
ओडिशा के बालासोर रेल हादसे ने 275 परिवारों को जिंदगीभर का गम दे दिया. साथ ही 1000 से ज्यादा लोगों को हमेशा के लिए जख्म और दर्द से पीड़ित कर दिया. कोई इनमें घर का इकलौता कमाने वाला था, तो किसी की चंद दिनों पहले ही शादी हुई थी. पीड़ित परिवारों पर अब दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. मरने वालों और घायलों में अधिकतर कामगार ही थे, जो मजदूरी के लिए दक्षिण भारत के राज्यों की ओर जा रहे थे. कुछ उधर से ही लौट रहे थे, जो अपनी खून पसीने की कमाई से घरवालों को खुशियां देने वाले थे. लेकिन शुक्रवार शाम हुए तीन ट्रेनों के भीषण हादसे में सबकुछ बिखर गया. रेल हादसे में जान गंवाने वाले 10 लोगों की दर्दभरी कहानियां…
पिछले दिनों ही उसकी पत्नी ने एक बच्चे को जन्म दिया था. घर पर अपने माता पिता के पैर छूकर और पत्नी-बच्चे को कड़े मन से छोड़कर नवयुवक रोजी रोटी की तलाश में चेन्नई के लिए निकला. राजा कोरामंडल एक्सप्रेस में सवार होकर जा रहा था. लेकिन कुछ ही दूरी तय करने पर हादसे में उसकी मौत हो गई. इस खबर से उसके घर में कोहराम मच गया है. इस गर्मी में पत्नी रो-रोकर बेसुध हो रही है. उधर, घर के इकलौते कमाने वाले के जाने से माता-पिता बुरी तरह टूट गए हैं.
पश्चिम बंगाल के मालदा जिला निवासी मशरकुल भी कोरोमंडल एक्सप्रेस में मौत का शिकार बन गए. 32 साल के मशरकुल भी परिवार चलाने के खातिर रुपया पैसा कमाने चेन्नई के लिए निकले थे.
शुक्रवार रात जब हादसे की खबर आई तो मशरकुल के परिवार को चिंता ने घेर लिया और सुबह होते होते उनके सपने टूट गए. जब परिवार को पता चला कि उनका बेटा अब कभी लौट कर नहीं आएगा. मशरकुल परिवार का इकलौता कमाने वाला था. यह मृतक अपने पीछे माता-पिता, पत्नी और 6 साल के बेटे को छोड़ गया है.
बिहार के पूर्णिया जिला निवासी ललित को चेन्नई में मजदूरी का काम मिला था. नौकरी के लिए वह घर से निकला तो जरूर. लेकिन अपनी मंजिल तक नहीं पहुंच सका. ओडिशा रेल हादसे में जान गंवाने वाले बिहार निवासी ललित ऋषिदेव की दर्दभरी कहानी कुछ अलग है. दरअसल, ललित इस हादसे में गंभीर रूप से घायल हो था. रेस्क्यू किया गया तो उसने कहा कि वह फोन पर अपने भाई से बात करना चाहता है. जैसे ही किसी ने मोबाइल फोन से उसके भाई से बात करवाई, थोड़ी ही देर बाद ललित ने दम तोड़ दिया. इससे घटनास्थल पर मौजूद लोगों और मृतक के घर पर कोहराम मच गया.
कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन हादसे में हुई नवादा जिला निवासी पप्पू मांझी की मौत भी सबको विचलित कर गई. जिले के मड़रा गांव का पप्पू पेशे से मजदूर था और काम के लिए केरल जा रहा था. 26 साल के नवयुवक पप्पू की मौत के बाद उसके शव को बमुश्किल ढूंढा गया. जब शव मिला तो परिवार के लोग लिपट-लिपटकर रोने लगे. उधर, घर में भी कोहराम मच गया. वहीं, पप्पू के गांव के ही राजकुमार, कन्हैया, मनोज, मुकेश, राजेश और मंटू इस हादसे में घायल हो गए.
इसके अलावा, पूर्वी चंपारण जिले के चिकनी गांव निवासी मजदूर की भी मौत हो गई. 25 साल के राजा के 8 साथी इस हादसे में बुरी तरह घायल हो गए. सभी मजदूरी करने केरल के लिए निकले थे. सभी मजदूर रामगढ़वा स्टेशन पहुंचे थे, फिर मिथिला ट्रेन से हावड़ा गए और फिर वहां से केरल के लिए कोरोमंडल एक्सप्रेस में सवार हुए और दुर्घटना के शिकार हो गए. खबर मिलते ही राजा के घर पत्नी और मां बिलख पड़ीं. उनका रो-रोकर बुरा हाल है. वह अपने घर का इकलौता कमाऊ लड़का था.
ओडिशा के बालासोर जिले में ट्रेन के दुर्घटनाग्रस्त होने की सूचना पर दरभंगा के उफरदाहा गांव में कोहराम मच गया. दरअसल, इस गांव के चार लड़के और एक दामाद कोरोमंडल ट्रेन में सवार होकर वाया ओडिशा चेन्नई जा रहे थे. स्लीपर कोच S1 में शाम का नाश्ता कर सभी बातों में मशगूल थे. तभी अचानक जोरदार धक्का लगा और सब कुछ बिखर गया. हादसे में मधुबनी जिले के गंधवारी निवासी राजेंद्र यादव की जान चली गई. वह उफरदाहा गांव में अपने ससुर रामविलास यादव के श्राद्ध कर्म में शामिल होने आए थे और वहां से रोजी रोटी के लिए ससुराल पक्ष के चार लोगों संग चेन्नई जा रहे थे.
बिहार के जमुई जिला निवासी एक युवक की मौत यशवंतपुर एक्सप्रेस ट्रेन में हुई. बेंगलुरु से आने वाली इस गाड़ी में जमुई के पाडो गांव का रहने वाला रणबीर सवार था. 7 जून को होने वाली अपने मौसेरे भाई की शादी में शामिल होने रणबीर आ रहा था. इसी दौरान यशवंतपुर एक्सप्रेस, कोरोमंडल एक्सप्रेस और मालगाड़ी की दुर्घटना में उसकी मौत हो गई. मृतक रणबीर बेंगलुरु में मजदूरी करता था.
जमुई जिले के ही चकाई थाना इलाके के महेशापत्थर गांव के एक युवक की भी इस हादसे में मौत हो गई. दरअसल, गांव का राम किस्कू बेंगलुरु से लौट रहा था. दो हफ्ते पहले ही वह मजदूरी के लिए गया हुआ था. लेकिन उसको अपनी 8 माह की बेटी की तबीयत खराब होने की जानकारी मिली, तो वह एक पिता होने के नाते घर लौट रहा था. लेकिन हादसे का शिकार हो गया. अब बेटे की मौत की खबर से अब घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल है. मृतक की पत्नी बेसुध हालत में है. वहीं, महेशापत्थर गांव का ही प्रेम किस्कू हादसे के बाद से लापता है. उसके घर में चूल्हा तक नहीं चल रहा. मां अपने बेटे को लेकर बदहवास है. जबकि उनके साथी अजीत टुडू, विकेश किस्कू और श्यामलाल हेंब्रम घायल हैं.
मृतकों के अलावा हादसे के बाद लापता हुए लोगों के परिजन भी गम और किसी अनजाने डर में डूबे हैं. परिवार की महिलाएं बेसुध हैं तो पुरुषों के माथों पर चिंता की लकीरें हैं. बिहार के भागलपुर जिले के अब तक 12 लोग लापता हैं. जिले के सनोखर थाना क्षेत्र में आने वाले संथाली टोला अगहिया से मजदूरी करने चेन्नई जा रहे 6 लोगों का हादसे के बाद कुछ अता पता नहीं है. महियमा के 4 व पीरपैंती का भी एक युवक लापता है. पूरा इलाका गमगीन है. घरों में चूल्हा नहीं जला है. बच्चे बिलख रहे हैं. लापता युवक के परिजन अपने परिजनों के सकुशल वापसी को लेकर जहां ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं, वहीं सरकार और जिला प्रशासन से अपने परिजनों की सकुशल वापसी की मांग कर रहे हैं.
वहीं, हादसे में बाल-बाल बचे कुछ यात्रियों आपबीती ने हर किसी को झकझोर दिया है. एक यात्री ने बताया कि आरक्षित श्रेणी के बावजूद कोच में लोग भरे हुए थे. ट्रेन पलटी, उस वक्त मैं सो रहा था. अचानक झटका लगा, आंख खुली तो मेरे ऊपर कम से कम 15 लोग आ गिरे. मैं किसी तरह जान बचाकर बाहर निकला, तो देखा कि किसी के हाथ नहीं थे, किसी के पैर नहीं थे और किसी-किसी का चेहरा तो बुरी तरह बिगड़ चुका था.
बीते शुक्रवार यानी 2 जून की शाम 7 बजे 2 ट्रेनों और एक मालगाड़ी में टक्कर हो गई. ये टक्कर बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस (यशवंतपुर एक्सप्रेस), शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और मालगाड़ी के बीच हुई.
हादसा ओडिशा के बालासोर जिले स्थित बहानगा बाजार स्टेशन के पास हुआ. कोरोमंडल एक्सप्रेस और हावड़ा एक्सप्रेस को पास कराने के लिए मालगाड़ी को कॉमन लूप लाइन में खड़ा कराया गया था.
कोरोमंडल एक्सप्रेस तेज रफ्तार से मेन अप लाइन से गुजर रही थी. तभी वो डिरेल होकर मेन लाइन से लूप लाइन में आ गई और वहां खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई.
ये टक्कर इतनी जोरदार थी कि कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतरकर तीसरी लाइन से गुजर रही शवंतपुर एक्सप्रेस से टकरा गए.
इस हादसे में अब तक 275 लोगों की मौत हो गई है. 1100 से ज्यादा घायल हैं. इनमें से 187 शवों की अब तक पहचान नहीं हो पाई है.
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