मन चाही मोहब्बत अगर मिल भी जाए तो क्या जिंदगी हसीन हो जाती है? अफसोस कई बार ऐसा नहीं होता। सिनेमा की नगरी में कई ऐसे कपल हैं, जिन्होंने शादी से पहले साथ जीने मरने की कसमें खाईं, लेकिन शादी के बाद दोनों अपना रिश्ता नहीं संभाल पाए। इसी तरह मोहब्बत की कई असफल दास्तां में शुमार बेहद चर्चित प्रेम कहानी है मशहूर अदाकारा मीना कुमारी और फिल्म निर्देशक कमाल अमरोही की।
मीना कुमारी पारिवारिक हालातों के कारण छोटी उम्र से ही फिल्मों में काम करने लगी थीं। एक दिन उन्होंने अखबार में फिल्म लेखक और निर्देशक कमाल अमरोही का फोटो देखा और उन पर अपना दिल हार बैठीं। इसके बाद मीना और कमाल एक कॉमन फ्रेंड के जरिए मिले तो धीरे-धीरे उनकी प्रेम कहानी शुरू हो गई। एक बार मीना मुंबई से पुणे घूमने गईं तो रास्ते में उनका एक्सिडेंट हो गया। इसके बाद कमाल अमरोही केवल उनसे मिलने के लिए मुंबई से पुणे जाने लगे और उनकी मोहब्बत परवान चढ़ गई। जीवन की आपाधापी से परेशान मीना को पहली बार कमाल के प्यार की छांव में सुकून के कुछ पल मिले थे।
जब मीना पुणे से मुंबई लौटीं, तब उन्होंने कमाल के साथ निकाह करने का फैसला कर लिया। हालांकि, यह रिश्ता उनके पिता को मंजूर नहीं था। कहा जाता है कि उन्हें घर में आने वाली कमाई अटकने का खतरा सताने लगा था। ऐसे में मीना ने 14 फरवरी 1952 के दिन अपने पिता और दुनिया से छिपकर कमाल के साथ निकाह कर लिया। मीना के पिता को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने मीना को घर से बेदखल कर दिया। शादी के बाद शुरुआती वर्षों तक तो मीना और कमाल के बीच सब कुछ ठीक रहा।
कहा जाता है कि कुछ समय बाद ही दोनों का रिश्ता बिगड़ने लगा। मीना कुमारी एक के बाद एक कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ती जा रही थीं, जो उनके पति कमाल अमरोही को पसंद नहीं आया और दोनों के बीच तकरार बढ़ने लगी। कमाल ने मीना पर बंदिशें लगा दीं। बात मारपीट तक पहुंच गई। कमाल अमरोही मीना को परेशान करने का कोई मौका नहीं छोड़ते। इतना ही नहीं, सार्वजनिक तौर पर भी मीना के शरीर पर पिटाई के निशान साफ देखे जाने लगे। वह अपने हालात से समझौता करके लोगों के सामने खुश रहने का नाटक करतीं, लेकिन उदास आंखें चीख-चीखकर सारा हाल बयां कर देतीं।
कमाल के दुर्व्यवहार से मीना की जिंदगी में एक बार फिर दुखों का सैलाब उमड़ पड़ा। हालात यहां तक पहुंच गए कि एक बार कमाल के निजी सचिव ने मीना पर सबके सामने हाथ उठा दिया, जिसके बाद ही मीना ने साल 1961 में कमाल का घर छोड़ दिया। मीना ने घर तो छोड़ दिया, मगर मोहब्बत का दामन नहीं छूटा। कमाल से रिश्ता खत्म होने के बाद मीना नशे और नींद की दवाइयों की गुलाम बन गईं। नशे की लत उनकी गंभीर बीमारी लिवर सिरोसिस का कारण बनी। लोगों से उनकी दूरियां बढ़ती चलती गईं और मीना तन्हाई में रहने लगीं।
गुस्से और तनातनी के दौर में एक वक्त ऐसा भी आया, जब कमाल खुद पर काबू नहीं रख आए। उनका पारा इतना ज्यादा चढ़ गया कि उन्होंने तीन बार तलाक बोल दिया। कहा जाता है कि कुछ समय बाद कमाल को अपनी गलती का अहसास हुआ तो उन्होंने मीना कुमारी से दोबारा निकाह करने का फैसला किया। मोहब्बत की खातिर मीना ने यह भी कबूल कर लिया। इसके बाद मीना को हलाला के तौर पर जीनत अमान के पिता और कमाल के दोस्त अमान उल्लाह खान के साथ निकाह करना पड़ा। कहा जाता है कि इस बात ने मीना कुमारी को पूरी तरह तोड़ दिया। इस बारे में मीना कुमारी ने खुद लिखा था, ‘धर्म के नाम पर मुझे दूसरे मर्द को सौंपा गया तो मुझमें और वेश्या में क्या फर्क रह गया।’ मशहूर निर्माता निर्देशक बीआर चोपड़ा ने 1982 में इस वाकये पर निकाह फिल्म भी बनाई थी। धीरे-धीरे मीना कुमारी खुद में इस कदर घुटती चली गईं कि 31 मार्च 1972 को इस दुनिया को अलविदा कह गईं और उनकी मोहब्बत की दास्तां इतिहास के पन्नों में दफन होकर रह गई।