बागपत। बागपत चीनी मिल को चले हुए अभी 40 घंटे भी नहीं हुए और 35 बार बंद हो गई है। मिल बंद होने के कारण किसानों को घंटों तक लाइन में लगना पड़ा। मिल चलने के कुछ देर बाद ही बंद हो जाती है। ऐसे में किसान काफी परेशान हो रहे हैं और रातभर गन्ना डालने के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। वहीं किसानों ने प्रदर्शन करते हुए मिल को सही तरीके से चलाने की मांग की है।
बागपत चीनी मिल को विधिवत रूप से मंगलवार को चालू किया गया था और मिल चालू होते ही 15 मिनट में बंद हो गई। एक बार बंद होने पर 20 मिनट बाद मिल चल रही थी। ऐसे में किसान भी लाइन में खड़े होकर इंतजार करते नजर आए। मिल में बसा टीकरी, काठा, पाली, नयागांव हमीदाबाद, सिसाना, गौरीपुर, मीतली, डौला, मवीकलां, खेकड़ा व बागपत के किसान गन्ना लेकर पहुंचे थे। मंगलवार को तो मिल की स्थिति काफी खराब रही और बुधवार को भी मिल सही तरीके से नहीं चल पाई। दूसरे दिन भी मिल में तकनीकि खराबी रही। दो दिन में 35 बार बंद हो चुकी है।
किसानों ने प्रदर्शन करते हुए कहा कि 65 साल पुरानी मिल में कोई भी कार्य नहीं किया जा रहा है। मिल की सभी मशीनें पुरानी हो चुकी हैं और सही से काम नहीं करती हैं। यदि जल्द ही मिल की हालत सही नहीं की गई तो वह आंदोलन करेंगे।
चीनी मिल के बाहर किसान भवन के पास पानी की टंकी लगी है, लेकिन उसमें पानी नहीं आ रहा है। किसानों का आरोप है कि उनके लिए पानी की व्यवस्था तक नहीं की गई है। ऐसे में उन्हें गांव के हैंडपंप से पानी लाना पड़ता है। मिल प्रशासन भी उनकी समस्या की तरफ ध्यान नहीं दे रहा है। किसान भवन में जगह-जगह मिट्टी होने के कारण बैठा भी नहीं जाता है। किसान भवन की सफाई तक नहीं कराई गई है।
बागपत चीनी मिल मंगलवार को चालू हो गई थी और पहले दिन 18 हजार क्विंटल गन्ने की पेराई हुई और बुधवार को 23 हजार क्विंटल गन्ना पेराई होने की उम्मीद है। मिल की क्षमता 25 हजार क्विंटल रोजाना गन्ना पेराई करने की है। यदि मिल सही चली तो रोजाना 25 हजार क्विंटल गन्ना पेराई किया जाएगा।
मिल मंगलवार व बुधवार को कई बार बंद हुई थी। धीरे-धीरे मिल चलने लगेगी, क्योंकि मिल चलने में समय लगता है। बॉयलर व टरबाइन शुरू में सही से काम नहीं करते हैं और तीन से चार दिन ठीक से चलने के लिए लेते हैं।
-राजदीप, मुख्य गन्ना अधिकारी