नई दिल्ली। सर्दी मौसम में खांसी और जुकाम के अलावा एक बीमारी सबसे ज्यादा परेशान करती है वो है बुखार, इस दौरान संक्रमण का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है जिसके बाद फीवर आना आम बात है, कई लोग बुखार को दूर करने के लिए अंएलोपैथिक मेडिसिन के बजाए घरेलू इलाज कराना पसंद करते हैं. इसलिए आयुर्वेदिक औषधियों पर काफी जोर दिया जाता है. आपने अक्सर देखा होगा कि कुछ लोग बुखार आने पर अश्वगंधा का सेवन करने लगते हैं, लेकिन क्या ये बुखार दूर करने का सही तरीका है?

अश्वगंधा को इस्तेमाल आमतौर पर पाउडर या टैबलेट के तौर पर किया जाता है, इसके जरिए कई बीमारियों का खात्मा किया जा सकता है, जब कोरोना वायरस महामारी फैली थी तो काफी लोग अश्वगंधा का काढ़ा पीने लगे थी. इसके जरिए इम्यूनिटी को बूस्ट किया जाता है ताकि संक्रमण का खतरा कम किया जा सके और कोई भी वायरल डिजीज हमारे शरीर पर अटैक न करें.

इस बात में कोई शक नहीं है कि अश्वगंधा हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंद है, लेकिन हमेशा इसका यूज नहीं करना चाहिए वरना फायदे की जगह नुकसान हो सकता है. खासकर जब आप बुखार में तप रहे हों तो इसके सेवन से बचें. दरअसल अश्वगंधा को डाइजेस्ट करना आसान नहीं होता, और बुखार के दौरान पाचन तंत्र प्रभावित रहता है. ऐसे में आपको पेट की परेशानी हो सकती है, जिसमें कब्ज, गैस, अपच जैसी समस्या शामिल हैं.

अश्वगंधा से आपके बॉडी को एनर्जी मिलती है लेकिन इसके ज्यादा इस्तेमाल से नुकसान की वजह बन सकता है. इसलिए इस जड़ी बूटी का सेवन करने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह जरूर लें और खुद डॉक्टर बनने की कोशिश न करें, क्योंकि इसका ज्यादा इसतेमाल लिवर की भी परेशानी पैदा कर सकता है.