मेरठ। सौतेली मां ने अपने भाई के साथ मिलकर तांत्रिक क्रिया करा दी। जिससे परेशान युवक ने सौतेली मां के भाई यानी अपने मामा के सिर में तमंचा सटाकर गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस ने हत्यारोपी युवक को तमंचे के साथ गिरफ्तार कर लिया है। आज पुलिस ने हत्यारोपी को मीडिया के सामने पेश किया और पूरे मामले की जानकारी दी।
पत्रकार वार्ता में जानकारी देते हुए एसपी देहात केशव कुमार ने बताया कि बीती 29 जुलाई को थाना फलावदा क्षेत्र के गांव झिझांडपुर में बहन के घर सो रहे एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने इस मामले में मुकदमा पंजीकृत कर छानबीन शुरू कर दी थी। पुलिस जांच में पता चला कि युवक संजय की हत्या उसके सौतेले भांजे मोनू ने की है। पुलिस ने मोनू को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो उसने हत्या करना कबूल लिया।
गिरफ्तार अभियुक्त मोनू उर्फ विशान्त चौधरी ने पूछताछ के दौरान घटना में प्रयुक्त आला कत्ल भी बरामद करा दिया। मोनू ने गिरफ्तारी के पश्चात पूछताछ के दौरान बताया कि उसके पिता योगेन्द्र की पहली शादी ग्राम वाजिदपुर थाना खतौली से मोनू की माता दयावती से हुई थी। मोनू की मां दयावती का देहान्त होने पर पिता योगेन्द्र ने ग्राम बटावली बहसूमा मेरठ निवासी प्रमिला से दूसरी शादी कर ली थी। सौतेली माँ प्रमिला का भाई संजय पुत्र राजेन्द्र अधिकतर अपनी बहन के घर पर ही रहता था।
संजय अपराधी प्रवृति का व्यक्ति था उसके पास अपराधी किस्म के लोगों का आना जाना रहता था। मृतक संजय के विरुद्ध थाना बहसूमा व मीरापुर में आपराधिक मुकदमें पंजीकृत थे। संजय से मोनू के परिवार वाले डरते थे इसलिये कुछ नही कह पाते थे मोनू की सौतेली माँ, अपने भाई संजय के पक्ष में रहती थी। मोनू ने पुलिस के बताया कि अगर वह मामा को नहीं मारता तो वह उसे मार देता। संजय मामा व उसकी सौतेली माँ प्रमिला ने तांत्रिक से मिलकर उस पर तांत्रिक क्रिया करायी हुई थी। जिससे मोनू के सीने में दर्द रहता है मोनू ने अपने आप को अच्छे से अच्छे डाक्टरों को दिखाया किन्तु कोई लाभ नहीं मिला तब मोनू एक बाबा से मिला उसने बताया कि तुम पर किसी ने तांत्रिक क्रिया की हुई है। मोनू को कोई दवाई आराम नही करती।
एक दिन मोनू ने बीयर पी ली इसके बाद संजय ने मोनू की डन्डे से बहुत पीटाई की थी। मोनू के लगने लगा था कि संजय (मोनू का मामा) एक ना एक दिन उसे जान से मार देगा। इसी वजह से मोनू अपने घर से अलग घेर में खुद खाना बनाकर खाता था क्योकिं मोनू को लगने लगा था कि संजय मामा उसे खाने में कुछ देकर भी मार सकता है। इसी वजह से मोनू ने मामा संजय को मारने की ठान ली थी।
संजय मामा अपने पास तंमचा रखता था एक दिन मौका देखकर संजय मामा का तंमचा चुराकर अपने पास रख लिया था और संजय को मारने की फिराक में लग गया था। 28 जुलाई की रात बारिश का मौसम होने के कारण संजय मामा छत पर न सोकर बरामदे में लेटा था । मोनू ने देखा आज मौका बहुत अच्छा है कोई देखने वाला नही है । मोनू ने चुराये हुए संजय मामा के तंमचे से उसके सिर में गोली मार दी थी । संजय मामा की मौके पर ही मौत हो गयी थी। हत्या करने के बाद मोनू तत्काल मौके से भाग गया। जिस तंमचे से मोनू ने संजय मामा को मारा है वह तंमचा घेर के पीछे चरी के खेत में छुपा दिया था।