, दानबीर सिंह, कालिन्द्र मलिक, बबली त्यागी, गौरव टिकैत, अनुराग, होशियार सिंह, रामअवतार सिंह रमेश मलिक, तेजपाल सिंह, सोनू मालपुरिया और अनिल मलिक मौजूद रहे।पंचायत में आए किसानों के लिए भंडारे का आयोजन भी किया गया। यहां दूर-दराज से आए किसानों ने भोजन किया। किसान भवन का भ्रमण भी किया।