मुजफ्फरनगर में रामपुर तिराहा कांड में सामूहिक दुष्कर्म, छेड़छाड़ और लूट समेत अन्य गंभीर धाराओं के मुकदमे में करीब एक दशक बाद गवाही की प्रक्रिया शुरू हुई। सीबीआई ने गवाह पेश किया। प्रकरण की अगली सुनवाई चार अप्रैल को होगी।
अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या-सात के पीठासीन अधिकारी शक्ति सिंह की अदालत में सीबीआई बनाम राधा मोहन द्विवेदी पत्रावली की सुनवाई हुई। आरोपी पुलिसकर्मी पेश हुए। शासकीय अधिवक्ता फौजदारी राजीव शर्मा और सहायक शासकीय अधिवक्ता फौजदारी परवेंद्र सिंह ने बताया कि लंबे समय बाद गवाही की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सीबीआई ने अदालत में गवाह पेश किया। सीबीआई की ओर से मृतक बताए गए आरोपियों की सत्यापन रिपोर्ट मांगी गई है।
सीबीआई ने अदालत को बताया कि आरोपी झम्मन सिंह, राजपाल सिंह, महेश चंद शर्मा और नेपाल सिंह की मृत्यु हो चुकी है। अदालत ने मृतक बताए गए आरोपियों की सत्यापन रिपोर्ट मांगी है।
अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या-सात के पीठासीन अधिकारी शक्ति सिंह ने विक्रम सिंह तोमर की पत्रावली की सुनवाई की। सहायक शासकीय अधिवक्ता फौजदारी परविंद्र सिंह ने बताया कि सीबीआई ने हापुड़ तहसीलदार की रिपोर्ट दाखिल की है। हापुड़ में आरोपी की कोई संपत्ति नहीं मिली है।
एक अक्तूबर, 1994 को अलग राज्य की मांग के लिए देहरादून से बसों में सवार होकर आंदोलनकारी दिल्ली के लिए निकले थे। देर रात रामपुर तिराहा पर पुलिस ने आंदोलनकारियों को रोकने का प्रयास किया। आंदोलनकारी नहीं माने तो पुलिसकर्मियों ने फायरिंग कर दी, जिसमें सात आंदोलनकारियों की मौत हो गई थी। सीबीआई ने मामले की जांच की और पुलिस पार्टी और अधिकारियों पर मुकदमे दर्ज कराए थे। गंभीर धाराओं के सेशल ट्रायल मुकदमों की सुनवाई के लिए हाईकोर्ट ने जिले के अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर सात के पीठासीन अधिकारी शक्ति सिंह को अधिकृत किया है।