मोरना/पुरकाजी (मुजफ्फरनगर)। लगातार बारिश के बाद सोलानी नदी उफान पर आने लगी है। खादर क्षेत्र में सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न हो गई। योगेंद्रनगर से नाव में बैठाकर तीन परिवारों को सुरक्षित मोरना पहुंचाया गया। प्रशासन की टीम ने किसानों को सतर्कता बरतने का आह्वान किया है। एसडीएम जानसठ अभिषेक कुमार ने खादर क्षेत्र का दौरा किया। सोलानी और बाणगंगा का जलस्तर 225.61 मीटर पर पहुंच गया है, जबकि खतरे का निशान 226 मीटर पर है। उधर, मंगलवार को भी जिले में 67.8 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई।
शुकतीर्थ में भी पानी बढ़ गया है। श्रद्धालुओं से गहरे पानी में नही जाने की अपील की गई है। शुकदेव सेतु में जलकुंभी अटक गई, जिसके बाद पानी का बहाव प्रभावित हुआ। प्रशासन ने जेसीबी मंगाकर जलकुंभी हटाने का काम किया। जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. वीरपाल निर्वालय, एसडीएम जानसठ अभिषेक कुमार ने शुकतीर्थ पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। लेखपाल के मौके पर नहीं मिलने पर नाराजगी जताई गई।
जानसठ तहसीलदार संजय कुमार ने बताया कि सोलानी नदी में रुडक़ी गंगनहर से करीब चालीस हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इंछावाला, मजलिशपुर तोफिर, खैर नगर, सिताबपुरी, महाराज नगर, बिहारगढ़ के गांव प्रधानों को सूचना दी गई। भोकरहेड़ी-लक्सरम मार्ग के ऊपर से बाढ़ का पानी बहना आरंभ हो गया है। मजलिसपुर तोफिर महाराजनगर खैरनगर के किनारे बने मकानों तक पानी पहुंच गया है।
मजलिसपुर तोफीर सोनाली नदी पुल और गंगा घाट शुकतीर्थ पुल पर बाढ़ चौकी स्थापित कर लेखपालों की तैनाती की गई है। केंद्रीय जल आयोग के जेई अमित कुमार ने बताया कि प्रीतम, देवेंद्र, बृजपाल के साथ शुकतीर्थ गंगा घाट पुल से पानी छोडऩे की रिपोर्ट प्रति घंटे तैयार की जा रही है। जिसको हरिद्वार सहित देहरादून हेड क्वार्टर को भेजी जाएगी।
गांव इंछावाला मे निकट शामली के कैराना निवासी इमामुद्दीन, फारुख, नवाजुद्दीन, यामीन और आरिफ दुधारू पशुओं को गंगा खादर में चरा कर पालन पोषण करते हैं। पानी छोड़े जाने की सूचना मिलने पर वह पशुओं सहित शुकतीर्थ लौट आए। अन्य किसानों के वापस लौटने का सिलसिला जारी है।
पुरकाजी। रामनगर, रजकल्लापुर, रतनपुरी, धुम्मनपुरी, शेरपुर नंगला, पांचली, भदौला आदि गांवों के रास्तों पर कई फीट पानी भर गया। इससे ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पुरकाजी-लक्सर मार्ग पर गांव शेरपुर के पास बने रपटे पर भी पानी आ जाने से मुसाफिरों का आवागमन प्रभावित हो गया है। सीडीओ संदीप भागिया, एडीएम प्रशासन नरेंद्र बहादुर सिंह, तहसीलदार सदर अभिषेक शाही ने मौके पर पहुंचकर खादर क्षेत्र का दौरा किया। उन्होंने ग्रामीणों से सतर्कता बरतने के निर्देश दिए। लेखपाल प्रदीप सैनी ने बताया कि गांव झबरपुर में बाढ़ चौकी बनाई गई है।
पुरकाजी। खादर क्षेत्र के ग्रामीण सुनील बारी, राजू प्रजापति, राजेश कुमार, साधु राम, याद राम प्रजापति, गुलशन कुमार, रामधन, छोटेलाल, ओमपाल, इंद्रपाल आदि ने बताया कि दस वर्ष पूर्व वर्ष 2013 में भी पानी ज्यादा आ जाने से ऐसे हालात बन गए थे।
मोरना। ककरौली के गांव चौरावाला निवासी इंतजार अपने परिवार के साथ चटाई की बुनाई कर गुजर बसर करता है। लगातार बारिश से कच्चा मकान की छत टपकने लगी। मकान गिरने की अंदेशा के चलते पत्नी रूकसार, बेटी अनहा, पिता यामीन आदि ने पड़ोसी मोहम्मद कमालुद्दीन के मकान में शरण ले ली। अत्यधिक बारिश होने के कारण गरीब का आशियाना धराशाई हो गया।
भोपा। सीकरी,बेलडा, नंगला बुजुर्ग में बारिश से मकान और दीवार गिर गई, जिससे दो बच्चों को चोट भी आई है। ग्राम प्रधान राजेंद्र कुमार ने बताया कि सीकरी निवासी तालिब की पत्नी सुमाइला अपने दो बच्चों के साथ अपनी रिश्तेदारी में गई हुई थी। तालिब किसी कार्य से घर से बाहर निकला था। इसी दौरान बारिश के कारण उस का मकान गिर गया। मकान के मलबे में दबकर कीमती सामान भी नष्ट हो गया है। प्रधान राजेन्द्र ने इस संबंध में लेखपाल से बात कर पीडि़त को मुआवजा दिलाए जाने की मांग की। उधर, बेलड़ा निवासी शाहनवाज जैदी के मकान की छत गिर गई । परिवार के लोग बरामदे में बैठे थे। भोपा के नंगला बुजुर्ग निवासी हसन अली की दीवार बारिश के कारण गिर गई, जिसकी चपेट में आकर दो बच्चे घायल हो गए।