प्रयागराज: मेला क्षेत्र में हुए एनाउंसमेंट के बाद जानसेनगंज चौराहा भी जंक्शन पर जाने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ से भर गया। इस दौरान जिसे जहां जगह मिली, वह वहीं बैठ गया। भीड़ बढ़ता देख रेलवे ने काफी देर तक जंक्शन में यात्रियों को स्टेशन के बाहर ही रहना पड़ा।

मेला क्षेत्र में हुए एनाउंसमेंट के बाद जानसेनगंज चौराहा भी जंक्शन पर जाने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ से भर गया। इस दौरान जिसे जहां जगह मिली, वह वहीं बैठ गया। भीड़ बढ़ता देख रेलवे ने काफी देर तक जंक्शन में यात्रियों को स्टेशन के बाहर ही रहना पड़ा। स्टेशन से यात्रियों के गंतव्य के लिए रवाना होने के बाद दूसरे यात्रियों को अंदर प्रवेश दिया जाता रहा। यात्रियों को गंतव्य स्थान पर भेजने के लिए प्लेटफाॅर्म पर एक के बाद एक स्पेशल ट्रेन लगाई जाती रही।

शहर में लगे जाम की वजह से शनिवार को लंबी दूरी की ट्रेनों को पकड़ने के लिए यात्री समय से रेलवे स्टेशन नहीं पहुंच सके। इस वजह से शनिवार को 26,357 यात्रियों के आरक्षित टिकट निरस्त हुए। इसकी एवज में रेलवे को 2.33 करोड़ रुपये का रिफंड सिर्फ प्रयागराज क्षेत्र में ही देना पड़ा। समूचे प्रयागराज मंडल में 15 फरवरी को 57,524 यात्रियों के आरक्षित टिकट निरस्त हुए। इस दौरान 5.04 करोड़ का रेलवे ने रिफंड दिया।

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात भगदड़ के बाद प्रयागराज जंक्शन समेत शहर के सभी स्टेशनों पर मौनी अमावस्या वाला इमरजेंसी प्लान लागू किया गया है। प्लेटफाॅर्म पर भीड़ एकत्रित न हो, इसके लिए ज्यादा से ज्यादा स्पेशल ट्रेन चलाने का फरमान जारी हुआ है। रेलवे अफसरों ने 28 फरवरी तक किसी भी तरह की ढिलाई न बरतने की बात कही है। अधिकारियों का कहना है कि ऑन डिमांड ट्रेनों का ही संचालन होगा। इस बीच रविवार को देर शाम तक 117 स्पेशल ट्रेनों चलाई गईं।

मौनी अमावस्या का प्लान लागू होने के बाद शहर के सभी रेलवे स्टेशनों पर एकल दिशा प्रवेश भी लागू हो गया। अधिकांश स्टेशनों पर श्रद्धालुओं को यात्री आश्रय स्थल के माध्यम से प्रवेश दिया गया, ताकि वह सीधे प्लेटफाॅर्म पर न पहुंचे। प्रयागराज जंक्शन के कई प्लेटफाॅर्म पर भीड़ नियंत्रित करने के लिए रस्सी भी बांधी गई।

हालांकि प्रयागराज में महाकुंभ के पहले स्नान पर्व से ही यात्रियों को एक तरफ से प्रवेश तो दूसरी तरफ से निकासी की जा रही है, फिर भी नई दिल्ली में मची भगदड़ को देखते हुए यहां किसी भी तरह की कोताही नहीं बरतने की अफसरों ने कही है। फिलहाल शाम सात बजे तक 117 स्पेशल में से 87 उत्तर मध्य रेलवे ने, 20 पूर्वोत्तर रेलवे ने एवं 10 का उत्तर रेलवे ने संचालन किया।

वीकेंड पर उम्मीद से ज्यादा यहां भीड़ जुटी। शनिवार शाम से ही जंक्शन पर इतनी भीड़ हो गई कि वहां आपातकालीन योजना लागू करनी पड़ी। योजना रविवार सुबह चार बजे तक लागू रही। यही स्थित सोमवार को भी बनी रही। नैनी रेलवे स्टेशन से लेकर प्रयागराज जंक्शन, रामबाग, झूंसी सहित अन्य स्टेशनों पर भारी भी देखने को मिली। जंक्शन पर भीड़ बढ़ने के बाद फिर से आपातकालीन योजना लागू कर दी गई। इस दौरान खुसरो बाग से ही प्रयागराज जंक्शन आने वाले यात्रियों को प्रवेश दिया गया। इससे भीड़ पर काफी हद तक नियंत्रण भी किया जा सका। रविवार रात स्टेशन पर इतनी भीड़ हो गई कि बड़ी संख्या में यात्री खिड़की के रास्ते बोगी में घुसते रहे। रिजर्वेशन कराने वाले यात्री बोगी में घुस नहीं सके।

आरक्षित टिकट वाले यात्रियों को गेट-पांच से ही प्रवेश दिया गया। जंक्शन समेत सभी आठों स्टेशनों पर ऑन डिमांड ट्रेनों का दिनभर संचालन होता रहा। यानी जिस रूट पर भीड़ ज्यादा होगी, उस रूट पर सबसे पहले ट्रेन भेजी जाएगी। प्रयागराज जंक्शन से सबसे ज्यादा स्पेशल पंडित दीन दयाल उपाध्याय और बिहार की तरफ चलाई गई।

जंक्शन से कानपुर, मानिकपुर, झांसी, सतना, अयोध्या एवं वाराणसी रूट के लिए भी स्पेशल ट्रेनें चलीं। इसी तरह झूंसी और प्रयागराज रामबाग से वाराणसी, गोरखपुर की ओर, प्रयाग, फाफामऊ से अयोध्या, जौनपुर, लखनऊ, प्रयागराज छिवकी, नैनी से मानिकपुर, सतना और पंडित दीन दयाल उपाध्याय की ओर ऑन डिमांड स्पेशल चलाई गई।