हल्द्वानी. साधारण महिलाएं भी असाधारण काम कर सकती हैं। उत्तराखंड में चिपको आंदोलन ग्रामीण महिलाओं ने ही शुरू किया था लेकिन आज भी महिलाएं समानता के स्तर पर पीछे हैं।
एमबीपीजी कालेज की मनोविज्ञान विभाग की प्रो. डॉ. रेखा जोशी ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर रामपुर रोड स्थित अमर उजाला कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि करीब 16 करोड़ महिलाएं अवैतनिक रूप में घर में काम करती हैं। महिलाएं सोच की लड़ाई लड़ रहीं हैं। आज की लड़कियों को खुद की काउंसलिंग करने की जरूरत है, छोटी-छोटी हर लड़ाई लड़ने की जरूरत है। कहा कि सांविधानिक तौर पर महिलाएं भारत में काफी संपन्न हैं, मगर व्यावहारिक तौर पर नहीं है। अगर एक दिन महिला काम करना बंद कर दे तो घर, परिवार और समाज पर व्यापक प्रभाव पड़ता है। बच्चों के पालन पोषण की जिम्मेदारी परिवार की होती है। परिवार की जिम्मेदारी है कि बेटी को इतना सक्षम बनाएं कि वह पंख लगाकर घूम सके। परिवार में भेदभाव रहित पालन पोषण करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि लड़कियों को पराया धन सोचना छोड़ दें। कहा कि महिलाओं की तरह पुरुषों को भी संवेदनशील होना जरूरी है।
एमबीपीजी कालेज की अतिथि डॉ. किरन कर्नाटक ने कहा कि अब समानता की लड़ाई लड़ी जा रही है। लड़कियों एवं महिलाओं को अपने विश्वास को जगाना है। महिलाओं को मजबूत इरादे रखना और मानसिक तौर पर स्वस्थ रहना जरूरी है। अतिथि नीलोफर अख्तर ने कहा कि आज के युवा काफी सहयोगी हो रहे हैं। अब समाज बदल रहा है आज की युवा पीढ़ी परिवार और समाज में महिलाओं के साथ सहयोग की भावना रखती है जो सकारात्मक कदम है। इससे पूर्व अमर उजाला टीम ने सभी अतिथियों का बुके देकर स्वागत किया। पॉल कालेज ऑफ टेक्निकल मैनेजमेंट से अध्यापिका मोनिका अधिकारी, गायत्री शर्मा, पूनम जोशी, आम्रपाली इंस्टीटयूट से दीपिका जोशी, सौम्या टाकुली, ग्राफिक ऐरा से मेघा जोशी, कत्यूरी पंत समेत इन संस्थानों से पहुंचे छात्र-छात्राएं शामिल रहे। सभी आगंतुकों को गुलाब के फूल और अतिथियों को अपराजिता मोमेंटो और उपहार देकर सम्मानित किया गया। आम्रपाली इंस्टीट्यूट से एमबीए कर रहीं दीपिका जोशी ने शानदार संचालन की सभी ने सराहना की। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार तारा चंद्र गुरुरानी समेत अमर उजाला टीम मौजूद रही।
क्लैप और चिट गेम हुआ
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर मौजूद लोगों के बीच क्लैप गेम और चिट गेम का भी आयोजन किया गया। जिसमें पॉल कालेज आफ टैक्नोलॉजी, ग्राफिक ऐरा हल्द्वानी, आम्रपाली और डॉ. सुशीला तिवारी राजकीय मेडिकल कालेेज के डाक्टरों ने भी प्रतिभाग किया। जिसमें मेडिकल कालेज और ग्राफिक ऐरा हल्द्वानी की टीम विजेता रही। आम्रपाली इंस्टीटयूट से दीपिका जोशी, सौम्या टाकुली, यामिनी कापड़ी, ग्राफिक ऐरा से वैशाली शर्मा, पॉल कालेज ऑफ टैक्नोलॉजी से गुंजन डसीला, कशिश नगन्याल, मेडिकल कालेज से एमबीबीएस इंटर्न डॉ. पारुल चौहान, डॉ. मृडानी पुरोहित, डॉ. रूपाली गुप्ता, ग्राफिक ऐरा से सारिका चौहान शामिल रहीं। कार्यक्रम के बाद सभी को अमर उजाला की ओर से पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया।
कविता और गीत गाकर वाहवाही लूटी
विभिन्न संस्थानों से पहुंचे छात्र-छात्राओं ने इस मौके पर कविता और गीत गाकर वाहवाही लूटी। आम्रपाली इंस्टीटयूट की अध्यापिका सौम्या टाकुली ने जिंदगी हर कदम एक नई जंग है गीत गाया। ग्राफिक ऐरा की छात्रा सारिका चौहान ने मेरी हिम्मत मेरा हौसला मेरी उड़ान कविता सुनाई तो वहीं डॉ. नीलोफर अख्तर ने ये हौसला कैसे झुके और डॉ. रूपाली गुप्ता ने अजीब दास्तां है यह, यामिनी कापड़ी ने कभी यादों में आओ कभी ख्वाबों में आओ गीत गाकर तालियां बटोरी।
कार्यक्रम से पूर्व पॉल कालेज आफ टेक्नोलॉजी, ग्राफिक ऐरा हल्द्वानी, आम्रपाली इंस्टीटयूट के छात्र-छात्राओं और अध्यापिकाओं ने मशीन विभाग में जाकर अमर उजाला अखबार कैसे छपता है और मशीनें कैसे काम करती हैं यह सब देखा और जानकारी लेने के साथ फोटो भी खिंचवाई।