रामपुर। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां का साथ छोड़कर भाजपा में शामिल हुए उनके पूर्व मीडिया प्रभारी फसाहत अली खां शानू अब उनकी पोल खोल रहे हैं। उनका कहना है कि सपा मुखिया अखिलेश यादव के खिलाफ बयान आजम खां के कहने पर दिया था। अखिलेश पर दबाव बनाकर उन्होंने एक राज्यसभा सदस्य और दो विधान परिषद सदस्य बनवा लिए, लेकिन ये तीनों ही बाहर के हैं।
शानू खां ने आजम खां का मीडिया प्रभारी रहते इसी साल नौ अप्रैल को अखिलेश यादव के खिलाफ बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि अब्दुल दरी बिछा आएगा, अब्दुल वोट देगा, अब्दुल जेल जाएगा, अब्दुल का ही घर टूटेगा और मुख्यमंत्री बनेंगे अखिलेश जी। नेता प्रतिपक्ष बनेंगे अखिलेश जी। अब तो अखिलेश जी को हमारे कपड़ों से भी बदबू आती है। अब्दुल से उनका आशय मुसलमान से था। तब लोगों को लगा कि आजम खां भी अखिलेश यादव से नाराज हैं और पार्टी छोड़ सकते हैं, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।
शानू खां ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हमें भी यही लगा था कि आजम खां सपा छोड़ देंगे, लेकिन उन्होंने ऐसा करने के बजाय अखिलेश यादव पर दबाव बनाया। अपने वकील को राज्यसभा सदस्य बनवा दिया। एक सहारनपुर और दूसरे सीतापुर के नेताजी को विधान परिषद सदस्य बनवा दिया, लेकिन रामपुर के किसी नेता को कुछ नहीं दिया। उनका कहना है कि अखिलेश के खिलाफ उन्होंने जो बयान दिया था, वह आजम खां के इशारे पर उनके बेटे के कहने से दिया था।
लेकिन, अब आजम खां कह रहे हैं कि भाजपा के इशारे पर बयान दिया था। अगर हमने भाजपा के इशारे पर बयान दिया था तो पार्टी से निकाला क्यों नहीं गया। रामपुर में वह समाजवादी पार्टी को बर्बाद करने में लगे हैं। शमसी बिरादरी के एक ही नेता जी को बार-बार टिकट दे रहे हैं। पहले लोकसभा उपचुनाव में टिकट दिया। अब विधानसभा उपचुनाव में भी उन्हें टिकट दे दिया। उनकी बिरादरी के मात्र साढ़े तीन हजार वोट हैं, जबकि यहां पठान, अंसारी और तुर्क जाति के मतदाता बड़ी तादाद में हैं, लेकिन इन जातियों के लोगों को टिकट नहीं दिया गया। जिस तरह पाकिस्तान में मोहम्मद अली जिन्ना जिसे चाहते थे, एमपी एमएलए बना देते थे, उसी तरह आजम खां भी चाहते हैं कि जिसे चाहे उसे एमपी एमएलए बनाएं। नेता केवल उनकी जी हुजूरी करता रहे। आजम खां ने हमेशा नफरत फैलाने का काम किया है।