मंदसौर. आज गणतंत्र दिवस है यानि तारीख 26 जनवरी है. इस मौके पर हम आपको एक ऐसे शख्स की कहानी बताने जा रहे हैं जिसका नाम सुनकर आप चौंक पड़ेंगे. मंदसौर के रहने वाले इस इंसान का नाम 26 जनवरी है. जी हां 26 जनवरी नाम कैसे पड़ा. 26 जनवरी से क्या नाता है. यह नाम ही इसके लिए मुसीबत बन गया जानिए इनकी पूरी कहानी.
किसी के दिल में देश के प्रति इतना प्रेम हो कि वह अपनी यादें उस दिन से जोड़ ले. या यूं कहें कि राष्ट्रीय त्यौहार के दिन आपको जीवन की कोई ऐसी खुशी मिल जाए, जो आपके जिंदगी ही बदल दे. मंदसौर के डाइट कॉलेज में एक सरकारी कर्मचारी हैं, जो 26 जनवरी के नाम से जाने जाते हैं! वह मंदसौर के डाइट परिसर में काम करते हैं. उनका पूरा नाम 26 जनवरी टेलर है. डाइट परिसर में वे भृत्य के पद पर पदस्थ हैं. ऑफिस में सभी लोग उन्हें 26 जनवरी नाम से ही जानते और पुकारते हैं.
अब से तकरीबन 57 साल पहले 26 जनवरी 1966 को सत्यनारायण टेलर झाबुआ में हेडमास्टर थे. वह 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के दिन स्कूल मे बच्चों को संबोधित कर रहे थे. तभी झंडा वंदन के दौरान उन्हें जानकारी मिली कि उनके घर बेटा हुआ है. चारों ओर बज रहे देशभक्ति के गीत और देशप्रेम से ओतप्रोत सत्यनारायण टेलर इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने अपनी संतान का नाम ही 26 जनवरी रख दिया. मंदसौर के जनकपुरा निवासी 26 जनवरी जैसे-जैसे बड़े हुए. उन्हें लोक व्यवहार सहित दैनिक जीवन मे अपने नाम के कारण खासी परेशानी उठानी पड़ी, जन्म प्रमाण पत्र से लेकर स्कूल में एडमिशन तक में इस नाम 26 जनवरी के कारण वो परेशान होते आ रहे हैं. शादी से लेकर अन्य काम में उन्हें अपने नाम की पुष्टि करने के लिए शपथ पत्र देना पड़ता है.