काबुल: अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद अब तालिबान को झटका लगना शुरू हो गया है. अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने तालिबान के कब्जे वाले अफगानिस्तान को अपने संसाधनों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. बता दें कि इससे पहले अमेरिका (US) ने 706 अरब रुपये की संपत्ति फ्रीज कर दी थी.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ के फैसले के बाद तालिबान के कब्जे वाला अफगानिस्तान अब आईएमएफ के संसाधनों का उपयोग नहीं कर पाएगा और न ही उसे किसी तरह की नई मदद मिलेगी. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने 46 करोड़ अमेरिकी डॉलर यानी करीब 3416.43 करोड़ रुपये के आपातकालीन रिजर्व तक अफगानिस्तान की पहुंच को ब्लॉक करने की घोषणा की है.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से पहले मंगलवार को अमेरिका ने अफगानिस्तान के सेंट्रल बैंक की करीब 9.5 अरब डॉलर यानी करीब 706 अरब रुपये से ज्यादा की संपत्ति फ्रीज कर दी थी. इतना ही नहीं देश के पैसे तालिबान के हाथ न चले जाएं, इसके लिए अमेरिका ने फिलहाल अफगानिस्तान को कैश की सप्लाई भी रोक दी है. ऐसे में तालिबान ने भले ही बंदूक के बल पर 20 साल बाद अफगानिस्तान में वापसी (Taliban Return) कर ली है, लेकिन इसके बावजूद वह कंगाल ही बना रहेगा.
फेडरेशन ऑफ इंडिया एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन के डॉ. अजय सहाय ने आयात-निर्यात पर तालिबानी बैन की पुष्टि की है. न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में डॉ. सहाय ने कहा कि तालिबान ने इस वक्त सभी कार्गो मूवमेंट को रोक दिया है. हमारा माल अक्सर पाकिस्तान के रास्ते ही सप्लाई होता था, जिस पर फिलहाल रोक लगा दी गई है. उन्होंने आगे कहा, ‘अफगानिस्तान की स्थिति पर हमारी नजर बनी हुई है, ताकि हम सप्लाई को शुरू कर सकें. लेकिन मौजूदा वक्त में तालिबान ने एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट रोक दिया है’.
भारत चीनी, चाय, कॉफी, मसाला सहित अन्य वस्तुएं निर्यात करता है, जबकि बड़े स्तर पर ड्राई फ्रूट्स, प्याज वगैरह आयात किए जाते हैं. लिहाजा माना जा रहा है कि अफगान संकट के चलते आने वाले दिनों मे ड्राई फ्रूट्स के दाम बढ़ सकते हैं. क्योंकि भारत करीब 85 फीसदी ड्राई फ्रूट्स अफगानिस्तान से आयात करता है.
इससे पहले, तालिबान ने ऐलान किया था कि वह भारत से अच्छे संबंध चाहता है, साथ ही भारत यहां पर जारी अपने सभी काम और निवेश को बिना किसी दिक्कत के पूरा कर सकता है. हालांकि, तालिबान की कथनी और करनी में काफी फर्क है, इसलिए फिलहाल कुछ भी कह पाना मुश्किल है.