नई दिल्ली। कृषि कानूनों के विरोध और वापसी की मांग के बीच देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बीच का रास्ता सुझाया है। राजनाथ सिंह ने कहा है कि इसे 1-2 साल लागू करके देख लिया जाए। आंदोलनकारी किसानों से कृषि कानूनों पर चर्चा के लिए आगे आने की अपील करते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि यदि किसानों को कानून लाभकारी नहीं लगते तो सरकार उनमें संशोधन करेगी।

आंदोलनकारी किसानों को अपने ही लोग बताते हुए सिंह ने कहा, ”धरने पर बैठे लोग किसान हैं और किसान परिवारों में जन्मे हैं। हम उनके प्रति बहुत सम्मान रखते हैं।” राष्ट्रीय राजधानी के द्वारका में एक रैली को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि वह स्वयं किसान के बेटे हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि मोदी सरकार ‘कभी ऐसा कुछ नहीं करेगी जो किसानों के हित में नहीं हो।’

किसानों से नए कृषि कानूनों को ट्रायल के तौर पर लेने का अनुरोध करते हुए पूर्व भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि अगर ये कानून लाभकारी नहीं लगते तो सरकार सभी जरूरी संशोधन इनमें लाएगी। सिंह ने कहा, ”अभी एक या दो साल के लिए कृषि कानूनों को लागू करने दिया जाए। इसे प्रयोग के तौर पर देखते हैं और यदि ये किसानों के लिए लाभकारी नहीं लगते तो सरकार हरसंभव संशोधन को तैयार रहेगी।”

उन्होंने कहा कि हर समस्या का समाधान बातचीत से निकल सकता है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों से बातचीत जारी रखने के पक्ष में हैं, इसलिए सरकार ने उन्हें न्योता भेजा है। सिंह ने सभी आंदोलनकारी किसानों से कृषि कानूनों पर बातचीत के लिए आगे आने की अपील की।