सहारनपुर। मौलाना सैयद अरशद मदनी ने मुल्क के वर्तमान हालात पर कहा कि अगर देश के अंदर पुराने अमन और चैन के दौर को वापस लाना है तो एक दूसरे (हिंदू-मुस्लिम) को मजबूती से हाथ पकड़ना होगा। जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी ने मुल्क के वर्तमान हालात पर कहा कि अगर देश के अंदर पुराने अमन और चैन के दौर को वापस लाना है तो एक दूसरे (हिंदू-मुस्लिम) को मजबूती से हाथ पकड़ना होगा।
सोमवार को मोहल्ला खानकाह स्थित आवास पर मौलाना सैयद अरशद मदनी ने भाईचारे को मजबूत बनाने पर जोर देते हुए कहा कि इस्लाम की शिक्षा है कि अगर आपके पड़ोसी को कोई तकलीफ है तो बगैर किसी भेदभाव के उसे दूर करने की कोशिश करनी चाहिए। तभी अमन और चैन का पुराना दौर वापस आ सकता है।
मौलाना मदनी ने कहा कि इस देश की आजादी के लिए हिंदू और मुसलमानों ने बहुत बड़ा बलिदान दिया है। हमारे बुज़ुर्गों ने देश को सांप्रदायिकता से बचाने के लिए बहुत कष्ट उठाए हैं। जब तक हम एक-दूसरे के दुख-दर्द में भागीदार नहीं बनेंगे तब तक देश में शांति नहीं होगी। कहा कि हम मुसलमान और हिंदु दोनों से कहते हैं कि मुल्क में पुराने अमन चैन के दौर को वापस लाना है तो दोनों वर्गों को मजबूती से एक दूसरे का हाथ पकड़कर चलना होगा। तभी यह मुमकिन हो पाएगा।