मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् की विशेष बजट प्रस्ताव वाली बोर्ड मीटिंग आखिरकार विरोधियों को पस्त करने वाली साबित हुई। चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले विरोधी गुट के सभासद इस बैठक से गायब नजर आये। उनके द्वारा बोर्ड को भ्रष्ट बताने की सभासदों ने निंदा की और पूरा बोर्ड चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल के समर्थन में खड़ा नजर आया। 20 मिनट में ही 200 करोड़ रुपये से ज्यादा के बजट वाला एजेंडा पास कर दिया गया। इसमें कुल 69 प्रस्तावों को बोर्ड के समक्ष रखा गया, जिसमें से 2 प्रस्तावों को बहुमत से विरोध जताते हुए स्थगित किया गया। 67 प्रस्तावों पर बोर्ड ने मुहर लगाकर शहर को विकास की रोशनी से चमकाने के एजेंडे को एकजुटता से सबका साथ सबका विकास के संकल्प के साथ पारित किया। मीटिंग में शांति व्यवस्था कायम करने के लिए पर्यवेक्षक के रूप में डिप्टी कलेक्टर और भारी पुलिस बल मौजूद रहा। इस बोर्ड मीटिंग में हंगामा नहीं, बल्कि सबका साथ सबका विकास का संकल्प गूंजता नजर आया।

नगरपालिका परिषद् की चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल को शहर की जनता द्वारा आयरन लेडी क्यों कहा जाता है, यह उन्होंने अपनी कार्यप्रणाली से समय समय पर साबित करके भी दिखाया है। आज उनके राजनीतिक कौशल ने एक बार फिर से साबित किया है कि वह शहर और जनहित के फैसले लेने के लए आयरन लेडी ही हैं। आज विरोधी गुट के तमाम ताम झाम और साम, दाम, दण्ड, भेद की नीति अपनाने के बावजूद भी चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल बजट सहित 69 प्रस्तावों वाले अपने एजेंडे को न सिर्फ कोरम पूरा करने बल्कि बहुमत हासिल कर पारित कराने में सफल रही हैं। बोर्ड मीटिंग की कार्यवाही यूं तो करीब 30 मिनट तक चली, लेकिन 69 प्रस्ताव के एजेंडे को बोर्ड द्वारा 20 मिनट में ही पारित कर दिया गया।

इसमें दो प्रस्तावों 432 और 468 को सभासदों का विरोध होने के कारण पुनः अवलोकन और पुनः जांच के बाद अगली बोर्ड बैठक के लिए स्थगित कर दिया गया है। मीटिंग में पर्यवेक्षक के रूप में पहुंचे डिप्टी कलेक्टर मनोज कुमार की देखरेख में करीब सवा 11 बजे बोर्ड मीटिंग की कार्यवाही वन्देमातरम गायन के साथ हुई। बोर्ड में सर्वप्रथम विशेष बजट प्रस्ताव होने के कारण सभासदों की उपस्थिति दर्ज की गयी ताकि कोरम पूरा होने की स्थिति स्पष्ट हो सके। बोर्ड मीटिंग में कोरम के लिए आवश्यक 29 सभासदों से ज्यादा 31 सदस्य मौजूद रहे।

गत कार्यवाही की पुष्टि के बाद विशेष प्रस्ताव संख्या 404 के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 204 करोड़ रुपये से अधिक का बजट बोर्ड के समक्ष रखा गया। इसमें 133 करोड़ 8 लाख 60 हजार रुपये की अनुमानित आय और 155 करोड़ 40 लाख रुपये का अनुमानित व्यय शामिल है। कुल मिलाकर 2021-22 के लिए पालिका की ओर से करीब 22.31 करोड़ रुपये के घाटे का बजट पेश किया गया है।

हालांकि पालिका के पास 01 अपै्रल 2021 को 71 करोड़ रुपये से अधिक का प्रारम्भिक अवशेष धन है। बहुमत के आधार पर पूर्ण बोर्ड ने बजट को मंजूरी प्रदान की। इसके बाद लगातार प्रस्ताव को बोर्ड के सभी उपस्थित सदस्यों ने अपनी स्वीकृति प्रदान की। बोर्ड मीटिंग में प्रस्ताव संख्या 432 और 468 पर सभासद विपुल भटनागर ने आपत्ति दर्ज की, बहुमत के आधार पर इन प्रस्तावों को पुनः अवलोकन और जांच के बाद अगली बैठक में लाने की सहमति बनने पर स्थगित किया गया। इस प्रकार 69 में से 67 प्रस्तावों को पारित कर दिया गया।

इसके अलावा नामित सभासद राजू त्यागी ने बोर्ड में मांग की कि पालिका द्वारा साकेत रोड का निर्माण कार्य प्रस्तावित किया गया है। इस रोड का नाम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी महावीर त्यागी के नाम पर रखा जाये। सभासद सत्तार ने पालिका सभाकक्ष का जीर्णोद्धार कराने, सभासद प्रियांशु जैन ने सभाकक्ष में लगे भारत माता के चित्र पर प्रत्येक सप्ताह फूल माला चढ़ाने की व्यवस्था कराने, सभासद नवनीत कुच्छल द्वारा शहर में महाराजा अग्रसैन स्मारक का निर्माण कराने, सभासद प्रेमी छाबडा द्वारा गांधी कालौनी बिजली घर के पास सार्वजनिक शीतल जल प्याऊ लगवाने की मांग की है। वहीं सभासद ओम सिंह, अरविन्द धनगर और सलेक चन्द ने पालिका द्वारा शहर के मध्य महमूदनगर के पास बनाये गये श्मशान घाट के रखरखाव के लिए एक कमेटी गठित करने की मांग भी की। इन सभी प्रस्तावों को एजेंडे में अन्य प्रस्ताव के रूप में शामिल किया गया और बोर्ड ने स्वीकृति प्रदान की।

इस बोर्ड बैठक में ईओ हेमराज सिंह द्वारा 31 सभासदों की उपस्थिति का दावा किया गया। उन्होंने बताया कि मौजूदा बोर्ड 57 सदस्यों का है। इनमें 50 निर्वाचित सभासद, 5 नामित सभासद और 2 पदेन सदस्य सांसद एवं विधायक है। विशेष प्रस्ताव के लिए कोरम पूरा होना आवश्यक है। कोरम के लिए 29 सदस्यों की उपस्थिति होनी चाहिए, लेकिन इस बैठक में इससे अधिक 31 सदस्य मौजूद रहे। एजेंडा पारित होने के बाद पर्यवेक्षक डिप्टी कलेक्टर मनोज कुमार ने कोरम की स्थिति जानने के लिए बोर्ड में मौजूद 31 सभासदों की उपस्थिति को खुद हाजिरी लेकर चैक किया। सभासदों का सीधा नाम लेने पर विपुल भटनाकर ने पर्यवेक्षक के प्रति नाराजगी जताई कि जनप्रतिनिधि होने के कारण नाम सम्मान से लिया जाये। उनको नामित सभासद कपिल पाहुजा और गुलशन कुरैशी गायब मिले, जिसको लेकर वह संशय में रहे। उनको बताया गया कि दोनों सभासद वॉश रूम गये हुए हैं। हालांकि सत्ता पक्ष इस बैठक को लेकर पूरी तरह से सतर्क नजर आया। सबसे पहले रजिस्टर में चेयरपर्सन सहित उपस्थिति सभासदों की हाजिरी दर्ज कराई गयी और इसके साथ ही पूर्ण बैठक कार्यवाही की वीडियोग्राफी कराते हुए एक डिजीटल साक्ष्य जुटाने का काम किया गया है। पर्यवेक्षक द्वारा ईओ से बोर्ड बैठक कार्यवाही की उपस्थिति के लिए हाजिरी रजिस्टर की छायाप्रति और वीडियोग्राफी की फुटेज भी मांगी हैं।

बोर्ड बैठक में मुख्य रूप से सभासद विपुल भटनागर, प्रेमी छाबड़ा, प्रवीण पीटर, विकास गुप्ता, नवनीत कुच्छल, पवन चौधरी, सत्तार, शफीक, वाजिद, अहमद अली, गयूर अली, नवाब जहां, गुलशन कुरैशी, रिहाना कुरैशी, साक्षी चुग्घ, सुषमा पुण्डीर, उमा देवी, पूनम शर्मा, प्रियांशु जैन, परवेज आलम, अरविन्द धनगर, ओम सिंह, सलेक चन्द, सुनीता, रानी सक्सेना, पिंकी, राहुल पंवार आदि सहित ईओ हेमराज सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. संजीव कुमार, डा. अतुल कुमार, कार्यालय अधीक्षक पूरण चंद व अन्य अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।

नगरपालिका परिषद् की बजट के विशेष प्रस्तावा वाली बोर्ड मीटिंग में इस बार कई चीजें पहली बार नजर आई। दरअसल इस मीटिंग को फेल कराने के लिए विरोधी खेमा बेहद सक्रिय था। इसलिए चेयरपर्सन भी अपने समर्थकों के साथ बेहद सतर्क नजर आयी। पहली बार बोर्ड मीटिंग के लिए सभासदों, अधिकारियों और कर्मचारियों को परिचय पत्र वितरित किये गये ताकि पर्यवेक्षक के समक्ष कोई संशय की स्थिति ना रहे। इसके अतिरिक्त चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल के कार्यकाल की यह पहली ऐसी बोर्ड बैठक रही, जिसमें 69 प्रस्ताव वाला लम्बा चौडा एजेंडा बिना विरोध के पारित कराने में वह सफल रही। वहीं उनका विरोध करने वाला कोई नहीं था। वह यहां पर बोर्ड मीटिंग में बहुमत के साथ सफल रही और पहली बार उनके सामने विरोधी खेमा पूरी तरह से गायब नजर आया। बोर्ड मीटिंग में पर्यवेक्षक इससे पहले भी चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल के सामने आते रहे, लेकिन यह पहली हुआ कि किसी पर्यवेक्षक ने बोर्ड मीटिंग में सभासदों की उपस्थिति के लिए अपने सामने ही हाजिरी लेकर संख्या दर्ज की।

नगरपालिका परिषद् की बोर्ड मीटिंग के लिए शह और मात का खेल कोई नया नहीं है, लेकिन चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल की रणनीति ऐसी रही है कि उनके विरोधी भी प्रशंसा करते दिखाई दिये। इस बोर्ड मीटिंग के लिए भाजपा सभासद दल के नेता प्रेमी छाबड़ा और उप नेता विपुल भटनागर शुरूआत से ही एजेंडे के पक्ष में रहे और गत दिवस तो उन्होंने मीटिंग कर यह साफ कर दिया था कि एजेंडा पारित होगा।

आज बोर्ड मीटिंग की शुरूआत में सभासद विपुल भटनागर का आईआईए का चेयरमैन बनने और सभासद पूनम शर्मा को उ.प्र. सभासद एसोसिएशन में प्रदेश महामंत्री मनोनीत होने पर सम्मानित किया गया। दोनों सभासदों को चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल ने पगड़ी पहनाई और शाल भेंट किया। उनको पूरे बोर्ड की ओर से माला पहनाकर स्वागत किया गया। इसके लिए खुद विपुल भटनागर ने मंच से यह स्वीकार किया गया कि बोर्ड में जो सम्मान आज उनको मिला है, अभी तक नहीं मिल पाया था। वहीं पूनम शर्मा ने सम्मान के लिए कृतज्ञता प्रकट की। बता दें कि विपुल भटनागर का चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल के साथ बोर्ड गठन के साथ ही 36 का आंकडा रहा है।

पहले वह कांग्रेसी चेयरमैन होने के नाते अंजू अग्रवाल को कमोबेस हर मीटिंग में घेरते रहे हैं, लेकिन भाजपा में आने के बाद भी वह खुद भाजपा सभासद होते हुए भी उनके खिलाफ खड़े रहे। पूनम शर्मा ने तो चेयरपर्सन के खिलाफ पूरा मोर्चा ही खोल दिया था, साथ ही उनके स्टेनो गोपाल त्यागी के खिलाफ वह हाईकोर्ट तक पहुंची थी। लेकिन राजनीतिक बिसात पर गिले शिकवे भी क्षणिक होते हैं, ऐसा आज बोर्ड मीटिंग में दोनों सभासदों के सम्मान की तस्वीर से नजर आया।

नगरपालिका परिषद् की चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल के समर्थन में आज पूरा बोर्ड ही जुटा नजर आया, क्योंकि बोर्ड मीटिंग में जो 31 सदस्य उपस्थित रहे, उनमें कोई भी उनके विरोध में नहीं था। बोर्ड मीटिंग को बहुमत से पारित कराने की अपनी रणनीति में वह शत प्रतिशत सफल नजर आई ही, साथ ही उन्होंने अपने विरोधियों को भी संदेश देने का काम किया। इसके साथ ही चेयरपर्सन ने भाजपा के उन सभासदों को लेकर कड़ी निंदा और नाराजगी जाहिर की जो पार्टी में रहते हुए पार्टी एजेंडे से अलग होकर छवि खराब करने में जुटे हुए, इनके खिलाफ पार्टी शीर्ष नेतृत्व को शिकायत की बात भी उन्होंने कही। इसके लिए भाजपा सभासद दल के नेता और उपनेता भी उनके सुर में सुर मिलतो दिखाई दिये।

बता दें कि भाजपा के वार्ड 17 के सभासद राजीव शर्मा, मनोज वर्मा और कुसुम लता पाल पत्नी बिजेन्द्र पाल भाजपा में होते हुए भी भाजपा की चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल के खिलाफ पूरी तरह से मोर्चा खोले हुए हैं। उनकी कई शिकायतों को प्रशासन द्वारा कराई गई जांच में निराधार पाया गया है। 6 जुलाई की बोर्ड मीटिंग को लेकर भी इन सभासदों ने भाजपा सभासद दल के नेता प्रेम कुमार छाबड़ा और उप नेता विपुल भटनाकर के निर्देशों के विपरीत जाकर बोर्ड मीटिंग के बजट वाले एजेंडे का विरोध करते हुए विरोधी सभासदों के साथ मीटिंग की और बोर्ड मीटिंग को विफल कराने में लगे रहे। सभासद राजीव शर्मा ने गत दिवस ही डीएम को शिकायत करते हुए पर्यवेक्षक की मांग की है, जिस पर एक पर्यवेक्षक भी बोर्ड मीटिंग के लिए नामित कर दिया गया। इसके अलावा संशोधित एजेंडा जारी करने की जांच की मांग उनके द्वारा की गयी।

आज बोर्ड मीटिंग में राजीव शर्मा, मनोज वर्मा और कुसुमलता पाल के साथ ही विरोधी गुट का कोई भी सभासद उपस्थित नहीं रहा। कहा जा रहा है कि यह सभासद बोर्ड मीटिंग या शहर ही नहीं बल्कि जिले से भी बाहर चले गये, ताकि कोरम पूरा न हो पाये और मीटिंग विफल हो जाये। इन सभासदों के आचरण को लेकर आज बोर्ड मीटिंग में कई सभासदों ने निंदा की। सभासद अरविन्द धनगर, गयूर, विपुल भटनागर, प्रेमी छाबड़ा, नवीनत कुच्छल, प्रवीण पीटर आदि ने इन सभासदों पर आरोप लगाया कि वह बोर्ड को भ्रष्ट बताकर जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रहे है, जबकि इस मीटिंग से साबित होता है कि शहर की विकास की सोच रखने वाले सभासद यहां पर हैं और भ्रष्ट आचरण वाले यहां से गायब हैं। सभासद अरविन्द धनगर ने कहा कि जिन लोगों ने इसी बोर्ड में अहिल्याबाई होल्कर चौराहे के विकास की झूठी शिकायत करने के कारण माफी मांगी थी, वह फिर से झूठी शिकायत करने लगे हैं।

मीटिंग में चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल ने कहा कि शहर के विकास के लिए यह बोर्ड मीटिंग काफी महत्वपूर्ण है। हमारा बजट विकास का एक विजन लेकर आया है। कुछ लोग जो बोर्ड मीटिंग की मांग कर रहे थे, वही आज गायब है। इस मीटिंग में रखा गया सारा एजेंडा ही विकास का है। विकास की सोच को आगे बढ़ाने वाले सदस्य हमारे साथ आज यहां खड़े हैं। उन्होंने कहा कि मैं भाजपा से हूं, चेयरपर्सन होने के नाते सभी का समान विकास मेरा ध्येय है। भाजपा बहुत मजबूत पार्टी है। मैं किसी भी स्तर पर पार्टी की छवि धूमिल नहीं होने दूंगी। भाजपा की कुछ सदस्य हमारे विरोध में खड़े हुए, इसके लिए हम पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मिलकर शिकायत करेंगे। उनके खिलाफ पार्टी स्तर पर कार्यवाही की मांग की जायेगी। भाजपा सभासद दल के नेता प्रेमी छाबडा ने कहा कि पार्टी विरोधी गतिविधि में शामिल रहने पर सभासदों की शिकायत होगी। उप नेता विपुल भटनागर ने कहा कि अपने ही कुछ साथी सभासदों की हरकत ने हमें शर्मिन्दा किया है। हम उनके आचरण पर खेद व्यक्त करते हुए यह भरोसा दिलाते हैं कि पार्टी के इन सभासदों के खिलाफ शीर्ष नेतृत्व से शिकायत करेंगे। पार्टी लाइन से अलग चलने वाले इन सभासदों का भाजपा से कोई वास्ता नहीं है।

बोर्ड मीटिंग के दौरान विरोधी गुट के सभासदों पर शहर के विकास और जनहित के मुद्दे को छोड़कर विरोध करते हुए सैर सपाटा करने के आरोप भी लगाये गये। मीटिंग के दौरान चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल ने कहा कि हम सभी शहर के विकास के लिए यहां पर चर्चा करने के लिए एकजुट हुए हैं। जबकि कुछ लोग जिनमें भाजपा के भी कुछ सदस्य हैं, भ्रम फैलाकर शिकायत करने के बाद सैर सपाटा करने के लिए निकल गये हैं। उनको घूमना है, घूमने दो, हम भी जल्द ही सैर सपाटा करने के लिए जायेंगे। वहीं सभासद प्रवीण पीटर ने बोर्ड में मांग करते हुए कहा कि अगली बोर्ड मीटिंग हिल स्टेशन पर रखी जाये, उनके इस प्रस्ताव पर सभी की हंसी छूट गयी और सभी ने इसका समर्थन किया।

नगरपालिका परिषद् की बोर्ड मीटिंग का विरोध करने वाले सफाई कर्मचारी संघ के नेताओं द्वारा मीटिंग के दौरान चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल को बुके भेंट करते हुए उनका सम्मान किया तो सारा खेल ही पलट गया। चेयरपर्सन ने इस मीटिंग से पहले उठे विरोध के हर स्वर को अपनी खास रणनीति के चलते दबाने का तो काम किया ही वह विरोधियों का दिल जीतने में भी सफल रही।

आज बोर्ड मीटिंग में सभासद प्रियांशु जैन, नामित सदस्य सुषमा पुण्डीर ने क्षेत्र में सफाई कार्यां के प्रभावित होने और सफाई कर्मियों की लगातार घटती संख्या का मुद्दा उठाया। सभासदों ने चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल से मांग करते हुए कहा कि शहर की सफाई व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए सफाई कर्मियों को आउट सोर्सिंग पर रखकर संख्या बढ़ायी जाये। बता दें कि सोमवार शाम को सफाई कर्मचारी संघ के अध्यक्ष चमनलाल ढिगान और महामंत्री अरविन्द मचल ने मीडिया को बयान जारी करते हुए कहा था कि बोर्ड मीटिंग के लिए लाया जा रहा एजेंडा सफाई कर्मचारियों के हितों के विपरीत है। उन्होंने कहा था कि संघ के नेताओं ने सफाई कर्मचारियों की समस्या के समाधान के लिए कई बार नोटिस दिये, हड़ताल और प्रदर्शन के बाद समझौता वार्ता में सफाई कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने, उनको सफाई उपकरण रेहडा, आदि मुहैया कराने पर सहमति बनी थी, लेकिन इसके लिए एजेंडे में एक भी प्रस्ताव नहीं होने के कारण उनके द्वारा बोर्ड मीटिंग का बहिष्कार करते हुए विरोध की घोषणा की गई थी। इसके बाद चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल ने डेमेज कंट्रोल की नीति अपनाई और आज संघ नेता उनका विरोध करने के बजाये फूलों के गुलदस्ते के साथ सम्मान करते दिखाई दिये।

दरअसल देर रात सफाई कर्मचारी संघ के नेताओं को चेयरपर्सन ने वार्ता के लिए कैम्प कार्यालय बुलाया। उनके द्वारा चेयरपर्सन को अपनी मांगों के सम्बंध में एक प्रार्थना पत्र दिया गया, जिसमें कहा गया कि पालिका में कार्यरत सफाई कर्मियों के सेवानिवृत्ति होने के कारण वार्डों में सफाई कार्य प्रभावित हो रहे हैं। इसको लेकर संघ ने 100 सफाई कर्मचारियों को आउट सोर्सिंग के तहत रखे जाने की मांग की। इसके लिए चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल ने ईओ हेमराज सिंह और एनएसए डा. संजीव कुमार को 7 जुलाई बुधवार को प्रातः 11 बजे संघ के पदाधिकारियों के साथ वार्ता करने के निर्देश दिये हैं। चेयरपर्सन के इसी अंदाज का असर था कि बोर्ड मीटिंग में भी सफाई कर्मियों की कमी का मुद्दा जोरशोर से उठा। मीटिंग में ही संघ अध्यक्ष चमनलाल ढिगान ने बोर्ड के सभासदों और चेयरपर्सन के प्रति आभार प्रकट किया।

शहर में चल रहे विकास कार्यों के ठप पड़े होने का कारण ठेकेदारों को पालिका प्रशासन द्वारा भुगतान नहीं किया जाना है, लेकिन अब बोर्ड मीटिंग में बजट पारित होने के बाद ठेकेदारों का भुगतान का रास्ता साफ हो गया है। बता दें कि 14वें और 15वें वित्त के अन्तर्गत शहर में करीब 125 विकास कार्य नगरपालिका परिषद् द्वारा कराये जा रहे हैं। इनमें से करीब 12 करोड़ रुपये के कार्य हो चुके हैं। इन कार्यों के भुगतान के लिए डीएम के निर्देश पर जांच कमेटी बनाई गयी थी। करीब 3 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की जांच करने के बाद कमेटी ने भुगतान की संस्तुति कर दी थी, इसके बावजूद भी ठेकेदारों का भुगतान नहीं किया जा रहा था। कान्ट्रेक्टर वेलफेयर एसोसिएशन ने पालिका प्रशासन के इस रवैये के कारण शहर में चल रहे निर्माण कार्यों को बन्द कर दिया। बोर्ड मीटिंग में सभासदों ने कहा कि निर्माण कार्य बन्द होने के कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने ठेकेदारों का भुगतान करने की मांग की। ईओ हेमराज सिंह ने बताया कि बजट पारित नहीं होने के कारण भुगतान रोका गया था, अब बजट स्वीकृत हो चुका है तो ठेकेदारों का भुगतान शुरू करा दिया जायेगा।