शामली. शाहदरा से लेकर टपरी तक विद्युत ट्रेनों का संचालन होने के बाद अब दिल्ली-शामली-सहारनपुर रेल मार्ग पर केबिन खत्म करने की प्रक्रिया शुरू होगी। जल्द ही इस रेल मार्ग पर मैकेनिकल की जगह इलेक्ट्रोनिक सिस्टम लागू होगा। जिससे बागपत जिले के खेकड़ा रेलवे स्टेशन से सहारनपुर जिले के मनानी रेलवे स्टेशन के बीच 11 रेलवे स्टेशनों के 22 केबिन खत्म होंगे। रेलवे स्टेशनों पर बने स्टेशन मास्टर और कंट्रोल रूम कार्यालय से हटेंगे। रेलवे परिसर में नए भवन का निर्माण होगा। जिसमें स्टेशन मास्टर कक्ष और कंट्रोल रूम स्थानांतरित होगा।
दिल्ली-शामली-सहारनपुर रेलवे मार्ग पर फिलहाल मैकेनिकल सिस्टम चल रहा है। मैकेनिकल सिस्टम के तहत बागपत जिले के खेकड़ा से लेकर सहारनपुर जिले के मनानी तक 11 रेलवे स्टेशनों पर दो केबिन बने हुए है। केबिन के माध्यम से ट्रेनों का संचालन हो रहा है। प्रत्येक केबिन पर दो से लेकर तीन कर्मचारी तैनात रहते हैं। वर्ष 2016 में दिल्ली-शामली-सहारनपुर रेलवे मार्ग के दोहरीकरण व विद्युतीकरण सिग्नल कार्य स्वीकृत हुआ था। आम बजट में रेलवे विभाग ने दोनों कार्य के लिए 1500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था।
विद्युतीकरण और दोहरीकरण के लिए दिसंबर 2016 में कैराना लोकसभा क्षेत्र के ननौता रेलवे स्टेशन पर तत्कालीन केंद्रीय रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने आधारशिला रखी थी। विद्युतीकरण कार्य इस साल फरवरी माह में पूरा हुआ है। हाई स्पीड ट्रेनों का मार्च माह से संचालन हो गया। जिसके बाद अब ट्रैक पर मैकेनिकल सिस्टम के तहत रेलवे स्टेशनों पर बने केबिन खत्म करके इलेक्ट्रोनिक सिस्टम लागू करने की तैयारी शुरू हो गई है।
उत्तर रेलवे के यातायात निरीक्षक सुनील धीमान ने बताया कि इलेक्ट्रोनिक सिस्टम लागू होने पर ट्रेनों के संचालन के लिए रेलवे कंट्रोल रुम रेलवे स्टेशन से हटाकर स्टेशन परिसर में सेंटर कार्यालय भवन का निर्माण कराया जाएगा। जिसमें स्टेशन मास्टर सिग्नल इंजीनियरों के कक्ष के साथ कंट्रोल रूम होंगे। सहारनपुर जिले के मनानी रेलवे स्टेशन पर इलेक्ट्रोनिक भवन तैयार हो चुका है। जल्द ही नए भवन में इलेक्ट्रोनिक सिस्टम लागू करने के लिए उत्तर रेलवे के दिल्ली के अधिकारियों का आदेश आने का इंतजार है।