लखनऊ. कोरोना संक्रमण के प्रभावी नियंत्रण और रोकथाम के लिए उत्तर प्रदेश में शादी-विवाह, धर्म-कर्म आदि सामूहिक गतिविधियों में लोगों की अधिकतम संख्या तय कर दी गई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार कन्टेनमेंट जोन के बाहर समस्त सामाजिक, शैक्षिक, खेल, मनोरंजन, सांस्कृतिक, धार्मिक, राजनीतिक कार्यक्रमों एवं अन्य सामूहिक गतिविधियों में एक समय में किसी भी बन्द स्थान जैसे हॉल या कमरे की निर्धारित क्षमता के 50 प्रतिशत, किंतु अधिकतम 100 व्यक्तियों तक ही मौजूद रह सकेंगे। कार्यक्रमों में फेस मॉस्क, सोशल डिस्टेंसिंग, थर्मल स्केनिंग व सैनिटाइजर एवं हैंडवॉश की व्यवस्था अनिवार्य होगी। यही नहीं, खुले स्थान जैसे मैदान आदि पर, ऐसे स्थानों के क्षेत्रफल के 40 प्रतिशत से कम क्षमता तक ही लोगों के होने की अनुमति होगी। सोमवार को इस आशय का आदेश जारी कर दिया गया।
बता दें कि, कोविड काल में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की सराहना की है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कोविड-प्रबंधन को अन्य राज्यों के लिए नजीर बताया है। बता दें कि समारोहों में लोगों के शामिल होने की संख्या पर सरकार में रविवार से ही विचार-विमर्श चल रहा था। दरअसल, वेडिंग इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का कहना है कि सहालग 25 नवंबर से 11 दिसंबर तक चलेगी और परिवार इस वक्त आयोजनों की तैयारियों में दिन-रात एक किए हुए हैं। वेडिंग प्लानर, होटलों, बैंड-बाजा और कैटरिंग वालों का कहना है कि छोटी-बड़ी मिलाकर करीब 35 हजार शादियां 17 दिनों में होंगी। ऐसे में मेहमानों की संख्या को सीमित करने पर व्यापार पर असर पड़ेगा जो कि लॉकडाउन के बाद से ही बदहाल है। वहीं, शादी वाले परिवारों का कहना है कि निमंत्रण बांटने के बाद लोगों को आने से मना करना संभव नहीं होगा…। हालांकि, सरकार ने कोरोना की समस्या को देखते हुए सख्त एडवायजरी जारी कर दी है।