डायबिटीज एक मेटाबॉलिक डिसऑर्डर है, जिसकी वजह से खाने से एनर्जी बनाने की प्रक्रिया बदल जाती है। यह एक गंभीर बीमारी है, जिसका पूरी तरह इलाज नहीं किया जा सकता है। हाई ब्लड शुगर को केवल डाइट और एक्सरसाइज की मदद से मैनेज कर सकते है।
डायबिटीज का पता लगाने के लिए टेस्ट करवाना चाहिए। हालांकि, इससे पहले डॉक्टर हाई ब्लड शुगर का खतरा जानने के लिए कुछ लक्षणों के बारे में पता करता है। डायबिटीज के कुछ लक्षण या संकेत ऐसे भी हैं, जो रात के वक्त ज्यादा परेशान करते हैं।
नींद के दौरान भी किडनी और ब्लैडर अपना काम करते रहते हैं। किडनी शरीर से अतिरिक्त पानी को पेशाब बनाकर ब्लैडर में जमा करने भेज देता है। University of Rochester के अनुसार (ref.), डायबिटीज के कारण कमजोर हुआ ब्लैडर ज्यादा देर तक यूरिन को होल्ड नहीं कर पाता और जल्दी-जल्दी पेशाब का प्रेशर बन जाता है और रात की नींद खराब हो सकती है।
जब खून में शुगर बढ़ने लगती है तो किडनी उसे बाहर निकालने के लिए ज्यादा यूरिन बनाती है। इसकी वजह से शरीर में पानी की कमी हो सकती है और आपको सोते हुए भी प्यास लग सकती है। इसलिए रात में बार-बार प्यास लगना हाई ब्लड शुगर का लक्षण हो सकता है।
टाइप 2 डायबिटीज में ब्लड शुगर का लेवल कई बार ऊपर-नीचे आता है। रात में इस वजह से नींद लेने में दिक्कत हो सकती है और अगले दिन थकान महसूस होती है। तनाव इस स्थिति को ज्यादा गंभीर बना सकता है।
अगर आपको सोते हुए पैर हिलाने की आदत है तो यह डायबिटीज की पहचान हो सकती है। इस समस्या को रेस्टलेस लेग सिंड्रोम कहा जाता है। जो कि आयरन की कमी और हाई ब्लड शुगर के कारण ज्यादा होती है।
स्लीप एप्निया एक डिसऑर्डर है, जिसमें नींद के दौरान मरीज की सांस खुद रुक जाती है और फिर अपने आप शुरू हो जाती है। यह समस्या टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों में ज्यादातर देखने को मिलती है। जिसके पीछे मोटापा भी जिम्मेदार है।