लखनऊ। अगस्त 2022 में जब से सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने एनडीए से नाता तोड़कर महागठबंधन का दामन थामा है, तब से वे कफन बांधकर पीएम मोदी के खिलाफ विपक्षी एकता के लिए अपनी सारी कोशिशें कर रहे हैं. कोलकाता से लेकर मुंबई तक उन्होंने कोई राज्य छोड़ा नहीं है, जहां वे विपक्षी एकता का फाॅर्मूला लेकर नहीं गए हों. ओडिशा से उन्हें जरूर निराशा हाथ लगी पर बाकी राज्यों के दलों ने उनके इस फाॅर्मूले पर सहमति जताई है. अब खबर है कि नीतीश कुमार उत्तर प्रदेश के फूलपुर से अपना किस्मत लोकसभा चुनाव के लिए आजमा सकते हैं. नीतीश कुमार और जेडीयू की मंशा यह है कि पीएम मोदी को योगी के राज्य से ही चुनौती दी जानी चाहिए, जहां वे सबसे अधिक मजबूत स्थिति में हैं. अगर ऐसा होता है तो लोकसभा चुनाव में यूपी की जंग बहुत रोचक होने वाली है.
नीतीश कुमार के फूलपुर से लोकसभा चुनाव लड़ने को लेकर अटकलों का बाजार बहुत पहले से गर्म है. नीतीश कुमार जब एनडीए से नाता तोड़कर पहली बार दिल्ली आए थे तो उस समय सपा प्रमुख अखिलेश यादव से उनकी मुलाकात हुई थी. उसके बाद से ही नीतीश कुमार के फूलपुर से चुनाव लड़ने की खबरें आई थीं. अब यूपी में जदयू के नेता और पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने इस बारे में कहा है कि प्रदेश के पार्टी कार्यकर्ता चाहते हैं कि नीतीश कुमार यूपी में फूलपुर से चुनाव लड़ें.
धनंजय सिंह ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा, नीतीश कुमार जी यूपी के फूलपुर से चुनाव लड़ें, यह पार्टी के कार्यकर्ता चाहते हैं. फूलपुर सीट से देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और बाद में पीएम बने वीपी सिंह भी चुनाव लड़ चुके हैं. जानकार बताते हैं कि फूलपुर के स्थानीय समीकरण नीतीश कुमार को आकर्षित कर रहे हैं, जिस कारण जेडीयू यहां से उनको चुनाव लड़ाना चाहती है. फूलपुर यूपी की कुर्मी बहुल सीट है और मौजूदा सांसद केशरी देवी पटले भी इसी बिरादरी से आती हैं. आपको पता ही होगा कि नीतीश कुमार भी खुद कुर्मी जाति से आते हैं.
धनंजय सिंह का कहना था कि बीजेपी को सत्ता में तीसरी बार आने से रोकना जरूरी है. विपक्षी एकता के बिना यह संभव नहीं दिखता. अगर विपक्ष एकजुट हो जाए और चुनाव राजग बनाम यूपीए हो जाए तो पीएम मोदी और बीजेपी को हराया जा सकता है. धनंजय सिंह ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार जी विपक्ष के सभी नेताओं को एक मंच पर लाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने बसपा के भी विपक्षी मोर्चे में शामिल होने की उम्मीद जताई.
धनंजय सिंह का यह भी कहना था कि मजबूत विपक्ष देश की जरूरत है. यूपी में विधानसभा चुनाव में सपा ने अच्छा प्रदर्शन किया था. इसी कारण सपा के सदस्य विधानसभा में बढ़ गए हैं. उन्होंने कहा कि यूपी में यदि विपक्ष एकजुट होकर चुनाव लड़ता है तो 50 से अधिक सीटें जीती जा सकती हैं. उन्होंने कहा कि यूपी, बिहार और झारखंड में लोकसभा की 134 सीटें हैं. इनमें से अगर हम 60 से 70 फीसदी सीटें भी जीत लेते हैं तो बीजेपी चुनाव हार सकती है. उन्होंने कहा कि यूपी में हमारी तैयारी चल रही है और करीब 6 सीटों पर जेडीयू अपने उम्मीदवारों को उतार सकती है.