मेरठ। गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस के रेडियो विभाग में तैनात मेरठ के गंगानगर निवासी सीनियर वारंट ऑफिसर सुशील कुमार शर्मा की करंट की चपेट में आने से मौत हो गई।
वहीं रविवार को वायुसेना के अधिकारी उनका पार्थिव शरीर लेकर गंगानगर की गंगाधाम-ए कॉलोनी स्थित आवास पर पहुंचे। बाद में सूरजकुंड स्थित श्मशान घाट पर सैन्य सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई।
बताया गया कि कारगिल युद्ध के समय सुशील कुमार रेडियो विभाग में ही थे। उन्होंने बखूबी अपनी सेवाएं दीं।
मूलरूप से बुलंदशहर के स्याना निवासी सुशील कुमार शर्मा (47) पुत्र राघवेंद्र शर्मा वायुसेना में सीनियर वारंट ऑफिसर थे और परिवार के साथ गंगानगर स्थित गंगाधाम कॉलोनी-ए 99 में रहते थे। पिछले साल ही उनकी तैनाती हिंडन ऐयरबेस के 28 विंग रेडियो विभाग में हुई थी।
परिजनों के मुताबिक, वह एयरबेस से बाहर किराए के आवास में रह रहे थे। शुक्रवार रात करीब साढ़े दस बजे वह ड्यूटी से लौटे और टैंक में पानी भरने के लिए मोटर के तार लगाने लगे। इसी दौरान करंट की चपेट में आ गए और गिर गए। कुछ लोग उन्हें जिला अस्पताल लेकर गए। यहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनके साथियों ने घटना की जानकारी अधिकारियों को दी और परिजनों को भी सूचना दी गई।
सुशील कुमार के शव का पोस्टमार्टम कराया गया। रविवार दोपहर वायुसेना के जवान उनके पार्थिव शरीर को यहां आवास पर लेकर पहुंचे। शव पहुंचते ही परिजन बिलख उठे।
इसके बाद उनके शव को तिरंगे में लपेटकर सूरजकुंड स्थित श्मशान ले जाया गया और सैन्य सम्मान सहित अंतिम विदाई दी गई। सुशील कुमार के परिवार में पत्नी नेहा और दो बेटे शिवांक और इशांग है। शिवांग बंगलूरू में जॉब करते हैं, जबकि इशांग पढ़ाई कर रहे हैं। वर्ष 2016 में सुशील कुमार का परिवार गंगाधाम कॉलोनी में रहने के लिए आया था।
शव लेकर यहां पहुंचे वायुसेना के जूनियर वारंट ऑफिसर केडी प्रसाद ने बताया कि हिंडन ऐयरबेस में उनकी और सुशील कुमार की तैनाती एक साथ हुई थी। उनका व्यवहार सौम्य और सरल रहा। अधिकारी भी उनकी कार्य में दक्षता को सराहते रहे। केडी प्रसाद के मुताबिक, सुशील कुमार की शुक्रवार को ही छुट्टियां मंजूर हुईं थीं। वह पांच अक्तूबर से छुट्टी पर जाने वाले थे, लेकिन इससे पहले यह हादसा हो गया।