मुजफ्फरनगर। त्यौहारी सीजन के बीच मंगलवार को साप्ताहिक बंदी पर दुकानें खोलने को लेकर व्यापारी असमंजस में दिखाई दिए। दिवाली के त्यौहार को देखते हुए व्यापारियों को कारोबार की छूट के लिए साप्ताहिक बंदी से मुक्त किया गया था, लेकिन त्यौहार समाप्त होने के बाद मंगलवार से इसको प्रशासन ने लागू करने का काम किया तो आज शहर के बाजार में सन्नाटा पसरा नजर आया, जबकि आज ही मेरठ रोड पर मंगल पैठ खरीदारों की भारी भीड़ से पूरी तरह से गुलजार नजर आयी। सर्दी के दस्तक को देखते हुए लोगों ने यहां पर गर्म कपड़ों की जमकर खरीदारी की। व्यापारियों में फिर से साप्ताहिक बंदी लागू होने को लेकर बनी पीड़ा जब जनप्रतिनिधियों तक पहुंची तो जिला प्रशासन को 24 घंटे के भीतर ही अपना आदेश संशोधित करना पड़ा और डीएम ने मंगलवार दोपहर को ही कार्तिक पूर्णिमा तक जनपद में कोई साप्ताहिक बंदी नहीं होने का आदेश जारी कर दिया। इससे व्यापारियों ने राहत महसूस की।
कोरोना संकट को देखते हुए शासन के दिशा निर्देशों के अन्तर्गत जनपद में रविवार और मंगलवार को साप्ताहिक बंदी की पूर्व की व्यवस्था को लागू किया गया था। जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे. के साप्ताहिक बंदी के आदेशों को जनपद में सख्ती के साथ लागू कराया जा रहा था। ऐसे में दिवाली का त्यौहार नजदीक आने के कारण व्यापारियों के आग्रह पर जिला प्रशासन ने त्यौहार तक जनपद में साप्ताहिक बंदी के आदेश वापस ले लिये थे। दिवाली का पंच महोत्सव भैया दूज पर समाप्त हो जाने के बाद सोमवार देर शाम ही अपर जिलाधिकारी प्रशासन अमित सिंह ने साप्ताहिक बंदी के डीएम के आदेश को लागू कराने का फरमान जारी कर दिया था। इसका असर भी आज मंगलवार को शहर के बाजार में दिखाई दिया। शहर के सभी बाजार बंद नजर आये। वहीं शिव चौक, झांसी की रानी, भगत सिंह रोड, रुड़की रोड आदि क्षेत्रों में ठेले वालों ने अपने ठिये लगा रखे थे। जबकि मेरठ रोड पर नुमाइश मैदान में मंगल पैठ पूरे शबाब पर नजर आयी। सर्दी की आहत को महसूस करते हुए लोगों ने मंगल पैठ का रुख किया और ठिये व ठेलों पर भी खरीदार गर्म कपड़ों की खरीदी करने के लिए उमड़े दिखाई दिये। त्यौहारों के बाद शहर में लागू पहली साप्ताहिक बंदी पर जहां शहर के बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ था, वहीं मंगल पैठ खरीदारों की जबरदस्त भीड़ के कारण पूरी तरह से गुलजार नजर आ रही थी। यहां यातायात व्यवस्था भी भीड़ के कारण ठप रही। यातायात संभालने के लिए पुलिस फोर्स को तैनात करना पड़ा। नुमाइश मैदान पर भीड़ के कारण सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना गाइडलाइन का कोई असर नजर नहीं आ रहा था।
जनपद में फिर से साप्ताहिक बंदी लागू करने के प्रशासन के फैसले को लेकर व्यापारियों ने चिंता जाहिर की थी। कोरोना संकट के कारण बाजार में छाई मंदी दिवाली पर कुछ दूर हुई थी, ऐसे में व्यापारियों ने प्रशासन से साप्ताहिक बंदी से छूट को जारी रखने का आग्रह किया था। व्यापारियों की यह पीड़ा जिले के जनप्रतिनिधियों तक भी पहुंची थी। इसका भरपूर असर भी दिखाई दिया और 24 घंटे से पहले ही जिला प्रशासन को साप्ताहिक बंदी के अपने आदेश में संशोधन करना पड़ा। मंगलवार को दोपहर ही जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे. की ओर से संदेश आया कि साप्ताहिक बंदी की छूट बढ़ा दी गयी है। प्रशासनिक सूत्रों के जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे ने आदेश जारी करते हुए कहा कि कार्तिक पूर्णिमा तक जनपद के बाजारों में साप्ताहिक बंदी नहीं की जाएगी। सभी व्यापारियों को इस अवधि तक साप्ताहिक बंदी से छूट रहेगी। इसलिए सभी व्यापारी अपने प्रतिष्ठान को साप्ताहिक बंदी के दौरान भी खोल सकते हैं। प्रशासन के इस निर्णय से व्यापारियों ने राहत महसूस की है। व्यापारियों का कहना है कि इन दिनों सर्दी का सीजन चरम पर है और बाजारों में खरीदी का अच्छा दबाव बना हुआ है। कार्तिक पूर्णिमा के कारण करीब दो सप्ताह तक बाजारों को बंदी से छूट रहेगी।

अनुज कर्णवाल के हत्यारे की जमानत अर्जी रद्द

मुजफ्फरनगर। जनपद में सियासी और प्रशासनिक स्तर पर तनाव पैदा करने वाले दवा व्यापारी अनुज हत्याकांड के मुख्य आरोपियों में शामिल आशीष की जमानत अर्जी को आज जिला एवं सत्र न्यायालय की ओर से रद्द कर दिया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार गत 17 सितंबर को मोरना में दवा व्यापारी अनुज कर्णवाल की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। हत्या के इस सनसनीखेज मामले में एक प्रमुख आरोपी आशीष की जमानत याचिका सेशन कोर्ट से रद हो गई है। जिला जज राजीव शर्मा ने आरोपी आशीष की जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद यह कहते हुए उसकी अर्जी को रद्द कर दिया कि आरोपी की जमानत के लिए उसकी यह याचिका स्वीकार नही की जा सकती है। इससे पूर्व जिला शासकीय अधिवक्ता राजीव शर्मा ने जमानत का कड़ा विरोध किया। बता दें की गत 17 सितंबर को मेडिकल स्टोर के मालिक अनुज कर्णवाल की मोरना में गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस को लेकर काफी प्रदर्शन हुए थे और दुकाने बंद की गई थी। बाद में पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर मामला खोल दिया और फरार 3 पर इनाम घोषित कर उन्हें भी जेल भेजने में सफलता हासिल की थी।