शामली। एनजीटी ने शामली और सहारनपुर जिलों में खोखरी नदी की वर्तमान स्थिति को प्रदूषण और अतिक्रमण के कारण गंभीर माना है। अधिकारियों के पिछले प्रयासों के बावजूद स्थिति में सुधार नहीं हुआ है, जिससे दिल्ली में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की प्रिंसिपल बेंच को हस्तक्षेप करना पड़ा। एनजीटी ने नदी पर अतिक्रमण करने वालों पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं। इस संबंध में शामली और सहारनपुर के जिलाधिकारी को भी पत्र भेजा गया है। आदेश के बाद जिला परियोजना अधिकारी के नेतृत्व में टीम नदी पर अतिक्रमण करने वालों का ब्योरा तैयार करने में जुट गई है। जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी ,अपर जिलाधिकारी, प्रभागीय वनाधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड शामली को सभी दस्तावेज़ भेजने के निर्देश दिए हैं।
दरअसल खोखरी नदी में हो रहे अतिक्रमण, प्रदूषण को लेकर अमित कुमार ने याचिका लगाई थी, जिस पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने भारत सरकार के जल संसाधन नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग और शामली, सहारनपुर के जिलाधिकारियों, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को तत्काल कार्रवाई करने का आदेश दिए हैं। उन्हें नदी के विभिन्न जगहों से पानी के नमूने एकत्र करने, उनका सावधानीपूर्वक विश्लेषण करने और प्रदूषण के मूल कारणों की पहचान करने को कहा गया है। इसके अलावा उन्हें नदी के स्वास्थ्य को बहाल करने के लिए प्रभावी उपचारात्मक उपाय प्रस्तावित करने के भी आदेश दिए गए हैं।
जिला परियोजना अधिकारी डॉ. सोनू के अनुसार 10 मई को होने वाली अगली सुनवाई से कम से कम एक सप्ताह पहले उनके निष्कर्षों का विवरण देने वाली एक रिपोर्ट ट्रिब्यूनल को प्रस्तुत करनी है। इस निर्देश का उद्देश्य खोखरी नदी से होने वाले पर्यावरणीय क्षरण को संबोधित करना है और स्थिति को रेखांकित करना है। डीएम रविंद्र सिंह ने भी मुख्य विकास अधिकारी, एडीएम, वन विभाग के अधिकारियों, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को पत्र भेजकर अतिक्रमण करने वालों पर शिकंजा कसने को कहा है।