विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के प्रदर्शन ने बृहस्पतिवार से हड़ताल का रूप ले लिया। मेरठ जिले के सभी 160 बिजलीघरों पर ताले पड़ गए। फाल्ट होने से जहां शहर में कई जगह बिजली आपूर्ति ठप हो गई तो वहीं हस्तिनापुर खादर क्षेत्र के दर्जनों गांवों में 24 घंटे से बिजली सप्लाई बंद पड़ी है। उपभोक्ता मीटर संबंधी व अन्य विद्युत संबंधी कार्य कराने के लिए परेशान घूमते रहे। कैश काउंटर पर बिल जमा नहीं किए गए और न ही समय से फाल्ट ठीक किए गए।
उधर, हजारों कर्मचारियों ने संविदाकर्मियों को साथ लेकर ऊर्जा भवन में एकत्र होकर जोरदार प्रदर्शन किया। विद्युत कर्मचारियों ने 29 नवंबर से ऊर्जा भवन में प्रदर्शन शुरू किया था। दो दिन लगातार धरना प्रदर्शन करने के बाद तीसरे दिन बृहस्पतिवार को सभी कर्मचारी एकजुट हो गए। किसी भी बिजलीघर पर शहर और देहात में कार्य नहीं किया गया। शहर के 52 और पूरे जिले में करीब 160 बिजली घरों पर कर्मचारियों ने कार्य नहीं किया।
समिति के संयोजक इंजीनियर रोहित कुमार ने कहा कि पूरे प्रदेश में कर्मचारियों की ओर से धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। इसके बावजूद शीर्ष प्रबंधन उनकी मांगों को लगातार अनसुना कर रहा है। अब कर्मचारी जेल भरो आंदोलन की तैयारी करेंगे। प्रदर्शन में काफी संख्या में महिला कर्मचारी भी शामिल हुईं। वहीं अध्यक्षता इंसीपी सिंह ने की। आरए कुशवाहा, केके सारस्वत, केके तेवतिया, निखिल कुमार, अमित खारी, मुकेश यादव, आशुतोष शर्मा, विवेक सक्सेना, भूपेंद्र सिंह, प्रियव्रत शर्मा समेत सैकड़ों की संख्या में कर्मचारी मौजूद रहे। प्रदर्शन में 1200 कर्मचारियों के साथ जिले भर से 1365 संविदा कर्मचारी भी पहुंचे।
समर कॉलोनी में ट्रांसफार्मर खराब होने के कारण विद्युत आपूर्ति नहीं हो सकी। पूर्व राज्यमंत्री शकील भारती ने बताया कि कॉलोनी में सुबह 11 बजे से लेकर दोपहर चार बजे तक विद्युत आपूर्ति बाधित रही। मुख्य अभियंता अनुराग अग्रवाल को फोन पर समस्या से अवगत कराया गया। जिसके बाद उन्होंने क्षेत्रीय अधिकारियों को फोन कर समस्या को दूर करने के निर्देश दिए।
बृहस्पतिवार को कंकरखेड़ा के गोविंदपुरी में दोपहर एक बजे फाल्ट हुआ। तीन घंटे तक कोई कर्मचारी फाल्ट ठीक करने नहीं पहुंचा। माधवपुरम और लिसाड़ी गेट क्षेत्र में भी करीब चार से पांच घंटे तक दिन में बिजली गुल रही। माधवपुरम में दोपहर दो बजे 11 केवी की लाइन के फीडर में फाल्ट हुआ। शाम छह बजे फीडर को ठीक कराया गया। लिसाड़ी गेट क्षेत्र में भी कई जगह विद्युत तारों में फाल्ट की समस्या रही।
ये हैं प्रमुख मांगें
– ऊर्जा निगम में चेयरमैन, प्रबंध निदेशकों व निदेशकों की भर्ती नियमित चयन प्रक्रिया से हो
– विद्युत कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के बाद व पहले कैशलेस इलाज की सुविधा दी जाए
– पावर सेक्टर इम्प्लॉइज प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए
– वर्ष 2000 के बाद सेवा में आए सभी कार्मिकों के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल हो
– कर्मचारियों व अभियंताओं के समस्त भत्तों का पुनरीक्षण किया जाए
– कई वर्षों से लंबित बोनस का भुगतान किया जाए
– रियायती बिजली की सुविधा पूर्ववत जारी रखी जाए
– सभी संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाए