शनिदेव मकर राशि में हैं 17 जनवरी को वह अपनी दूसरी राशि कुंभ में आ जाएंगे यहां पर 29 जनवरी 2025 तक लगभग ढाई साल रहने वाले हैं. शनि सबसे धीमा चलने वाला ग्रह है. वह अपनी एक राशि को लांघने के लिए ढाई साल का समय लेते हैं. वर्तमान समय में मिथुन और तुला राशि वालों की ढैय्या चल रही है, जोकी शनि के राशि परिवर्तन के साथ ही समाप्त हो जाएंगी. कुम्भ में प्रवेश के साथ ही शनि महाराज कर्क और वृश्चिक राशि वालों के कर्मों पर अपनी निगाह रखेंगे, जिसके चलते वह समय-समय पर आपकी परीक्षा लेंगे. शनि को कैसे प्रसन्न करें. किन-किन कामों को करने से बचना होगा और किस तरह की दिनचर्या से खुद को रखना होगा अपडेट.
शनि की साढ़ेसाती साढ़े सात साल तक रहती है.जिसमें वह अपने स्थान से एक राशि आगे और एक राशि पीछे देखते हैं. वहीं ढैय्या ढाई वर्ष की है, इसमें शनि दृष्टि डालते हैं. पुराणों के अनुसार शनि की दृष्टि से बचने की बात कही है. इसके लिए कुछ उपाय भी बताए गए हैं. दरअसल शनि की दृष्टि पड़ते ही किसी शख्स की राशि पर ढैय्या प्रारम्भ हो जाती है.
अहंकार का टकराव करने से बचना होगा इससे आपसी संबंधों में दरार पड़ सकती है. निर्धारित लक्ष्य तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत से मुंह न चुराएं. मेहनत करने पर ही मनोवांछित फल प्राप्त होगा. आपको अपने भले के चक्कर में किसी के साथ अनैतिक कार्य और षड्यंत्र करने से बचना होगा, नहीं तो कानूनी कार्यवाही में फंस सकते हैं. वहीं अपनी सेहत को लेकर भी आपको सजग रहना चाहिए.
अपनी दिनचर्या अच्छी रखें खुद को हेल्दी एंड फिट रखने के लिए योग एवं ध्यान करें. अपनी वाणी और क्रोध पर कंट्रोल रखना होगा, क्योंकि आवेश में आकर किसी के साथ हुई अनबन आपकी छवि को खराब कर सकती है. और भोजन ऐसा करे जो सुपाच्य हो. इसी के साथ भोजन उतना ही करें जितने की शरीर को आवश्यकता हो अन्यथा पेट से संबंधित दिक्कत हो सकती है. वहीं जरूरतमंद की सहायता के लिए आगे रहेंगे तो आपको शनि की पीड़ा से राहत मिल सकती है.
1. सुंदरकांड का पाठ करें.
2. हर शनिवार को संध्या के समय पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं.
3. संभव हो तो क्षमतानुसार दिव्यांग की मदद करें.