नई दिल्ली. दूध उबालते समय हल्की सी नजर हटी नहीं कि सारा दूध पैन से गिरकर बाहर आ जाता है. इस वजह से आपने कई बार डांट भी खाई होगी. क्या आपने कभी सोचा है कि अगर पानी चढ़ाकर भूल जाओ तो पानी उबलकर कम हो जाता है पर गिरता नहीं है पर वहीं दूध उबलकर नीचे गिर जाता है, आखिर इसके पीछे का कारण क्या है. आज हम इसके पीछे का साइंटिफिक रीजन जानेंगे.

दूध बॉयलिंग स्टेज पर आने के बाद बर्तन से निकल कर बाहर गिर जाता है. वहीं पानी के साथ ऐसा नहीं होता है. पानी बॉयलिंग स्टेज पर आने के बाद बर्तन में ही उबलता रहता है. जब भी दूध उबल कर गिर जाता है तो आपने मम्मी से डांट खाई होगी और उनको कहते भी सुना कि दूध उबाल दिया और सारी मलाई गिर के बर्बाद हो गया बस पानी रह गया है. क्या सच में दूध उबलने के बाद सिर्फ पानी बचता है. आइए जानते हैं.

दूध में फैट, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन और कई तरह के मिनरल्स होत हैं. सबसे ज्यादा मात्रा में दूध में फैट और प्रोटीन पाए जाते हैं. दूध में 87 प्रतिशत पानी, 4 प्रतिशत प्रोटीन और 5 परसेंट लैक्टोज होता है. क्योंकि दूध में सबसे ज्यादा मात्रा में पानी होता है इसलिए जब ये गर्म होता है तो दूध भाप में बदलना शुरू हो जाता है जिसके कारण फैट, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन आदि गाढ़े हो जाते हैं.

असल में दूध में जो फैट, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन होते हैं वो वजन में हल्के होते हैं जिसके कारण जब दूध गर्म हो जाता है तो वो ऊपर की सतह पर तैरने लगते हैं. इसलिए नीचे ज्यादा पानी बचता है. ये पानी धीर-धीरे भाप बन रहा होता है लेकिन ऊपर फैट, विटामिन और अन्य चीजों की परत भाप को निकलने नहीं देती हैं. पर कहते हैं न कि ज्यादा प्रभावशाली वही होता है जो संख्या या फिर मात्रा में ज्यादा होता है. चूंकि पानी मात्रा में ज्यादा होता है इसलिए वह ऊपर की परत को हटाकर भाप बनकर निकल जाता है जिसके कारण ऊपरी परत उबलकर बाहर गिर जाती है और सिर्फ बचा हुआ दूध ही बर्तन में उबलता रहता है.

पानी में फैट, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन आदि नहीं होते हैं. इसकी वजह से पानी के ऊपर किसी भी तरह की कोई परत नहीं बनती है और भाप के निकलने के लिए जरूरत भर की जगह होती है. इसलिए पानी बर्तन में ही उबलता है और बाहर नहीं गिरता.