शामली। बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात वरिष्ठ लिपिक द्वारा लगभग चार साल से एचआरए ज्यादा लेने का मामला सामने आया है। लेखा विभाग की जांच में इसका खुलासा हुआ है। वित्त एवं लेखाधिकारी ने बीएसए को पत्र भेजकर वित्तीय नियमों की अनदेखी कर धन गबन करना बताते हुए एचआरए के अंतर की वसूली किए जाने की संस्तुति की है। बीएसए कार्यालय में पिछले महीने स्थानांतरित होकर आए वरिष्ठ लिपिक सेठपाल पर ऊन विकास क्षेत्र में रहते हुए अगस्त 2018 से एचआरए ज्यादा लेने का मामला सामने आया है।
बेसिक शिक्षा शामली के वित्त एवं लेखाधिकारी राजेंद्र कौशिक ने बीएसए राहुल मिश्रा को पत्र भेजकर इस प्रकरण से अवगत कराया है। पत्र में बताया गया कि वरिष्ठ लिपिक सेठपाल का नगरीय एचआरए लगाकर वेतन संशोधित कर माह जुलाई का वेतन जारी करने के दौरान सामने आया कि वे पहले से ही नगरीय एचआरए ले रहे हैं। पूर्व के बिलों की जांच की गई तो पाया गया कि सेठपाल द्वारा अगस्त 2018 से (मैट्रिक्स लेवल-5) 2800 ग्रेड वेतन श्रेणी-स मेें रहते हुए 1110 रुपये के स्थान पर बी श्रेणी का एचआरए 1660 रुपये ले रहे हैं। जबकि प्रत्येक माह इन्हीं के द्वारा विकास क्षेत्र ऊन के वेतन बिलों को संशोधित कर बिल भुगतान हेतु उनके कार्यालय को भेजे जाते रहे हैं।
वित्त एवं लेखाधिकारी ने बीएसए को भेजे पत्र में कहा कि सेठपाल ने वित्तीय नियमों की अनदेखी कर धन गबन करने का कार्य किया है। उनसे एचआरए अंतर की वसूली कराते हुए वित्तय नियमों का उल्लंघन करने पर उनके विरुद्ध कार्रवाई किया जाना अपेक्षित है। इस संबंध में वरिष्ठ लिपिक सेठपाल का कहना है कि अभी इस संबंध में लेखा विभाग से उन्हें कोई जानकारी या पत्र नहीं मिला है। बीएसए राहुल मिश्रा का कहना है कि इस तरह का कोई पत्र अभी उनके संज्ञान में नहीं आया है। अगर ऐसा हुआ है तो उसकी जांच कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।