काबुल. तालिबान का कब्जा होने के बाद अफगानिस्तान में पहली बार आम जनता ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया है. खबर है कि इस दौरान जलालाबाद में तालिबान के लड़ाकों ने कम से कम तीन प्रदर्शनकारियों की गोली मारकर हत्या कर दी. राजधानी काबुल पर कब्जा करने के बाद देश में तालिबान के खिलाफ पहली बार विरोध प्रदर्शन हुए थे. इस दौरान कई शहरों में सड़कों पर आम नागरिक अफगानिस्तान का झंडा लहराते हुए नारे लगा रहे थे.
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, जलालाबाद के अलावा इन प्रदर्शनों के दौरान कहीं भी हिंसा की खबर नहीं आई. जलालाबाद में तालिबान के लड़ाकों की तरफ से शुरू की गई गोलीबारी में कम से कम तीन अफगानों की मौत हो गई थी. एजेंसी ने तुर्की के टीआरटी के हवाले से लिखा, ‘तालिबान की तरफ से अफगान झंडे को हटाए जाने के विरोध में हुई रैली में अफगानिस्तान के पूर्वी शहर जलालाबाद में कम से कम तीन लोगों को कथित रूप से गोली मार दी गई.’
तालिबान के काबुल पर कब्जा कर लेने के बाद अफगानिस्तान का राष्ट्रीय ध्वज किसी काम का नहीं रह गया है. प्रदर्शनों के दौरान देश के कई प्रांतों में रैलियां निकाली गईं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बुधवार को नानगरहर, कुनार और खोस्त के पूर्वी प्रांतों में अफगानिस्तान के राष्ट्रीय ध्वज के साथ जनता प्रदर्शन करती नजर आई. अफगानिस्तान में अभी तक सत्ता का औपचारिक ऐलान नहीं हुआ है. तालिबान ने अभी भी किसी को राष्ट्र का मुखिया नियुक्त नहीं किया है.
“तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि ‘वे जल्द ही समझौते पर पहुंच जाएंगे, जिसके जरिए देश में इस्लामिक सरकार बनाई जाएगी.’ उन्होंने ‘कसम’ खाई है कि अफगानिस्तान में इस्लामिक अमीरात किसी भी देश के लिए खतरा नहीं बनेगा.” बीते रविवार को तालिबान के लड़ाकों ने काबुल में प्रवेश कर राष्ट्रपति भवन पर नियंत्रण कर लिया था. काबुल पर कब्जा करने के बाद तालिबान के नेता दोहा में भविष्य की सरकार की योजना पर बात कर रहे हैं.